कोरोनाः बूस्टर के रूप में मॉडर्ना की वैक्सीन कारगर नहीं, ऐसा क्यों कहा एक्सपर्ट्स ने

अमेरिका में मॉडर्ना वैक्सीन की बूस्टर डोज को मंजूरी मिलने में अभी और इंतजार करना पड़ सकता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि उसकी बूस्टर डोज असरदार नहीं है.

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मॉडर्ना ने बूस्टर डोज को मंजूरी देने की मांग की थी. (फाइल फोटो-PTI/AP) मॉडर्ना ने बूस्टर डोज को मंजूरी देने की मांग की थी. (फाइल फोटो-PTI/AP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 2:54 PM IST
  • मॉडर्ना की बूस्टर डोज को मंजूरी नहीं
  • वैज्ञानिक बोले- बूस्टर डोज असरदार नहीं

अमेरिका के फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) के वैज्ञानिकों का कहना है कि मॉडर्ना की कोविड वैक्सीन (Moderna Covid Vaccine) की बूस्टर डोज (Booster Dose) ज्यादा कारगर नहीं है. हालांकि, वैज्ञानिकों ने ये भी कहा कि इसकी दो डोज ही इतनी असरदार है कि बूस्टर डोज तय क्राइटेरिया पर फिट नहीं बैठ रही है. हालांकि, कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि मॉडर्ना ने जो डेटा दिया है वो काफी नहीं है और उससे स्थिति भी साफ नहीं हो रही है.

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न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने एफडीए के एक कर्मचारी के हवाले से बताया है कि मॉडर्ना के डेटा से पता चलता है कि इसकी बूस्टर डोज एंटीबॉडी तो बढ़ाती है, लेकिन डोज लगने से पहले और बाद में एंटीबॉडी के लेवल में ज्यादा फर्क नहीं आता है. 

मॉडर्ना ने 50 माइक्रोग्राम बूस्टर डोज के इस्तेमाल की अनुमति मांगी थी. ये मात्रा उसकी दोनों डोज से लगभग आधी है. कंपनी ने 65 साल और उससे ऊपर के लोगों के साथ-साथ ऐसे लोगों को बूस्टर डोज लगाने की मंजूरी मांगी थी, जिन्हें कोरोना (Corona) का ज्यादा खतरा है.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने इस साल की शुरुआत में ज्यादार वयस्क नागरिकों को बूस्टर डोज लगाने की घोषणा की थी. हालांकि, FDA के वैज्ञानिकों ने लैंसेट (Lancet) में छपे एक आर्टिकल के हवाले से कहा था कि सभी के लिए बूस्टर डोज के कारगर होने के कोई सबूत नहीं है.

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ये भी पढ़ें-- कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज कितनी कारगर? इजरायली हेल्थ मिनिस्ट्री की ये रिपोर्ट काफी कुछ कहती है

बूस्टर डोज की प्रभावशीलता का डेटा इजरायल से आया है, जहां ज्यादातर आबादी को फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन की बूस्टर डोज दी गई है. इजरायल ने इसका डेटा अमेरिकी सलाहकारों को सौंपा है. हालांकि, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन की बूस्टर डोज को लेकर अभी कोई डेटा नहीं है.

एक वैज्ञानिक डॉ. एरिक तोपोल कहते हैं कि मॉडर्ना की बूस्टर डोज को लेकर मिले डेटा में 'कई दिक्कतें' हैं. वो बताते हैं कि जो डेटा मिला है, वो बहुत लिमिटेड है और उससे पता नहीं चल रहा है कि बूस्टर डोज ने लोगों पर क्या और कितना असर डाला.

हालांकि, मॉडर्ना की बूस्टर डोज को अभी तक मंजूरी नहीं मिली है और इसको लेकर जल्द ही बैठक होने वाली है. मॉडर्ना के साथ-साथ जॉनसन एंड जॉनसन ने भी बूस्टर डोज को मंजूरी देने की मांग की है. उसने कहा है कि जिन्हें ज्यादा जोखिम है उन्हें दो महीने बाद ही बूस्टर डोज लगाने की मंजूरी दी जाए, जबकि बाकी लोगों को बूस्टर डोज के लिए दूसरे शॉट के बाद कम से कम 6 महीने का इंतजार करना चाहिए.

 

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