कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए हैदराबाद में बनी एक वैक्सीन का ट्रायल चूहों और खरगोशों पर सफल रहा है. अब पूरे देश में इस वैक्सीन का इंसानी क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया जाएगा. देश के 13 संस्थानों में इन वैक्सीन का ट्रायल होगा. ट्रायल के लिए 6 महीने का समय तय किया गया है. (फोटोः रॉयटर्स)
इस वैक्सीन का नाम है कोवैक्सीन. इसे हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ने बनाया है. इस वैक्सीन का ट्रायल पहले स्टेज में 18 से 55 साल और दूसरे स्टेज में 12 से 65 साल की उम्र के लोगों पर होगा. (फोटोः रॉयटर्स)
देशभर में ये ट्रायल दो स्टेज में 375 और 750 लोगों पर किया जाएगा. 28 दिन चलने वाली प्रक्रिया में सबसे पहले वॉलंटियर्स से सहमति पत्र लिया जाएगा. इसके बाद हेल्थ व कोरोना टेस्ट कराया जाएगा. रिपोर्ट आने के बाद वैक्सीन की डोज दी जाएगी. (फोटोः रॉयटर्स)
14 दिन बाद दोबारा डोज दी जाएगी. इसके 14 दिन बाद ब्लड सैंपल में इम्यूनोग्लोबिन को जांचा जाएगा, ताकि यह पता चल सके कि उनके शरीर में वायरस से लड़ने की क्षमता कितनी बढ़ी है. क्योंकि जब भी किसी को वायरस से लड़ने की वैक्सीन दी जाती है तो उसमें इम्यूनिटी सेल एक्टिवेट होते हैं. (फोटोः रॉयटर्स)
वैक्सीन लगने के बाद वॉलंटियर्स में वायरस से लड़ने की क्षमता यदि चार गुना तेजी से बढ़ती है तो ये माना जाता है कि वैक्सीन कारगर है. (फोटोः AFP)
हेल्थ यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ. ओपी कालरा ने बताया कि इस वैक्सीन का चूहों और खरगोश पर ट्रायल सफल रहा है. ऐसा कोरोना वायरस को खत्म करके एंटीबॉडी बनाने के लिए किया गया था. अब इंसानों पर ट्रायल किया जाएगा. इसके लिए 6 माह का समय है. वॉलंटियर्स को 3 और 6 मिलीग्राम का डोज दिया जाएगा. (फोटोः AFP)
जिन संस्थानों में इस वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल होगा वो हैं - नई दिल्ली और पटना एम्स, पीजीआई रोहतक, गोरखपुर राणा अस्पताल, कानपुर में प्रखर अस्पताल, नागपुर में गिल्लुकर मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल, गोवा में राधेकर अस्पताल, ओडिशा में एसयूएम अस्पताल, विशाखापट्टनम में किंग जॉर्ज अस्पताल, कर्नाटक के बेलगाम में जीवन रेखा अस्पताल, चेन्नई में एसआरएम अस्पताल, हैदराबाद में निम्स अस्पताल. (फोटोः AFP)
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने भी इस ट्रायल को अनुमति दे दी है. इस दवा को लेकर आईसीएमआर ने भी देश की इन सभी संस्थाओं को निर्देश जारी किए हैं. (फोटोः AFP)