कोविड से जंग जीते लोगों के लिए एक और मुश्किल, अब बीमा पॉलिसी देने में आनाकानी 

जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा कंपनियां कोविड से रिकवर हुए लोगों के मामले में बीमा देने के लिए कठोर नियम अपना रही हैं. ऐसे ज्यादातर लोगों को नई पॉलिसी लेने के मामले में तीन से छह महीने का इंतजार करना पड़ सकता है. 

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कोविड से रिकवर लोगों को बीमा पॉलिसी मिलने में मुश्किल कोविड से रिकवर लोगों को बीमा पॉलिसी मिलने में मुश्किल

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 06 मई 2021,
  • अपडेटेड 12:08 PM IST
  • कोविड से रिकवर्ड लोगों की मुश्किल
  • नई बीमा पॉलिसी लेने में अड़चन

कोरोना से सेहत की जंग जीत चुके लोगों के लिए मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं. अब खबर यह है कि कोरोना से रिकवर हुए लोगों को बीमा कंपनियां हेल्थ इंश्योरेंस या लाइफ इंश्योंरेंस पॉलिसी बेचने में आनाकानी कर रही हैं और महीनों तक इंतजार करने को कह रही हैं. 

खबर है जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा कंपनियां कोविड से रिकवर हुए लोगों के मामले में बीमा देने के लिए कठोर नियम अपना रही हैं. ऐसे ज्यादातर लोगों को नई पॉलिसी लेने के मामले में तीन से छह महीने का इंतजार करना पड़ सकता है. 

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पॉलिसी बाजार डॉट कॉम में हेल्थ इंश्योरेंस के हेड अमित छाबड़ा ने कहा, 'बीमा कंपनियां इस बारे में निश्चिंत नहीं हैं कि कोविड-19 का लॉन्ग टर्म का इफेक्ट क्या होगा. जो लोग कोविड-19 से नेगेटिव हुए हैं उनके मामले में कंपनियां अलग-अलग तरह का रुख अपना रही हैं. कुछ कंपनियां तीन या छह महीने का इंतजार करने को कह रही हैं. यह इस पर निर्भर करता है कि बीमा कंपनी का अंडरराइटिंग गाइडलाइन क्या है. 

हेल्थ इंश्योरेंस लेने में मुश्किल

कोविड से रिकवर हुए लोगों को खासकर आगे हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने में मुश्किल आने वाली है. डिस्चार्ज समरी, नेगेटिव रिपोर्ट जैसे कई तरह के दस्तावेज तो देने ही होंगे, कई मामलों मेंं कोविड से रिकवर मरीज को हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने के लिए फिर से कई तरह के मेडिकल टेस्ट कराने पड़ सकते हैं. 

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 ICICI लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस के चीफ-अंडरराइटिंग (क्लेम्स ऐंड रीइम्बर्स) संजय दत्ता ने कहा, 'कोविड रीकवर्ड पेंशेंट के लिए बीमा कंपनियां टेस्ट की बारीकी बढ़ा सकती हैं. कोविड शरीर के कई अंगों जैसे फेफड़े, हॉर्ट आदि पर लॉन्ग टर्म साइड इफेक्ट करता है. इसकी नई लहर आने की वजह से मेडिकल क्षेत्र के लोग भी अभी धीरे-धीरे यह सीख रहे हैं कि इसका लॉन्ग टर्म में असर क्या होगा.' 

जीवन बीमा में कठोर नियम

जीवन बीमा के मामले में कंपनियां ज्यादा कठोर नियम अपना रही हैं. इंडस्ट्री के सूत्रों के अनुसार कोविड से नेगेटिव हुए लोग अगर कोई नई बीमा पॉलिसी चाहते हैं, तो ज्यादातर कंपनियां दो से तीन महीने के वेटिंग पीरियड तक इंतजार करने को कह रही हैं. इसके अलावा कोविड से उपचार का पूरा मेडिकल रिकॉर्ड और वैक्सीनेशन का डिटेल भी मांगा जा सकता है. अतिरिक्त मेडिकल टेस्ट की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता. 

कंपनियों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि कोविड 19 को गंभीर बीमारी की श्रेणी में नहीं रखा गया है, लेकिन इसका असर ऐसी बीमारियों से कहीं ज्यादा दिख रहा है.  

(www.businesstoday.in/ के इनपुट पर आधारित) 

 

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