फिर बढ़ने लगे प्याज के दाम... 70 रुपये तक पहुंचा भाव, सरकार के इस फॉर्मूले से कम हो जाएगी कीमत?

Onion Price: महाराष्ट्र में जारी बारिश से रास्ते बाधित हुए हैं जो प्याज की सप्लाई पर असर डाल रहे हैं. इन हालातों को देखते हुए सरकार जल्द ही बफर स्टॉक से ओपन मार्केट में प्याज जारी कर सकती है. 

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आदित्य के. राणा

  • नई दिल्ली,
  • 04 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 7:22 PM IST

प्याज (Onion) के बढ़ते दाम को कंट्रोल करने के लिए सरकार ने योजना तैयार कर ली है. हाल के दिनों में प्याज की कीमतों में फिर से इजाफा हुआ है. बीते एक हफ्ते में ही प्याज के थोक भाव में 10 रुपये प्रति किलो और खुदरा भाव में करीब 20 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसकी वजह महाराष्ट्र में हो रही बारिश है, जो प्याज की कीमतों के बढ़ने की वजह है. 

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इससे थोक मंडी में प्याज 40 से 45 रुपये प्रति किलो तो बाजार में 70 रुपये प्रति किलो तक भाव पहुंच गया है. प्याज के थोक विक्रेताओं को अंदेशा है कि आने वाले दिनों में प्याज के दाम और बढ़ सकते हैं. महाराष्ट्र में जारी बारिश से रास्ते बाधित हुए हैं जो प्याज की सप्लाई पर असर डाल रहे हैं. इन हालातों को देखते हुए सरकार जल्द ही बफर स्टॉक से ओपन मार्केट में प्याज जारी कर सकती है. 

बफर स्टॉक से खुले बाजार में प्याज जारी!
बफर स्टॉक से खुले बाजार में प्याज जारी करने की योजना त्योहारी सीजन में इसके दाम को बढ़ने से रोकने के लिए किया जा सकता है. बफर स्टॉक से प्याज जारी करने के बाद इसकी कीमत में गिरावट आना तय है, जो आम जनता को महंगाई से राहत दिलाने का काम करेगा. बफर स्टॉक में प्याज का प्रयाप्त भंडार होने से सरकार के लिए त्योहारी सीजन में थोक और खुदरा कीमतों को कंट्रोल करने का ये आसान रास्ता उपलब्ध है. नेफेड और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ जैसी एजेंसियों ने इस साल अपने बफर स्टॉक के लिए किसानों से 0.47 मिलियन टन प्याज खरीदा है जबकि पिछले साल ये खरीद 0.3 मिलियन टन थी.

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देश में भरपूर है प्याज का भंडार!
एजेंसियों ने 25 रुपये प्रति किलो की दर से किसानों से प्याज खरीदा है, जबकि पिछले साल 17 रुपये प्रति किलो के भाव से प्याज की खरीदारी हुई थी. कृषि मंत्रालय के मुताबिक मार्केट में प्याज की पर्याप्त उपलब्धता होने से किसानों और व्यापारियों के पास लगभग 3.8 मिलियन टन प्याज का भंडारण होने का अनुमान है यानी आने वाले दिनों में प्याज की कमी होने की कोई आशंका नहीं है. 

देश के प्याज व्यापार के केंद्र नासिक के लासलगांव में प्याज की थोक मंडी की कीमतें 4400 रुपये प्रति क्विंटल थीं जबकि एक महीने पहले ये 2680 रुपये प्रति क्विंटल थीं. वहीं, कम उत्पादन की वजह से जुलाई में प्याज की महंगाई पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 60.54 फीसदी थी. जुलाई 2023 से प्याज की महंगाई लगातार दोहरे अंकों में रही है. 

प्याज की बुवाई में इजाफा
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक फसल वर्ष 2023-24 यानी जुलाई 2023 से जून 2024 में प्याज का उत्पादन 24.21 मिलियन टन होने का अनुमान है जो पिछले साल के मुकाबले 20 फीसदी कम है. अब तक 0.22 मिलियन हेक्टेयर में खरीफ प्याज की बुवाई हो चुकी है जबकि पिछले साल 0.17 मिलियन हेक्टयेर में बुवाई हुई थी. ऐसे सरकार ने इस साल खरीफ प्याज की बुवाई के लिए 0.36 मिलियन हेक्टेयर का लक्ष्य रखा है जो 2023 में रिपोर्ट किए गए 0.28 मिलियन हेक्टेयर से 27 फीसदी ज्यादा है. हालांकि प्याज की खरीफ फसल अक्टूबर के आखिर तक बाजार में आने की उम्मीद है और ज्यादा बुवाई को देखते हुए बंपर फसल का भरोसा है.

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