छोटे शहर-बड़े ख्वाब... मुंबई-दिल्ली नहीं, शेयर बाजार पर अब इन शहरों की बढ़ रही धाक

Share Market interest in small towns: असम के बारपेटा से 50 हजार लोगों ने पिछले चार महीनों में शेयर बाजार में कारोबार शुरू किया है. इसी तरह तेलंगाना के रेड्डी, महाराष्ट्र के नागपुर, औरंगाबाद में शेयर ट्रेडिंग और निवेश में जबरदस्त रुचि देखी जा रही है.

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शेयर बाजार में छोटे शहरों से बढ़ रहे निवेशक (फाइल फोटो: Getty Images) शेयर बाजार में छोटे शहरों से बढ़ रहे निवेशक (फाइल फोटो: Getty Images)

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 28 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 12:51 PM IST
  • शेयर बाजार का बदलता ट्रेंड
  • छोटे शहरों में बढ़ रही रुचि

Share Market interest in small towns: करीब 130 करोड़ की जनसंख्या वाले देश में परंपरागत तौर से निवेश के लिए सोना, रियल एस्टेट अब भी सबसे पसंदीदा एसेट बने हुए हैं. लेकिन छोटे शहरों से आने वाले नए कारोबारी शेयर मार्केट में जिस तरह से कमाल कर रहे हैं, उससे यह ट्रेंड बदलता दिख रहा है.

इंडिया टुडे की डेटा इंटेलीजेंस यूनिट (DIU) के विश्लेषण के मुताबिक, खेतिहरों का जिला माने जाने वाले असम के बारपेटा से 50 हजार लोगों ने पिछले चार महीनों में शेयर बाजार में कारोबार शुरू किया है. इस जिले की जनसंख्या करीब 17 लाख है. इसी तरह मार्च में शेयर कारोबार के लिए रजिस्टर्ड होने वाले कुल अकाउंट में से करीब 1.3 फीसदी हिस्सा अकेले असम के ही धुबरी जिले से है. 

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इसी तरह तेलंगाना के रेड्डी, महाराष्ट्र के नागपुर, औरंगाबाद ऐसे जिले हैं जहां से शेयर ट्रेडिंग और निवेश में जबरदस्त रुचि देखी जा रही है. गौरतलब है कि देश में डीमैट खाताधारकों की संख्या 8 करोड़ को पार कर गई है. 

छोटे निवेशकों का बढ़ रहा दबदबा 

डेटा के अनुसार अब शेयर बाजार में छोटे व्यक्तिगत निवेशकों का दबदबा भी बढ़ रहा है. एनएसई मार्केट पल्स सितंबर 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2015-16 में ऐसे निवेशकों की कुल ट्रेडिंग वॉल्यूम में हिस्सेदारी 33 फीसदी थी. लेकिन अगस्त, 2021 तक यह बढ़कर 44 फीसदी तक  पहुंच गई. इसी दौरान विदेशी संस्थागतनिवेशकों की हिस्सेदारी 23 से घटकर 10.6 फीसदी हो गई यानी करीब आधी रह गई. 

जानकारों का कहना है कि अब छोटे निवेशक प्रॉपर्टी, गोल्ड,बैंक डिपॉजिट जैसे परंपरागत साधनों के मुकाबले नए वित्तीय साधनों में अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई कर रहे हैं. 

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अगस्त 2019 में करीब 2.5 लाख नए लोगों ने शेयर बाजार में कारोबार शुरू किया था, लेकिन अगस्त 2021 में बाजार में उतरने वाले नए लोगों की संख्या बढ़कर 14.9 लाख पहुंच गई. अब ज्यादातर नए निवेशक टियर टू और टियर थ्री शहरों या कस्बों से आ रहे हैं. 

क्या हैं इस बढ़त की वजहें

BSE के पूर्व चेयरमैन एस. रवि कहते हैं, 'यह चलन क्यों जोर पकड़ रहा है इसकी कई वजहे हैं. शेयर बाजार जिस तेजी से बढ़ रहा है उसकी वजह से ज्यादा लोग इससे आकर्ष‍ित हो रहे हैं. इसके अलावा टेक्नोलॉजी ने ज्यादा लोगों के लिए निवेश करना आसान बना दिया है.'

इसके अलावा कोरोना महामारी के दौरान बहुत से लोग बेरोजगार थे और घरों में बैठे थे. ऐसे लोगों को शेयर बाजार में कारोबार करना एक अवसर की तरह दिखा. इसके अलावा अब यूट्यूब जैसे ऑनलाइन स्रोतों में बहुत-सी जानकारी शेयर बाजार के बारे में उपलब्ध है जिसकी वजह से लोगों के लिए, खासकर युवाओं के लिए कारोबार करना आसान हो गया है. 

अकाउंट खोलने के लिए आसान केवाईसी प्रक्रिया, निवेश को सुगम बनाने वाले इनोवेटिव ऐप और बड़ी संख्या में आईपीओ आना भी शेयर बाजार में निवेशकों की संख्या बढ़ते जाने की एक वजह है. 

(www.businesstoday.in के इनपुट पर आधारित) 

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