अचानक इस बड़ी कंपनी में ताबड़तोड़ बदलाव, शेयर ने 5 साल में दिया 17 गुना रिटर्न

इलेक्ट्रिक बस बनाने वाली कंपनी ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक लिमिटेड में पी. वी. कृष्णा रेड्डी को बोर्ड का चेयरमैन नियुक्त किया है, जबकि के. वी. प्रदीप का CMD पद से इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.

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आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 04 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 8:03 PM IST

इलेक्ट्रिक बस (Electric Bus) बनाने वाली कंपनी ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक लिमिटेड (Olectra Greentech Limited) में बड़े पैमाने पर बदलाव देखने को मिल रहे हैं. कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि के.वी. प्रदीप ने निजी कारणों का हवाला देते हुए चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया है. 

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दरअसल, हैदराबाद आधारित इलेक्ट्रिक बस निर्माता कंपनी ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक लिमिटेड ने 4 जुलाई 2025 को अपने नेतृत्व में महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की. बाजार बंद होने के बाद Olectra Greentech कंपनी ने बताया कि के. वी.  प्रदीप का मैनेजिंग डायरेक्टर पद से इस्तीफा स्वीकार कर लिया है, जो 4 जुलाई 2025 से प्रभावी होगा. वहीं कंपनी ने पी. वी. कृष्णा रेड्डी को बोर्ड का चेयरमैन नियुक्त किया है, जिनकी नियुक्ति 5 जुलाई 2025 से प्रभाव में आएगी. 

5 साल में दमदार रिटर्न 

इस बीच शुक्रवार को कंपनी का शेयर 0.75 फीसदी की गिरावट के साथ 1,200 पये पर बंद हुआ. पिछले एक साल में कंपनी के शेयर में 33.42 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. हालांकि पिछले 5 साल में Olectra Greentech के शेयर ने शानदार 1657 फीसदी का रिटर्न दिया है. 

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कंपनी ने एक्सचेंज को दी जानकारी में कहा कि कंपनी ने पी. राजेश रेड्डी को 5 जुलाई 2025 से पूर्णकालिक निदेशक नियुक्त किया गया है, जो शेयरधारकों की मंजूरी के अधीन है. राजेश रेड्डी वर्तमान में नॉन एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं. 

कंपनी के बारे में 

बता दें, ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक, मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MEIL) समूह का हिस्सा है, यह कंपनी भारत की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक बस निर्माता है. कंपनी की शुरुआत साल 2000 में हुई थी, और इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ-साथ कम्पोजिट पॉलिमर इंसुलेटर्स के निर्माण में अग्रणी है. कंपनी ने हाल के वर्षों में 2,448 इलेक्ट्रिक बसें और 51 इलेक्ट्रिक टिपर्स डिलीवर किए हैं.

कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 58% राजस्व वृद्धि और दोगुना शुद्ध लाभ दर्ज किया, लेकिन शेयर की कीमत में 29% की गिरावट देखी गई. नेतृत्व परिवर्तन और उत्पादन क्षमता को 10,000 बसों तक बढ़ाने की योजना से कंपनी भविष्य में स्थिरता और वृद्धि की उम्मीद कर रही हैय यह कदम इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और टिकाऊ परिवहन में कंपनी की स्थिति को और मजबूत कर सकता है.

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