देश में कोरोना वैक्सीनेशन का दूसरा फेज आज से शुरू हो गया है. 60 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को अब वैक्सीन लगनी शुरू हो चुकी है. इसके अलावा गंभीर बीमारियों से पीड़ित 45 साल से ज्यादा उम्र के लोग भी कोरोना वैक्सीन लगवा सकते हैं. यही नहीं कोरोना के खिलाफ लड़ी जा रही इस जंग की बड़ी बात यह है कि अब प्राइवेट अस्पतालों में भी वैक्सीन मिल रही है.
फिलहाल भारत में जो कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही हैं उनकी दो डोज लगवानी जरूरी हैं. वैक्सीन के दोनों डोज के बीच 28 दिन (4 हफ्ते) का गैप रखने की बात कही गई है. वैक्सीनेशन की इसी प्रक्रिया से जुड़ा एक सवाल लोगों को परेशान कर रहा है.
ये सवाल यह है कि क्या अगर कोई व्यक्ति किसी वैक्सीनेशन सेंटर पर वैक्सीन की पहली डोज लेता है, लेकिन दूसरी डोज लेने से पहले उसे किसी अन्य जगह जाना पड़ जाता है, तो ऐसी स्थिति में उसे क्या करना होगा. क्या वह दूसरे शहर या दूसरे वैक्सीनेशन सेंटर पर वैक्सीन की दूसरी डोज ले सकता है.
'जहां ली वैक्सीन की पहली डोज वहीं लगवानी होगी दूसरी डोज'
इस सवाल का जवाब जानने आजतक की टीम गाजियाबाद स्थित यशोदा अस्पताल की नोडल ऑफिसर डॉक्टर रूबी बंसल के पास पहुंची.
अलग वैक्सीनेशन सेंटर से जुड़े सवाल के जवाब में डॉक्टर बंसल ने कहा, "अगर किसी ने अपने आपको एक टीके के लिए रजिस्टर किया है तो वह ऑटोमेटिकली दूसरे टीके के लिए भी रजिस्टर्ड हो जाएगा. इसीलिए जो जहां पर टीका लगवा रहा है उसको दूसरी बार भी वहीं पर टीका लगवाना होगा."
डॉक्टर बंसल ने आगे कहा, "अभी तक सरकार ने ऐसी कोई गाइडलाइन तय नहीं की है कि कोई व्यक्ति दूसरी जगह या दूसरे राज्य में टीका लगवा सकता है. टीका लगवाने के लिए 4 से 6 हफ्ते का विंडो दिया गया है. अगर आप 28 दिन के बाद टीके की दूसरी डोज नहीं लगवा पाते हैं तो आप इसे 6 हफ्ते के भीतर लगवा सकते हैं."
पहली और दूसरी डोज में न बदलें वैक्सीन का ब्रांड
इसके साथ ही उन्होंने आगाह किया कि आपने कोरोना से बचने के लिए जो भी टीका चुना है चाहे वह कोवैक्सीन हो या कोविशील्ड हो, आपको वैक्सीन की दूसरी डोज भी उसी की लगवानी होगी जो आपने पहले डोज के रूप में लगवाई है.
'वैक्सीनेशन में लगता है वक्त, समय निकाल कर आएं'
वैक्सीनेशन में लगने वाले समय पर बात करते हुए डॉक्टर बंसल ने कहा कि इसमें कम से कम 1 घंटे का वक्त लगता है. क्योंकि करीब आधे घंटे तो वैक्सीन लगने के बाद आपको ऑब्जरवेशन में रखा जाएगा. इसलिए लोगों को हड़बड़ी में टीका लगवाने के लिए नहीं आना चाहिए. उन्हें वैक्सीनेशन के लिए समय निकाल कर आना चाहिए.
उन्होंने कहा, "लोगों को पैनिक नहीं करना है. साथ ही साथ कोई एंग्जाइटी टीका लगवाते समय नहीं होनी चाहिए. इसीलिए जब भी टीका लगवाने के लिए आएं तो समय निकालकर आएं. आप को टीका लगने के बाद आधे घंटे ऑब्जरवेशन में भी रखा जाएगा. इसीलिए कभी भी हड़बड़ी में टीका लगवाने के लिए नहीं आएं. टीकाकरण में कम से कम 1 घंटे का वक्त तो लगेगा ही."
'ऑनलाइन नहीं कराया रजिस्ट्रेशन तो लगेगा वक्त'
डॉक्टर रूबी बंसल ने बताया कि वैक्सीनेशन ड्राइव का दूसरा फेज अब शुरू किया गया है. इसके लिए आपको अपना परिचय पत्र चाहे वह वोटर आईडी कार्ड हो, आधार कार्ड हो या ड्राइविंग लाइसेंस हो, उसको अपलोड करना होगा. आपको वहीं पर अपनी सुविधा के अनुसार वैक्सीनेशन सेंटर भी चुनना होगा.
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी को अपने आप को वैक्सीनेशन के लिए रजिस्टर करवाना है तो उसके लिए कोविन ऐप जरूरी है. अगर आप ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन न करा कर वैक्सीनेशन सेंटर पर रजिस्ट्रेशन कराते हैं तो इसमें थोड़ा वक्त लग सकता है.
कुमार कुणाल