कोरोनाः वुहान लैब की जांच करना चाहता था WHO, चीन ने किया मना, बोला- ये विज्ञान का अपमान है

चीन का कहना है कि वो हैरान है कि WHO फिर से वुहान लैब की जांच करने का प्लान कर रहा है. उन्होंने कहा कि लैब लीक थ्योरी (Lab Leak Theory) एक ऐसी अफवाह है जो कॉमन सेंस के भी खिलाफ है और ये विज्ञान का भी अपमान है.

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वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (फाइल फोटो-PTI) वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (फाइल फोटो-PTI)

aajtak.in

  • बीजिंग,
  • 22 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 5:29 PM IST
  • वुहान लैब की फिर से जांच करना चाहता था WHO
  • चीन ने WHO के इस प्लान को किया खारिज

दुनिया भर में कोरोना का संक्रमण (Corona Virus) कैसे फैला? ये अभी तक रहस्य ही है. हालांकि, अभी भी अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों का मानना है कि ये वायरस चीन (China) के वुहान शहर में बनी एक लैब से लीक हुआ है. कई देश वुहान लैब (Wuhan Lab) की जांच की मांग उठा चुके हैं. लेकिन चीन है कि इस जांच से भाग रहा है.

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हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना की उत्पत्ति (Corona Virus Origin) के लिए चीन और वुहान लैब की दोबारा जांच करने का प्रस्ताव रखा था, जिसे चीन ने सिरे से खारिज कर दिया है. चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन (NHC) के वाइस मिनिस्टर जेंग यिक्सिन (Zeng Yixin) ने साफ कहा कि वो WHO के इस प्लान का पालन नहीं करेगा.

उन्होंने कहा कि वो हैरान हैं कि WHO फिर से वुहान लैब की जांच करने का प्लान कर रहा है. उन्होंने कहा कि लैब लीक थ्योरी (Lab Leak Theory) एक ऐसी अफवाह है जो कॉमन सेंस के भी खिलाफ है और ये विज्ञान का भी अपमान है.

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जेंग ने कहा कि, कोरोना वायरस दुनिया के कई देशों में फैल चुका था और दिसंबर 2019 में जब वुहान में ये फैला तो चीन ने सबसे पहले इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि जब WHO की टीम यहां आई थी तो चीन ने उन्हें हर उन जगह जाने दिया, जहां वो जाना चाहते थे. उन लोगों से मिलने दिया, जिनसे वो मिलना चाहते थे. 

उन्होंने कहा, 'हमें उम्मीद है कि WHO चीनी एक्सपर्ट की सलाह पर कोरोना की उत्पत्ति का पता वैज्ञानिक आधार पर लगाएगा, न कि किसी राजनीतिक दबाव में आकर पड़ताल करेगा.'

उन्होंने उस रिपोर्ट को भी खारिज कर दिया जिसमें अमेरिका ने आरोप लगाया था कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) के तीन कर्मचारियों से वायरस लीक हुआ था. उन्होंने दावा किया कि लैब में कोई वायरस नहीं बनाया गया है और न ही ऐसे किसी वायरस पर कोई रिसर्च की गई है.

 

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