मुकेश अंबानी ने मनोज मोदी को क्यों किया 1500 करोड़ का घर गिफ्ट, जानिए इनसाइड स्टोरी

मुकेश अंबानी के राइट हैंड माने जाने वाले MM यानी मनोज मोदी के मुताबिक, 'रिलायंस ग्रुप में हमारा सिद्धांत बहुत सरल है, जब तक हर कोई हमारे साथ काम करते हुए पैसा नहीं कमाता, तब तक आपके पास एक स्थायी बिजनेस नहीं हो सकता. इन दिनों अंबानी द्वारा गिफ्ट किए गए 1500 करोड़ रुपये के घर को लेकर वे चर्चा में हैं.

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मुकेश अंबानी के राइटहैंड कहे जाते हैं मनोज मोदी मुकेश अंबानी के राइटहैंड कहे जाते हैं मनोज मोदी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 1:41 PM IST

बीते कुछ दिनों से एक नाम बेहद सुर्खियों में बना हुआ है. जी हां, हम बात कर रहे हैं रिलायंस रिटेल (Reliance Retail) और जियो (Reliance Jio) में डायरेक्टर मनोज मोदी (Manoj Modi) की, जिन्हें एशिया के सबसे शख्स मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) का राइट हैंड भी कहा जाता है. वे चर्चा का सबब इसलिए बने हुए हैं, क्योंकि उन्हें अंबानी ने 22 मंजिला इमारत गिफ्ट में दी है, जिसकी कीमत 1500 करोड़ रुपये बताई जा रही है. अब आप सोच रहे होंगे कि मुकेश अंबानी ने आखिर कंपनी में एक कर्मचारी को इतना बड़ा और महंगा तोहफा क्यों दिया? आइए जानते हैं इसकी इनसाइड स्टोरी...

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मोदी के मिला है काम का इनाम
मनोज मोदी के मिला ये गिफ्ट कंपनी में मिली बड़ी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाने, कंपनी की ग्रोथ में लगातार योगदान और बीते करीब चार दशक में कंपनी के अंदर और बाहर से उसे मजबूती देने के लिए जुटे रहने के चलते ही मिला है. भले ही मनोज मोदी पर्दे के पीछ रहते हों, लेकिन रिलायंस के हर बड़े फैसले में उनका योगदान बड़ा रहता है, फिर बात चाहे किसी नई डील की हो या फिर कंपनी से जुड़ा कोई अन्य मुद्दा. सब मामलों में मुकेश अंबानी को सबसे ज्यादा भरोसा किसी पर रहता है, तो वो शख्स मनोज मोदी ही है.

इन बड़ी डील्स में मनोज मोदी की भूमिका
अपनी काबिलियत और दिमाग के दम पर मनोज मोदी ने कई बड़ी डील्स कराने में अहम भूमिका निभाई है. ये वो सौदे रहे हैं जिनके जरिए रिलायंस ग्रुप आसमान की बुलंदियों पर पहुंचा है. इसका एक बड़ा उदाहरण रिलायंस जियो और फेसबुक के बीच हुआ सौदा भी है. अप्रैल 2020 में सोशल मीडिया दिग्गज फेसबुक (Facebook) के साथ रिलायंस जियो (Reliance Jio) की बिग डील में भी मनोज मोदी ने अगुवाई की थी. ये 43,000 करोड़ रुपये की डील थी और रिलायंस इंडस्ट्रीज को कर्जमुक्त बनाने में इस सौदे की भूमिका काफी अहम रही थी. 

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इसके अलावा रिलायंस के अन्य कई बड़े प्रोजेक्ट्स के पीछे भी मनोज मोदी रहे, इनमें हजीरा पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स, जामनगर रिफाइनरी, पहला टेलीकॉम बिजनस, रिलायंस रिटेल और 4जी रोलआउट शामिल हैं. इन तमाम प्रोजेक्ट्स की अगुवाई भी मनोज मोदी ने ही की है. बात करें रिलायंस ग्रुप के साथ संबंध की तो मनोज मोदी लगभग उतने ही साल से रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ जुड़े हुए हैं, जितने साल से मुकेश अंबानी अपने पारिवारिक कारोबार में भूमिका निभा रहे हैं. दरअसल, मनोज मोदी ने 1980 में रिलायंस ग्रुप ज्वाइन किया था और मुकेश अंबानी ने 1981 में अपने पिता के कारोबार में एंट्री की थी. 

मुकेश अंबानी के कॉलेज के दोस्त
Manoj Modi को ऐसे ही मुकेश अंबानी का राइट हैंड नहीं कहा जाता है. वे अंबानी के कॉलेज के जमाने के दोस्त भी हैं. अंबानी और मोदी मुंबई के यूनिवर्सिटी डिपार्टमेंट ऑफ कैमिकल टेक्नोलॉजी में बैचमेट थे और दोनों ने केमिकल इंजीनियरिंग (Chemical Engineering) में बैचलर डिग्री हासिल की है. अक्सर किसी बड़े फैसले पर मंथन के दौरान मनोज मोदी को अंबानी के साथ ही देखा जा सकता है.

एक और समानता दोनों दोस्तों में उनकी सादगी है, अंबानी और मोदी लाइमलाइट से दूर रहते हैं और बहद ही सादा पहनावे में दिखाई देते हैं. हालांकि, इस दोस्ती का 1500 करोड़ रुपये का घर गिफ्ट मिलने से कोई ताल्लुक नहीं है. बल्कि, ये बड़ा गिफ्ट कुल मिलाकर ,मनोज मोदी पर मुकेश अंबानी के भरोसे और मोदी द्वारा हर कदम पर उस भरोसे को कायम रखने का तोहफा कहा जा सकता है. 

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मनोज मोदी का ये है काम करने का तरीका!
आखिर किसी डील या मुद्दे को लेकर मनोज मोदी ऐसा क्या खास करते हैं, जिससे वो मुकाम पर पहुंचती है? तो अपने काम करने के तरीके के बारे में खुद मनोज मोदी ने एक कार्यक्रम के दौरान जिक्र किया था. मनोज मोदी ने कहा था, 'मैं वास्तव रणनीति नहीं समझता और मेरे पास कोई दिव्य दृष्टि भी नहीं है. मैं अपनी टीम के लोगों से बातचीत करता हूं, उन्हें प्रशिक्षित करता हूं, उनका मार्गदर्शन करता हूं और कोई काम कैसे किया जा सकता है, इस पर आगे बढ़ने का हौसला देता हूं.'

मोदी के मुताबिक, रिलायंस में हमारा सिद्धांत बहुत सरल है, जब तक हर कोई हमारे साथ काम करते हुए पैसा नहीं कमाता, तब तक आपके पास एक स्थायी बिजनेस नहीं हो सकता.

 

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