SBI बेच रहा है 25000 करोड़ के शेयर, लेकिन आप नहीं कर सकते अप्लाई... जानिए क्यों?

SBI QIP offer: अधिकतर रिटेलर को ये पता नहीं है कि वो QIP में अप्लाई नहीं कर सकते हैं. आपके मन में भी सवाल उठ रहा होगा, कि फिर QIP किसके लिए है, कौन अप्लाई कर सकता है?

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State Bank of India QIP State Bank of India QIP

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 17 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 2:26 PM IST

देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने QIP के जरिये फंड जुटाने का ऐलान किया है. निवेशकों के लिए QIP बुधवार को ही ओपन हो गया है. SBI के QIP को जबर्दस्त रिस्पॉन्स मिल रहा है. बैंक का क्यूआईपी के जरिये 25000 करोड़ रुपये जुटाने का प्लान है.

इस बीच गुरुवार को एसबीआई के शेयरों पर नजर डालें तो फिलहाल NSE पर ये शेयर 4.70 रुपये यानी 0.57 फीसदी की बढ़त के साथ 837 रुपये पर कारोबार कर रहा है. पिछले एक साल में इस शेयर ने 4.92 फीसद का निगेटिव रिटर्न दिया है. 

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दरअसल, QIP का फ्लोर प्राइस 811 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है, जो इसके वर्तमान भाव से करीब 2.5 फीसदी कम है. अधिकतर रिटेलर को ये पता नहीं है कि वो QIP में अप्लाई नहीं कर सकते हैं. आपके मन में भी सवाल उठ रहा होगा, कि फिर QIP किसके लिए है, कौन अप्लाई कर सकता है?

आइए सबसे पहले जानते हैं कि QIP किसे कहते हैं?

QIP का पूरा नाम क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (Qualified Institutional Placement) है. यह एक पूंजी जुटाने का एक तरीका है, जिसके तहत कोई भी लिस्टेड कंपनी अपने शेयरों को क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) जैसे म्यूचुअल फंड, बैंकों, बीमा कंपनियों, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FII) और अन्य संस्थागत निवेशकों को निजी तौर पर बेचती है. 

यह पूरी प्रक्रिया सेबी (Securities and Exchange Board of India) के दिशानिर्देशों के तहत होती है और इसका उद्देश्य कंपनी को जल्दी और सही जगह से धन जुटाने में मदद करना है. 

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QIP के जरिये फंड जुटाने का काम आमतौर पर कंपनियां कारोबार को विस्तार, कर्ज चुकाने, वर्किंग कैपिटल (Working Capital) और अन्य रणनीतिक उद्देश्यों के लिए करती हैं. क्योंकि QIP के तहत शेयरों की बिक्री पब्लिक इश्यू (जैसे IPO या FPO) की तुलना में तेज और कम खर्चीली होती है, क्योंकि इसमें सामान्य निवेशकों को यानी रिटेल को शामिल नहीं किया जाता है और नियामक प्रक्रियाएं कम जटिल होती हैं. 

QIP कैसे काम करता है?
सबसे पहले कंपनी का बोर्ड QIP के माध्यम से पूंजी जुटाने का प्रस्ताव पारित करता है, फिर शेयरधारकों से मंजूरी ली जाती है. कंपनी उन क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) संपर्क करती है, जो इस निवेश में रुचि रखते हैं. खासकर QIBs कैटेगरी में म्यूचुअल फंड, विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs), बीमा कंपनियां, पेंशन फंड और कमर्शियल बैंक शामिल होते हैं. 

QIP में शेयरों की कीमत सेबी के दिशानिर्देशों के आधार पर तय की जाती है. आमतौर पर यह कीमत हाल के शेयर मूल्य के औसत (फ्लोर प्राइस) पर आधारित होती है, जिसमें कुछ छूट दी जा सकती है. जैसे कि SBI के QIP में मौजूदा भाव से करीब 2.50 फीसदी छूट दी गई है. प्रोसेस पूरा होने के बाद QIBs को शेयर आवंटित किए जाते हैं, और यह प्रक्रिया स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से पूरी होती है. QIP के तहत जारी किए गए शेयर स्टॉक एक्सचेंज में फिर लिस्ट होते हैं, जिससे वे ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध हो जाते हैं. 

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QIP में निवेश कैसे करते हैं?
QIP में निवेश केवल क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) ही कर सकते हैं. सामान्य रिटेल निवेशक इसमें सीधे हिस्सा नहीं ले सकते. सामान्य निवेशकों को इसमें भाग लेने का मौका नहीं मिलता. QIBs अपने निवेश के लक्ष्यों और जोखिम विश्लेषण के आधार पर यह तय करते हैं कि वे QIP में हिस्सा लेंगे या नहीं.

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