ब्रिटेन ने कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया है. भारत के लोग भी कोरोना वैक्सीन का इंतजार कर रहे हैं. इस बीच भारत और दुनिया की तीन नामी गिरामी वैक्सीन कंपनियं फाइजर, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक ने भारत में कोरोना वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति सरकार से मांगी है.
इन तीनों कंपनियों ने भारत सरकार की संस्था सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) से कोरोना वैक्सीन के आपात प्रयोग की परमिशन मांगी है. CDSCO की एक्सपर्ट कमेटी आज इन तीन कंपनियों की मांग पर फैसला करेगी. इसी के साथ यह तय हो जाएगा कि भारत में कोरोना की पूर्ण विकसित वैक्सीन कब तक बाजार में आएगी.
तीन कंपनियों ने मांगी है अनुमति
बता दें कि हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने 7 दिसंबर को, अमेरिकी कंपनी फाइजर ने 4 दिसंबर को और ऑक्सफोर्ड के लिए कोरोना वैक्सीन बनाने वाले सीरम इंस्टीट्यूट ने 6 दिसंबर को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की इजाजत मांगी थी.
फाइजर को ब्रिटेन में अपने वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मिल चुकी है. इसके बाद मंगलवार को वहां 90 साल की एक महिला को वैक्सीन लगाया गया.
पीटीआई के मुताबिक DCGI ने इन आवेदनों को CDSCO की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी के पास भेज दिया है.
सूत्रों के मुताबिक CDSCO की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी इन आवेदनों पर विचार करने के बाद अपनी सिफारिशें DGCI को भेजेगी और ये बताएगी कि किन कंपनियों को कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत दी जाए. इस लिहाज से कोरोना कोरोना वैक्सीन के विकासक्रम में आज का दिन अहम रहने वाला है.
क्या है CDSCO, क्या करती है काम
बता दें कि Central Drugs Standard Control Organisation (CDSCO) भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत काम करने वाली राष्ट्रीय नियामक संस्था है. यानी कि यही संस्था नई दवाओं/वैक्सीन को लॉन्च करने की इजाजत जो भारतीय दवा कंपनियों और मेडिकल डिवाइस बानाने वाली कंपनियों के उत्पादों पर नजर रखती है.
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इसका काम अमेरिकी एजेंसी FDA जैसा ही है. ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत CDSCO को दवाओं के एप्रूवल, क्लिनिक्ल ट्रायल पर नजर, दवाओं के लिए मानक तय करना, दूसरे देश से आयातित दवाओं की गुणवत्ता पर नजर रखना, स्टेट ड्रग्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन से समन्वय स्थापित करना शामिल है.
इसके अलावा CDSCO राज्य की नियामक संस्थाओं के साथ मिलकर संयुक्त रूप से विशेष दवाओं और वैक्सीन के लिए लाइसेंस भी जारी करता है.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 दिसंबर को राज्य सरकारों के साथ कोरोना वैक्सीन पर चर्चा के दौरान कहा था कि देश को जल्द ही कोरोना की वैक्सीन उपबल्ध हो सकती है.
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