देश के बाजारों में खाने वाले तेलों (Edible Oil Price) के भाव टूटने लगे हैं. पिछले सप्ताह विदेशी बाजारों में भी खाने के तेलों के दाम में गिरावट आई थी. इसका असर अब तेल की खुदरा कीमतों पर जल्द ही दिखना शुरू हो जाएगा. पिछले सप्ताह सरकार ने खाद्य तेल कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर कीमतों में आई गिरावट का लाभ जनता तक पहुंचाने का निर्देश दिया था. सरकार की कोशिश है कि खुदरा बाजार में भी खाने वाले तेलों की कीमतों में गिरावट आए. जून में भी तेल बनाने वाली कंपनियों ने कीमतों में कटौती का ऐलान किया था.
विदेशी बाजारों में गिरे तेल के भाव
तेल कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में सरकार ने अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) में लगभग 15 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती करने का निर्देश दिया था. सरकार चाहती है कि विदेशी बाजारों में तेल की कीमतों में आई गिरावट का लाभ आम लोगों को भी मिले. पिछले महीने भी कुछ तेल कंपनियों ने सरसों (Mustard oil Price) और सूरजमुखी तेल के दामों में कटौती का ऐलान किया था. हालांकि, अभी तक कम हुई कीमतों का असर खुदरा बाजार में नहीं दिखा है.
कितना सस्ता होगा तेल
पीटीआई के अनुसार, सरसों तेल का थोक दाम दिल्ली में लगभग 134 रुपये प्रति लीटर बैठता है. MRP में इससे पहले की गई 10 रुपये की कटौती के बाद सरसों तेल का रेट 194 रुपये लीटर हो गया था. अगर सरकार के कहने के बाद तेल बनाने वाली कंपनियां MRP में 15 रुपये की कटौती करती हैं, तो एक लीटर सरसों तेल का दाम 178-180 रुपये के बीच हो जाएगा.
इस सप्ताह भाव में गिरावट
पिछले सप्ताह के मुकाबले इस हफ्ते सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी तेल की कीमतें 65-65 रुपये घटकर क्रमश: 2,315-2,395 रुपये और 2,355-2,460 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुईं. ग्लोबल मार्केट में खाने के तेलों के गिरे रेट का असर घरेलू खुदरा मार्केट में फिलहाल नहीं देखने को मिल रहा है.
जल्द हो सकता है कटौती का ऐलान
भारत दुनिया में सबसे ज्यादा पाम ऑयल इंपोर्ट (Palm Oil Import) करने वाला देश है. सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने बताया कि पिछले महीने खाने वाले तेल के दाम 300-450 डॉलर प्रति टन तक घटी हैं. इस वजह से उम्मीद जताई जा रही हैं कि कंपनियां तेल की कीमतों जल्द ही कटौती का ऐलान कर सकती हैं.
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