चीन में ओमिक्रॉन के BA.5.2 और BF.7 वैरिएंट का कहर, सबसे तेजी से फैलते हैं ये वैरिएंट, जानिए ये कितने खतरनाक

चीन में कोरोना का संक्रमण बेकाबू हो चला है. स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि ओमिक्रॉन के दो सब-वैरिएंट्स BA.5.2 और BF.7 की वजह से संक्रमण बढ़ रहा है. ये दोनों ही सब-वैरिएंट्स कोरोना के बाकी वैरिएंट्स की तुलना में कहीं ज्यादा संक्रामक हैं. जानें कितने खतरनाक है ये सब-वैरिएंट्स?

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चीन में ओमिक्रॉन के दो सब-वैरिएंट्स तबाही मचा रहे हैं. (फाइल फोटो-PTI) चीन में ओमिक्रॉन के दो सब-वैरिएंट्स तबाही मचा रहे हैं. (फाइल फोटो-PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:03 PM IST

चीन में कोरोना की नई लहर तबाही मचा रही है. अस्पतालों के बाहर मरीजों की भीड़ बढ़ गई हैं. कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं है. कई लोग घर पर ही आइसोलेट हैं. एक्सपर्ट का तो ये भी कहना है कि तीन महीने में चीन में कोरोना की तीन लहरें आएंगे और उनमें से एक लहर का सामना अभी देश कर रहा है. 

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पर इस संक्रमण के बढ़ने की वजह क्या है? स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि चीन में कोरोना के मामलों के बढ़ने की वजह ओमिक्रॉन के दो सब-वैरिएंट्स- BA.5.2 और BF.7 है. ये दोनों ही बहुत संक्रामक वैरिएंट्स हैं. 

चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि मौजूदा लहर में लोगों के गले में गंभीर संक्रमण, शरीर में दर्द और हल्का या तेज बुखार जैसे लक्षण सामने आ रहे हैं. हालांकि, उनका ये भी दावा है कि ये डेल्टा वैरिएंट की तरह जानलेवा नहीं हैं.

क्या हैं BA.5.2 और BF.7?

BA.5.2 और BF.7, दोनों ही बहुत संक्रामक है. BA.5.2 ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट BA.5 का ही सब-लाइनेज है. BA.5.2 का पहला मामला इसी साल जुलाई में शंघाई में सामने आया था. तब अमेरिका से लौटे एक 49 साल के शख्स में ये वैरिएंट मिला था.

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वहीं, BF.7 भी ओमिक्रॉन के BA.5 का ही सब-लाइनेज है. ये भी बहुत संक्रामक है. चीन के ज्यादातर शहरों में BA.5.2 और BF.7 ही डोमिनेट कर रहे हैं और इस वजह से संक्रमण तेजी से फैल रहा है. BA.5.2 के मामले तो भारत में भी सामने आ चुके हैं.

कितने खतरनाक हैं ये दोनों?

सबसे पहली बात तो यही है कि ये दोनों ही सब-वैरिएंट्स कोरोना के बाकी वैरिएंट्स की तुलना में कहीं ज्यादा संक्रामक हैं. 

BF.7 का RO यानी रिप्रोडक्शन नंबर तो 10 से 18.6 के बीच का है. इसका मतलब ये हुआ कि अगर कोई व्यक्ति BF.7 से संक्रमित होता है तो वो 10 से 18.6 लोगों को भी संक्रमित कर सकता है.

चिंता की बात एक ये भी है कि ज्यादातर संक्रमितों में कोई लक्षण भी नहीं दिखता है. इस वजह से अनजाने में ये संक्रमण और तेजी से दूसरों में फैलने का खतरा है.

सबसे ज्यादा चिंता बढ़ाने वाली बात ये है कि ये दोनों ही सब-वैरिएंट्स वैक्सीन और नैचुरल तरीके से बनी इम्युनिटी को भी चकमा दे सकते हैं. यानी, आप भले ही पूरी तरह वैक्सीनेटेड हों या बूस्टर डो ले चुके हों या फिर पहले कोरोना से संक्रमित हो चुके हों, तब भी इन सब-वैरिएंट्स से आप फिर से संक्रमित हो सकते हैं.

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चीन में आने वाली हैं तीन लहरें

चीन के महामारी विशेषज्ञ वू जुन्यो का कहना है कि चीन में तीन महीने में तीन लहरें आ सकतीं हैं. उन्होंने दावा किया कि चीन अभी पहली लहर का सामना कर रहा है और इसका पीक मिड-जनवरी में आ सकता है. 

उन्होंने कहा कि 21 जनवरी से चीन का लूनार न्यू ईयर भी शुरू हो रहा है और इस वजह से लोग ट्रैवल करेंगे, जिस कारण दूसरी लहर शुरू होगी. इस दौरान लाखों लोग ट्रैवलिंग करते हैं. इसलिए जनवरी के आखिर से दूसरी लहर शुरू हो सकती है जो मिड-फरवरी तक चलेगी.

जबकि, तीसरी लहर फरवरी के आखिर से शुरू होने का अंदेशा है. वू जुन्यो का कहना है कि हॉलीडे के बाद लोग फिर से ट्रैवल करेंगे और इस कारण तीसरी लहर शुरू हो सकती है. तीसरी लहर फरवरी के आखिर से मिड-मार्च तक चल सकती है.

 

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