LIC ने कमाई में सरकार को दिया हिस्सा, 1831 करोड़ रुपये का चेक निर्मला सीतारमण को सौंपा

एलआईसी में सरकार की 96.50% हिस्सेदारी है, इस हिसाब से कुल 6,10,36,22,781 शेयर बनते हैं. प्रति शेयर 3 रुपये डिविडेंड जोड़ें तो सरकार को 1831.09 करोड़ रुपये का चेक मिला है.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 15 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 6:07 PM IST

लाइफ इंश्योरेंस कॉपोरेशन (Life Insurance Corporation) यानी LIC देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है. इस कंपनी में सरकार की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है. पिछले साल में LIC का आईपीओ आया था तो विपक्ष ने सरकार पर LIC को बर्बाद करने का आरोप लगाया था. एलआईसी में सरकार की 96.50 फीसदी हिस्सेदारी है.

ऐसे में जब LIC की कमाई होती है तो उसमें सरकार को भी हिस्सेदारी मिलती है. इसी कड़ी में गुरुवार को LIC ने सरकार को 1,831.09 करोड़ रुपये के डिविडेंड का चेक सौंपा है. एलआईसी के चेयरमैन सिद्धार्थ मोहंती ने ये चेक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सौंपा है. खुद चेक की तस्वीर वित्त मंत्री ने सोशल मीडिया पर शेयर की है. 

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बता दें, LIC ने हाल में 3 रुपये प्रति शेयर डिविडेंड देने का ऐलान किया था. एलआईसी में सरकार की 96.50% हिस्सेदारी है, इस हिसाब से कुल 6,10,36,22,781 शेयर बनते हैं. प्रति शेयर 3 रुपये डिविडेंड जोड़ें तो सरकार को 1831.09 करोड़ रुपये का चेक मिला है. एलआईसी ने वित्त वर्ष 2023 के लिए 26 मई को इस डिविडेंड का ऐलान किया था और इसके लिए रिकॉर्ड डेट 21 जुलाई 2023 थी.

लगभग हर साल डिविडेंड देती है कंपनी  

एलआईसी ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए प्रति शेयर डेढ़ रुपये का डिविडेंड दिया था, जिसका ऐलान बीमा कंपनी ने 31 मई 2022 को किया था और रिकॉर्ड डेट 25 अगस्त 2022 थी, यानी सरकार को पिछले साल 915 करोड़ रुपये का डिविडेंड मिला था. इससे पहले यानी वित्त वर्ष 2021 में एलआईसी ने कोई डिविडेंड नहीं दिया था. तब सरकार की ओर से संसद में ये जानकारी दी गई थी कि इस बार एलआईसी ने डिविडेंड देने की बजाय फ्री रिजर्व का इस्तेमाल अपना पेड-कैपटिल बढ़ाने में किया था.

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बता दें, वित्त वर्ष 2020 में एलआईसी ने सरकार को वित्त वर्ष 2019 के मुनाफे के आधार पर 2610.75 करोड़ रुपये डिविडेंड दिया था. 

67 साल की हो चुकी है LIC
गौरतलब है कि एलआईसी देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है. 1 सितंबर 1956 को गठन के बाद से यह 67 साल सफलतापूर्व पूरा कर चुकी है. इसकी शुरुआती पूंजी 1956 में 5 करोड़ रुपये थी और अब 31 मार्च 2023 तक के आंकड़ों के मुताबिक इसका एसेट बेस 45.50 लाख करोड़ रुपये का हो चुका है. इसका लाइफ फंड 40.81 लाख करोड़ रुपये का है. प्राइवेट सेक्टर की इंश्योरेंस सेक्टर में एंट्री के बाद भी यह मार्केट लीडर बनी हुई है.

वर्ष 1956 में एलआईसी के कॉर्पोरेट ऑफिस के अलावा 5 जोनल ऑफिस, 33 मंडल ऑफिस और 212 ब्रांच ऑफिस थे. जबकि साल 2022 तक एलआईसी 2048 पूरी तरह से कम्प्यूटराइज्ड ब्रांच ऑफिस, 113 डिविजनल ऑफिस, 8 जोनल ऑफिस, 1381 सैटेलाइट ऑफिस के साथ कारोबार कर रही थी. एलआईसी का वाइड एरिया नेटवर्क 113 डिविजनल ऑफिस को कवर करता है और मेट्रो एरिया नेटवर्क के माध्यम से सभी शाखाओं को जोड़ता है.

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