अब बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर लगाया बैन, जानिए सरकार को क्यों लेना पड़ा फैसला?

Basmati Rice Exports Ban : वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक सूचना के मुताबिक, सरकार ने बैन का ऐलान करते हुए 1200 डॉलर प्रति टन से ज्यादा कीमत पर निर्यात करने की अनुमति दी है, यानी इससे कम कीमत पर बासमती चावल के निर्यात की अनुमति नहीं दी जाएगी.

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सरकार ने शर्तों के साथ बासमती चावल के निर्यात पर लगाया है बैन सरकार ने शर्तों के साथ बासमती चावल के निर्यात पर लगाया है बैन

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 8:36 AM IST

केंद्र सरकार ने अब चावल को लेकर एक और बड़ा फैसला किया है. इसके तहत बासमती चावल के निर्यात पर बैन (Basmati Rice Export Ban) लगा दिया गया है. हालांकि, इसमें सरकार की ओर से कुछ शर्तों के साथ निर्यात को अनुमति देने का प्रावधान भी किया गया है. आधिकारिक सूचना के मुताबिक, सरकार ने बैन का ऐलान करते हुए 1200 डॉलर प्रति टन से ज्यादा कीमत पर निर्यात करने की अनुमति दी है, यानी साफ है कि इससे कम कीमत पर बासमती चावल के निर्यात की अनुमति नहीं दी जाएगी. 

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निर्यात के लिए लगाई ये शर्त
रविवार को वाणिज्य मंत्रालय की ओर से इस संबंध में जानकारी शेयर करते हुए कहा गया है कि व्यापार संवर्धन निकाय कृषि व प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APIDA) को 1,200 डॉलर प्रति टन से नीचे के अनुबंधों को पंजीकृत नहीं करने का निर्देश तत्काल प्रभाव से दे दिया गया है. इसमें बताया गया कि आने वाले समय में एपीडा के चेयरमैन की अगुवाई में इस मामले को लेकर एक समिति का गठन होगा. चावल की खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के प्रयास के तहत केंद्र सरकार घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार के कदम उठा रही है.

इस वजह से लिया गया फैसला
गौरतलब है कि Basmati Rice चावल की एक खास क्वालिटी होती है और ये अधिक मात्रा में निर्यात की जाती है. वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 में भारत द्वारा 4.8 अरब डॉलर के मूल्य के 45.6 लाख टन बासमती चावल का निर्यात किया गया था. सरकार की ओर से पहले गैर बासमती और अब बासमती चावल के निर्यात पर ये बैन का फैसला दरअसल, अल नीनो मौसम पैटर्न, मानसून से जुड़ी चिंताओं के मद्देनजर लिया गया है. 

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बासमती चावल पर बैन का ये भी कारण
एक और जहां अलनीनो और मौसमी चिंताओं के साथघरेलू उपलब्धता सरकार के इस फैसले के लिए कारण बताया जा रहा है, तो वहीं इस निर्णय के पीछे की एक ओर वजह ये हो सकती है कि बासमती चावल (Basmati Rice) के कॉन्ट्रैक्ट्स में काफी अंतर देखने को मिला है. दरअसल, बासमती चावल का इस माह औसत कॉन्ट्रैक्ट मूल्य 1214 Dollar/MT रहा है. हालांकि कॉन्ट्रैक्ट 359 डॉलर प्रति एमटी की निचली दर पर भी किए गए हैं. जो कि औसत कीमत से काफी कम है. ऐसे में सरकार की ओर से एपीडा को निर्देशित किया गया है कि इस मामले पर चर्चा के बाद इसके गलत इस्तेमाल को रोकने की कोशिश करे.

गैर-बासमती चावल पर भी है बैन
सरकार ने इससे पहले बीते महीने की 20 जुलाई को गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया था. केंद्र के इस फैसले के बाद उन कई देशों की मुसीबतें बढ़ गईं, जहां सबसे ज्यादा चावल भारत से निर्यात किया जाता है. बता दें देश से निर्यात होने वाले कुल चावल में गैर-बासमती सफेद चावल की हिस्सेदारी करीब 25 फीसदी है. भारत से गैर-बासमती सफेद चावल का कुल निर्यात 2022-23 में 4.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर का था, जबकि पिछले वित्त वर्ष यानी 2021-22 में यह 2.62 मिलियन अमेरिकी डॉलर का था. भारत सबसे ज्यादा गैर-बासमती सफेद चावल थाईलैंड, इटली, स्पेन, श्रीलंका और संयुक्त राज्य अमेरिका को निर्यात करता है.

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