बंगाल: वैक्सीन के दामों में अंतर पर भड़कीं ममता, कहा- ये समय मदद का है व्यापार का नहीं

बैठक के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि मौजूदा समय में कोरोना से जंग मेरी प्राथमिकता है. हमने कई सेफ हाउस को अस्पतालों से अटैच किया है. हमारे पास 11 हजार बेड्स हैं. हम इसे बढ़ाकर जल्द ही 13 हजार करेंगे.

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ममता बनर्जी ने कहा कि कोरोना से जंग हमारी प्राथमिकता है. (फाइल फोटो) ममता बनर्जी ने कहा कि कोरोना से जंग हमारी प्राथमिकता है. (फाइल फोटो)

इंद्रजीत कुंडू

  • कोलकाता,
  • 21 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 6:05 PM IST
  • ममता ने कहा- पीएम को लिखूंगी पत्र
  • वैक्सीन को लेकर भेदभाव नहीं होना चाहिए

पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं. ऐसे में बुधवार को राज्य की सीएम ममता बनर्जी ने प्राइवेट अस्पतालों के प्राधिकरणों संग बैठक की. बैठक के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि मौजूदा समय में कोरोना से जंग मेरी प्राथमिकता है. हमने कई सेफ हाउस को अस्पतालों से अटैच किया है. हमारे पास 11 हजार बेड्स हैं. हम इसे बढ़ाकर जल्द ही 13 हजार करेंगे.

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केंद्र और राज्यों को अलग-अलग दाम पर वैक्सीन मिलने को लेकर ममता बनर्जी ने विरोध जताया. ममता बनर्जी ने कहा कि सीरम केंद्र को 150 रुपये में वैक्सीन दे रही है और राज्यों को 400 में खरीदना होगा. यह सही नहीं है. मैं इसे लेकर केंद्र को पत्र लिखूंगी. क्या यह समय बिजनेस का है? यह आपात स्थिति है. मैं पीएम को पत्र लिखूंगी. वैक्सीन को लेकर भेदभाव नहीं होना चाहिए. आपदा की इस घड़ी में आपको लोगों की मदद करनी चाहिए, व्यापार नहीं.

ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग से अपील की कि कॉविड मरीज जो आइसोलेशन में हैं या अस्पताल में हैं उनको पोस्टल बैलेट के जरिए वोट देने की सुविधा दी जाए. ममता ने बताया कि राज्य के सरकारी और निजी अस्पतालों में कोरोना के 6793 मरीज हैं. हमने 7326 ऑक्सीजन बेड्स के साथ 80 निजी अस्पातल लिए हैं. यह आपदा है, आपातकाल है, राज्य के अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत है. कोरोना वैक्सीन खरीदने के लिए 100 करोड़ का फंड बनाया गया है. हमने 93 लाख डोज दिया है. हमने केंद्र से तुरंत वैक्सीन की एक करोड़ डोज देने की मांग की है.

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ममता ने कहा कि हमने पहले ही 200 सेफ हाउस बनाया है. 70 डॉक्टर टेलीमेडिसिन सुविधा का नेतृत्व कर रहे हैं. मैं लोगों से अपील करती हूं कि लोग पैनिक ना करें. जिन लोगों में कोरोना के लक्षण नहीं हैं, उन्हें अस्पताल जाने की जरूरत नहीं है. ऐसे लोग घर पर रहें या फिर सेफ हाउस में जाएं जिससे कि अस्पताल में बेड्स भरे नहीं.


 

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