कोरोना: न बिजली...न जनरेटर...संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार रुका, परिजन भड़के

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार करने में सिर्फ इसलिए देर हो गई, क्योंकि घाट पर न लाइट थी और न ही जनरेटर. करीब आधे घंटे बाद वहां लाइट आई. तब तक वहां शवों की लाइन लग गई थी.

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आशीष श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 06 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 11:55 AM IST
  • राजधानी लखनऊ के गुलाला घाट का मामला
  • बिजली के न होने से नहीं हो सका अंतिम संस्कार

देश भर में कोरोना की रफ्तार फिर बढ़ती जा रही है, तो दूसरी तरफ व्यवस्थाओं की पोल भी खुलती जा रही है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार करने में सिर्फ इसलिए देर हो गई, क्योंकि घाट पर उस वक्त बिजली चली गई थी और वहां जनरेटर का इंतजाम भी नहीं था. करीब आधे घंटे बाद वहां बिजली आई. लेकिन तब तक परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया.

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मामला लखनऊ के गुलाला घाट का है. यहां हाल ही में इलेक्ट्रिक शवदाह शुरू हुआ है. लेकिन सोमवार को जब परिजन कोरोना संक्रमितों के शव लेकर पहुंचे, तो यहां बिजली ही नहीं थी. सुबह करीब 11 बजे अचानक बिजली चली गई. जनरेटर भी मौके पर मौजूद नहीं था. करीब आधे घंटे बाद बिजली आई. लेकिन तब तक यहां शवों की लाइन लग गई. देखते ही देखते चार शव यहां पहुंच गए. इसके बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. उसके बाद बिजली आने पर बारी-बारी से अंतिम संस्कार किया गया.

गुलाला घाट में सिर्फ बिजली की ही नहीं, बल्कि बुनियादी सुविधाओं की भी कमी देखी जा रही है. यहां कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार करने वाले लोगों को पीपीई किट भी नहीं मिल पा रही है, जिसकी वजह से वो अपनी जान पर खेलकर काम कर रहे हैं.

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अपर नगर आयुक्त अमित कुमार से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि कुछ फॉल्ट की वजह से आधे घंटे के लिए शटडाउन कर दिया गया था और जरूरी काम के लिए जनरेटर को भी बाहर भेजना पड़ा था. इस कारण थोड़ी देर के लिए यहां अंतिम संस्कार रुक गया. उन्होंने बताया कि अगले दिन यहां जनरेटर आ जाएगा. 

उत्तर प्रदेश में सोमवार को बीते 24 घंटे में कोरोना के 3,999 नए मामले सामने आए. 13 मौतें दर्ज हुईं. जबकि राजधानी लखनऊ में 1,133 मामले सामने आए और 5 मौतें हुईं. उत्तर प्रदेश में अब तक कोरोना के 6,02,319 मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 8,894 लोगों की मौत हो चुकी है. फिलहाल यहां 22,820 मरीजों का इलाज चल रहा है.

 

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