6 मिनट वॉक, न करें रेमडेसिविर का इस्तेमाल, बच्चों को लेकर केंद्र की कोरोना गाइडलाइंस

तीसरी लहर में बच्चों पर सबसे अधिक खतरा बताया जा रहा है, ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा बच्चों को लेकर कुछ गाइडलाइन्स जारी की गई हैं. केंद्र ने कहा है कि कोरोना संकट में बच्चों पर रेमडेसिविर का इस्तेमाल ना किया जाए, वहीं HRCT का इस्तेमाल काफी सोच-समझकर ही किया जाए.

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बच्चों को लेकर जारी की गई हैं गाइडलाइन्स (फाइल फोटो) बच्चों को लेकर जारी की गई हैं गाइडलाइन्स (फाइल फोटो)

स्नेहा मोरदानी

  • नई दिल्ली,
  • 10 जून 2021,
  • अपडेटेड 12:36 PM IST
  • कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी
  • बच्चों के लिए केंद्र सरकार द्वारा गाइडलाइन्स जारी

देश में कोरोना की दूसरी लहर का असर कम हो गया है और अब सरकार की ओर से तीसरी लहर के लिए तैयारी की जा रही है. तीसरी लहर में बच्चों पर सबसे अधिक खतरा बताया जा रहा है, ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा बच्चों को लेकर कुछ गाइडलाइन्स जारी की गई हैं. केंद्र ने कहा है कि कोरोना संकट में बच्चों पर रेमडेसिविर का इस्तेमाल ना किया जाए, वहीं HRCT का इस्तेमाल काफी सोच-समझकर ही किया जाए.

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केंद्र द्वारा बच्चों के लिए जारी की गई गाइडलाइन्स की मुख्य बातें: 

-    स्टेरॉइड्स का इस्तेमाल सिर्फ अस्पताल में भर्ती गंभीर मरीज के लिए किया जाए. स्टेरॉइड्स का इस्तेमाल सही वक्त पर, सही मात्रा में और सही निगरानी में किया जाए. घर पर खुद इसका इस्तेमाल ना करें. 
-    बच्चों के लिए रेमडेसिविर जैसी दवाई का इस्तेमाल ना करें. 18 साल से बच्चों पर रेमडेसिविर के इस्तेमाल के फायदे का कोई मजबूत डाटा उपलब्ध नहीं है. 
-    हाई रेजोल्यूशन सीटी का इस्तेमाल बेहद सोच समझकर किया जाना चाहिए, ताकि किसी पर इसका गलत असर ना पड़े. 

बिना लक्षण वाले या हल्के लक्षण वाले मामलों के लिए...

-    कोविड एक वायरल इन्फेक्शन है, ऐसे में antimicrobials का इलाज में कोई खास रोल नहीं है. ऐसे में बच्चों के लिए इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. 
-    बिना लक्षण वाले कोरोना पीड़ित बच्चों के लिए किसी खास इलाज की बात नहीं कही गई है. हालांकि, कोविड गाइडलाइन्स का पालन और पौष्टिक खाना देने की सलाह है.  
-    हल्के लक्षण होने पर 10-15 MG पैरासिटामोल दी जा सकती है, वो भी बुखार होने पर 4-6 घंटे के अंतर पर ही दिया जा सकता है. बड़े उम्र के बच्चों के लिए नमक के गरारे करने की सलाह. 

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गंभीर लक्षण वाले बच्चों के लिए....

-    अगर किसी बच्चे में कोरोना के गंभीर लक्षण हैं तो ऑक्सीजन थेरेपी की सलाह दी गई है. 
-    12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए 6 मिनट का वॉक टेस्ट का सुझाव, ये वॉक टेस्ट किसी की निगरानी में होना चाहिए. बच्चे की उंगली पर ऑक्सीमीटर लगाएं और उसे 6 मिनट तक कमरे में ही चलने के लिए कहें. 

गौरतलब है कि एक्सपर्ट्स ने पहले ही चेतावनी दी है कि तीसरी लहर बच्चों पर असर डाल सकती है, हालांकि कुछ डॉक्टर्स ने कहा है कि ऐसा कोई डाटा नहीं है. लेकिन उसको लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. देश में अब बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल भी किया जा रहा है. 


 

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