चौंकिए मत... 4 साल में 4 गुना, शेयर बाजार में देश के इस इलाके के लोग उमड़े!

उत्तर भारत के लोग अब प्रॉपर्टी और सोने जैसे पारंपरिक निवेश विकल्पों की जगह शेयर मार्केट को तरजीह दे रहे हैं. दिलचस्प बात है कि इसमें राजस्थान और दिल्ली के साथ उत्तर प्रदेश सबसे आगे है. 

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 16 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 7:31 PM IST

भारतीयों के निवेश का तरीका अब बदलता जा रहा है. पहले जहां बैंक एफडी और गोल्ड-प्रॉपर्टी जैसे सुरक्षित निवेश विकल्पों में इंवेस्टर्स पैसा लगाते थे. वहीं अब ये ट्रेंड तेजी से बदल रहा है. खासकर उत्तर भारत के लोग तो अब प्रॉपर्टी और सोने जैसे पारंपरिक निवेश विकल्पों की जगह शेयर मार्केट को तरजीह दे रहे हैं. इसके असर से बीते 4 साल के दौरान शेयर बाजार में उत्तर भारत के निवेशकों की संख्या में चार गुना की उछाल दर्ज की गई है.

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किस राज्य में सबसे ज्यादा शेयर बाजार के निवेशक?

दिलचस्प बात है कि इसमें राजस्थान और दिल्ली के साथ उत्तर प्रदेश सबसे आगे है. आंकड़ों के मुताबिक 2019-2020 में शेयर बाजार में उत्तर भारत के कुल 88.4 लाख निवेशक थे. जिनकी संख्या इस साल जुलाई तक चार गुना बढ़कर 3.57 करोड़ तक पहुंच गई है. वहीं अगर इस आंकड़े की तुलना देश के बाकी क्षेत्रों से की जाए तो वो उत्तर भारत के मुकाबले काफी पीछे हैं.

अब देश के पश्चिम क्षेत्र के निवेशकों की संख्या 2019-20 के 1.08 करोड़ से 182 फीसदी बढ़कर 3.05 करोड़ पहुंच गई है. दक्षिण भारतीय निवेशकों की संख्या 75 लाख से 172 फीसदी बढ़कर 1.89 करोड़ और पूर्वी भारत में शेयर मार्केट निवेशकों की संख्या 296 फीसदी बढ़कर 1.19 करोड़ निवेशक हो गई है. यानी उत्तर भारतीय निवेशकों की संख्या इन 4 साल में ना केवल सबसे ज्यादा बढ़ी है, बल्कि ये 2019-20 के दूसरे स्थान से अब पहले नंबर पर आ गई है.

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सोना-चांदी के मुकाबले शेयर को तरजीह

पारंपरिक तौर पर शेयर बाजार में निवेश करने वाले ज्यादातर लोग देश के पश्चिमी भाग यानी महाराष्ट्र और गुजरात से होते थे, जो अब फिसलकर नंबर दो पर पहुंच गया है.

तेजी का ये सिलसिला 2024-25 के पहले 4 महीनों में भी इसी तरह से बढ़ा है और आंकड़ों के मुताबिक इस साल अप्रैल से जुलाई तक उत्तर भारत में 33.3 लाख निवेशक बढ़े हैं. जबकि पश्चिमी भारत में 19.6 लाख और दक्षिण भारत में 14.9 लाख निवेशक बढ़े हैं.

पूर्वी भारत में निवेशकों वाले प्रमुख राज्यों में उत्तर पूर्व, पश्चिम बंगाल और ओडिशा शामिल हैं. 2021 के बाद से देशभर में रिटेल इंवेस्टर्स की संख्या में चार गुना की बढ़त आई है, उसका ज्यादातर हिस्सा यूपी जैसे कम पहुंच वाले बाजारों से आ रहा है. 

शेयर बाजार के प्रति झुकाव क्यों?

निवेशकों की संख्या में भारी तेजी की प्रमुख वजह लोगों की बढ़ती आय, शेयर बाजार के प्रति जागरुकता में हो रहा इजाफा और इंटरनेट की बेहतर सुविधा है. जानकारों के मुताबिक आने वाले समय में बड़ी आबादी शेयर बाजार में निवेश करेगी. 

शेयर मार्केट (Share Market) निवेशकों की संख्या बढ़ाने में सबसे बड़ा रोल निभाने वाले उत्तर प्रदेश की बात करें तो वहां पर 2019-20 में 23 लाख निवेशक थे, जो कुल रजिस्टर्ड इंवेस्टर्स का 7.4 फीसदी हिस्सा था. अब इनकी हिस्सेदारी 1.10 करोड़ निवेशकों के साथ बढ़कर 11.1 फीसदी हो गई है. वहीं महाराष्ट्र में 1.67 करोड़ निवेशक हैं, जिसकी हिस्सेदारी 2020 के 19.2 फीसदी से घटकर अब 16.8 फीसदी रह गई है.

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जबकि 87 लाख निवेशकों के साथ गुजरात की हिस्सेदारी घटकर 8.8 फीसदी रह गई है, यानी UP ने ना केवल अपनी हिस्सेदारी को तेजी से बढ़ाया है बल्कि अब ये तेजी से नंबर वन की तरफ भी बढ़ रही है. 

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