Omicron: WHO के इंडिया हेड बोले- पहले सबको वैक्सीनेट करें, booster dose बाद में

WHO इंडिया के हेड डॉ. रोड्रिको ऑफ्रीन का कहना है कि भारत को पहले अपनी योग्य आबादी को वैक्सीनेट करने पर ध्यान देना चाहिए, बूस्टर डोज (booster dose) के पीछे भागना अभी सही नहीं है.

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देश की 50 फीसदी से ज्यादा आबादी को दोनों डोज लग चुकी है. (फाइल फोटो-PTI) देश की 50 फीसदी से ज्यादा आबादी को दोनों डोज लग चुकी है. (फाइल फोटो-PTI)

स्नेहा मोरदानी

  • नई दिल्ली,
  • 07 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 7:08 AM IST
  • ओमिक्रॉन के बाद बूस्टर डोज पर बहस तेज
  • WHO इंडिया के हेड बोले- वैक्सीनेशन जरूरी

दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variant) ने चिंता बढ़ा दी है. भारत में ओमिक्रॉन वैरिएंट के अब तक 23 मामले सामने आ चुके हैं. इस बीच वैक्सीन की बूस्टर डोज (Booster Dose) को लेकर भी बहस छिड़ गई है.

हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का मानना है कि पहले पूरी वयस्क आबादी को वैक्सीनेट करने पर ध्यान देना चाहिए. बूस्टर डोज के लिए इंतजार किया जा सकता है.

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WHO इंडिया के हेड डॉ. रोड्रिको ऑफ्रीन (Dr Roderico Ofrin) ने कहा कि संक्रमण को रोकने के लिए पहले पूरी आबादी को वैक्सीनेट करने की एप्रोच सही है. उन्होंने कहा कि नया वैरिएंट वैक्सीन को बेअसर करने में सक्षम है या नहीं, इसे लेकर अभी कुछ साफ नहीं है, इसलिए पहले पूरी आबादी को वैक्सीनेट करने की बजाय बूस्टर डोज के पीछे भागना सही नहीं है.

इम्युनाइजेशन पर WHO का टेक्नीकल ग्रुप जिसे स्ट्रैटजिक एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्युनाइजेशन या SAGE भी कहते हैं, उसकी मीटिंग आज (7 दिसंबर) होनी है. इस मीटिंग में बूस्टर डोज को लेकर चर्चा होनी है. 

ये भी पढ़ें-- Omicron को रोकने के लिए क्या फिर पड़ेगी भारत में लॉकडाउन की जरूरत? जानें एक्सपर्ट्स के जवाब

वहीं, भारत में भी बूस्टर डोज को लेकर नेशनल टेक्नीकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्युनाइजेशन (NTAGI) की सोमवार को अहम बैठक हुई. हालांकि, सूत्रों ने बताया कि अभी तक स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) को NTAGI ने बूस्टर डोज को लेकर कोई सिफारिश नहीं की है. 

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इसी बीच भारत दूसरी डोज का कवरेज बढ़ाने पर जोर दे रहा है. सरकार की ओर से चलाया जा रहा 'हर घर दस्तक अभियान' इसमें काफी मददगार है. भारत में अभी तक 50 फीसदी से ज्यादा वयस्क आबादी को दोनों डोज दी जा चुकी है. जबकि, 85 फीसदी आबादी ऐसी है जिसे वैक्सीन की एक डोज लग चुकी है. इस पर डॉ. ऑफ्रीन ने कहा कि 10 महीनों में 1 अरब डोज लगाने उल्लेखनीय है.

उन्होंने कहा, 'नए वैरिएंट के कारण भविष्य अनिश्चित है.' हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि अब हमारे पास नए मामलों में संभावित बढ़ोतरी को रोकने के संसाधन भी हैं. उन्होंने कहा कि संक्रमण को रोकने के लिए ज्यादा से ज्यादा आबादी को वैक्सीनेट करना जरूरी है ताकि इसकी चेन को तोड़ जा सके.

 

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