साल 2024 रहा ऐतिहासिक, जानिए नए साल में कौन-कौन कंपनियां लेकर आ रही हैं IPO

IPO List 2025: अगर नए साल में IPO की रफ्तार की बात करें तो अनुमान है कि 2025 में आईपीओ बाजार ढाई लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर सकता है.

Advertisement
IPO List 2025 IPO List 2025

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 7:58 PM IST

2024 भारत के IPO मार्केट के लिए ऐतिहासिक साल साबित हुआ है. मजबूत आर्थिक विकास, बाजार के शानदार प्रदर्शन और बेहतर रेगुलेटरी स्ट्र्क्चर की वजह से इस साल IPO ने रिकॉर्ड रकम जुटाई. 

इससे संकेत मिल रहा है कि इश्युअर्स का भरोसा बढ़ने के साथ ही, बल्कि निवेशकों की दिलचस्पी भी बाजार में बढ़ रही है. लिस्टिंग डे पर फायदे देने वाली या लॉन्ग टर्म में विकास की क्षमता रखने वाली कंपनियों में निवेश करने के लिए इंवेस्टर्स इस साल उत्सुक नजर आए. 2024 में बड़ी, मझोली और छोटी सभी मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली कंपनियों ने आईपीओ बाजार में कदम रखा.

Advertisement

IPO को लेकर कैसा रहा साल 2024

आंकड़ों के मुताबिक 2024 में 90 IPO ने रिकॉर्ड 1.6 लाख करोड़ रुपये जुटाए, जो 2023 के 49 हजार 436 करोड़ रुपये के मुकाबले तीन गुना ज्यादा रही. इस साल के औसत इश्यू साइज की बात करें तो ये 2023 के 867 करोड़ रुपये से बढ़कर 1700 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया. 

केवल दिसंबर में ही 15 से ज्यादा  IPO लॉन्च हुए. इस साल के कुछ बड़े IPO की बात करें तो इस साल का सबसे बड़ा आकर्षण रहा हुंडई मोटर इंडिया का ऐतिहासिक आईपीओ जो भारत के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ बना. इस IPO ने 27 हजार 870 करोड़ रुपये जुटाए.

स्विगी ने 11 हजार 327 करोड़ रुपये, NTPC ग्रीन एनर्जी ने 10 हजार करोड़ रुपये, बजाज हाउसिंग फाइनेंस 6 हजार 560 करोड़ रुपये और ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी ने 6 हजार 145 करोड़ रुपये जुटाए. 

Advertisement

2025 में कौन-कौन से IPO कतार में
 
अब अगर नए साल में IPO की रफ्तार की बात करें तो अनुमान है कि 2025 में आईपीओ बाजार ढाई लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर सकता है. नए साल में जो बड़े IPO आ सकते हैं, उनमें एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज का अनुमानित साढ़े 12 हजार करोड़ रुपये का IPO, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का 15 हजार करोड़ रुपये, और हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज 9 हजार 950 करोड़ रुपये का आईपीओ शामिल हैं. 

आईपीओ बाजार की इस सफलता का सेहरा निजी निवेशकों की बढ़ती भागीदारी, प्राइवेट इक्विटी निकास और कंपनियों के फंडिंग मॉडल में बदलाव के सिर बांधा जा सकता है. कई कंपनियां अपने विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए इक्विटी मॉडल की तरफ बढ़ रही हैं.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement