भारत में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में करीब 13 फीसदी ही एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) महिलाओं के नेतृत्व में हैं, लेकिन इनका औसत प्रदर्शन अपने ग्रुप के अन्य फंड्स के मुकाबले बेहतर रहा है. मॉर्निंग स्टार (Morning Star) की एक रिपोर्ट में यह बताया गया है. हालांकि फंड मैनेजर्स की संख्या के लिहाज से देखें तो अभी भी महिलाएं इनका महज 8 फीसदी हिस्सा ही हैं.
रिपोर्ट के अनुसार 31 जनवरी 2021 तक भारत में महिलाओं के प्रबंधन वाले 80 फीसदी म्यूचुअल फंड एसेट ने अपने ग्रुप के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है.
रिपोर्ट के अनुसार भारत में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के 376 फंड मैनेजर्स में से केवल 30 महिलाएं हैं. इनमें भी कई सेकेंडरी मैनेजर स्तर पर हैं तो कई इक्विटी/डेट फंड के हेड के रूप में हैं.
महिला फंड मैनेजर्स की संख्या
रिपोर्ट में कहा गया है, 'फिलहाल महिला फंड मैनेजर्स की संख्या बढ़कर 30 हो गई है, जो पिछले साल तक 28 थीं. अगर कुल फंड मैनेजर्स की बात करें तो इनकी संख्या पिछले साल के 352 के मुकाबले इस साल 376 हो गई है. इस तरह म्यूचुअल फंड मैनेजर्स के लिहाज से देखें तो महिलाओं का प्रतिनिधित्व अब भी काफी कम है.'
रिपोर्ट के अनुसार म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के पास फंड मैनेजर्स द्वारा मैनेज किया जाने वाला कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 31 जनवरी 2021 तक 30.50 लाख करोड़ रुपये का था. इसमें से सिर्फ 4.11 लाख करोड़ रुपये के फंड का प्रबंधन महिला फंड मैनेजर्स के द्वारा किया जा रहा था.
मॉर्निंग स्टार ने कहा, 'पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं द्वारा प्रबंधित किए जाने एसेट में बढ़त हुई है, लेकिन कुल इंडस्ट्री के एसेट के फीसदी के लिहाज से देखें तो यह कोई बहुत उत्साहित करने वाली बात नहीं है.'
चमकीले बिंदु
लेकिन महिलाओं द्वारा प्रबंधित फंड में कई 'चमकीले बिंदु' जरूर दिख रहे हैं. Morningstar के सर्वे में कहा गया है, 'हमारे रिपोर्ट से यह पता चलता है कि महिला फंड मैनेजर्स के प्रबंधन के तहत आने वाला कुल ओपन एंडेड एसेट में से 80 फीसदी ने एक साल के आधार पर देखें तो अपने समान समूह के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है. इसी तरह तीन साल के आधार पर देखें तो भी 80 फीसदी एयूएम ने और 5 साल के आधार पर देखें तो 74 फीसदी एयूएम ने बेहतर प्रदर्शन किया है.
(www.businesstoday.in/के इनपुट परआधारित)
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