तिलमिला उठा चीन, कुल 54% टैरिफ... अमेरिका को घेरने के लिए बनाया ये प्लान, भारत को भी ऑफर!

US-China Trade War: चीन अब उन देशों से दोस्ती का हाथ बढ़ा रहा है, जिसके साथ चीन के अच्छे रिश्ते नहीं है. ये सबकुछ अब अमेरिका पर दबाव बढ़ाने के लिए चीन कर रहा है. खासकर भारत को लेकर चीन यही संकेत दे रहा है. 

Advertisement
Xi jinping, Donald Trump Xi jinping, Donald Trump

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 03 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 1:14 PM IST

दोस्ता का दोस्त, दोस्त होता है. लेकिन दुश्मन का दुश्मन भी दोस्त होता है. दरअसल, दुनिया भर में जो टैरिफ को लेकर जंग छिड़ी है, उससे परिणाम कुछ ऐसे ही देखने को मिल रहे हैं. खासकर अमेरिका और चीन के बीच कारोबारी रिश्ते बिगड़ते जा रहे हैं. चीन को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) बेहद सख्त हैं, बदले में चीन भी अब अमेरिका को खुली चुनौती दे रहा है. 

Advertisement

साथ ही चीन अब उन देशों से दोस्ती का हाथ बढ़ा रहा है, जिसके साथ चीन के अच्छे रिश्ते नहीं है. ये सबकुछ अब अमेरिका पर दबाव बढ़ाने के लिए चीन कर रहा है. चीन ऐसे देशों को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रहा है, जिसके अमेरिका के साथ अच्छे कारोबारी रिश्ते हैं. खासकर भारत को लेकर चीन यही संकेत दे रहा है. 

चीन पर सबसे ज्यादा टैरिफ

2 अप्रैल को अमेरिका (America) ने चीनी आयातित प्रोडक्ट्स पर 34% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. जिसके बाद चीन (China) तिलमिला उठा है, क्योंकि अमेरिका में ट्रंप की सरकार बनते ही चीन पर 20% टैरिफ लगा दिया था, जबकि बुधवार को 34% टैरिफ लगाया है. इस हिसाब से चीन पर कुल चीन अमेरिकी टैरिफ बढ़कर 54% तक हो गया है, जो कि भारत पर लगे टैरिफ के मुकाबले दोगुना है. यानी अमेरिका ने भारत के मुकाबले चीन को डबल झटका दिया है.

Advertisement

हालांकि चीन भी अमेरिका पर जबर्दस्त पलटवार कर रहा है, फरवरी-2025 में जब ट्रंप प्रशासन ने चीन पर 20 फीसदी टैरिफ लगाया था, तो अगले दिन ही चीन ने अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी थी. अब एक बार चीन ने टैरिफ का बदला टैरिफ से लेने की धमकी दी है. साथ ही चीन ने डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ट्रेड वॉर (Trade War) में कोई विजेता नहीं होता है, और चीन भी अपने हितों की रक्षा के लिए जवाबी कदम उठाएगा. 

ग्लोबल टाइम्स एक रिपोर्ट के मुताबिक, 'चीन अमेरिका से एकतरफा टैरिफ को तुरंत हटाने और व्यापार मतभेदों को बातचीत के माध्यम से हल करने की अपील करता है.' इस बीच चीन अमेरिका के खिलाफ गोलबंदी करने में भी जुट गया है.

ट्रंप के निशाने पर चीन 

बता दें, अमेरिका ने सबसे पहले चीन पर 10% टैरिफ की घोषणा की थी, जिसे बाद में दोगुना करके 20% कर दिया गया, जिससे चीन ने अमेरिकी आयात पर 10-15 फीसदी तक अतिरिक्त टैरिफ भी लगाया. साथ ही चीन ने 25 अमेरिकी फर्मों को निर्यात और निवेश प्रतिबंधों के तहत रखा. चिकन, गेहूं, मक्का और कपास जैसे अमेरिकी आयातों पर 15 फीसदी और सोयाबीन, ज्वार, सूअर का मांस, बीफ, जलीय उत्पादों, फलों, सब्जियों और डेयरी आयातों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया है.

Advertisement

इस बीच ट्रंप की टैरिफ वॉर से प्रभावित कई देश एकजुट हो रहे हैं. चीन, जापान और दक्षिण कोरिया ने अमेरिकी टैरिफ के जवाब में एक-दूसरे को सहयोग करने पर सहमति जताई है. यानी ये देश एक-दूसरे के साथ व्यापार बढ़ाने पर जोर देंगे. जापान और दक्षिण कोरिया चीन से सेमीकंडक्टर के कच्चे माल को आयात करने लिए तैयार हैं, जबकि जापान और दक्षिण कोरिया से चीन चिप उत्पाद खरीदने में रुचि दिखा रहा है. यही नहीं, दक्षिण कोरिया-जापान-चीन मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत में तेजी लाने की भी योजना बना रहे हैं. 

इतना ही नहीं, नई दिल्ली में बीजिंग के राजदूत के अनुसार, चीन ने अधिक भारतीय उत्पादों का आयात करने और व्यापार सहयोग बढ़ाने की अपनी तत्परता भी व्यक्त की है. चीन का ये संकेत अमेरिका को बैकफुट पर धकेलने से जोड़कर देखा जा रहा है. भारत और चीन के बीच साल 2020 से तनातनी जारी है. दोनों देशों से सैनिकों के बीच सीमा पर संघर्ष के बाद स्थिति बिगड़ी थी, जिसका असर कारोबार पर भी पड़ रहा है.

चीन ने भारत से बढ़ाया दोस्ती का हाथ

लेकिन चीन अब भारत के साथ खासकर कारोबारी रिश्तों सुधारने का प्रयास कर रहा है, ये भारत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारतीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि दोनों देशों को और अधिक निकटता से सहयोग करना चाहिए. चीन ने कहा है कि वह भारत के सबसे ज्‍यादा प्रोडक्‍ट्स का आयात करेगा.  

Advertisement

भारत में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने ग्लोबल टाइम्स को दिए एक इंटरव्‍यू में कहा, 'हम व्यापार और अन्य सेक्‍टर में व्यावहारिक सहयोग को मजबूत करने और चीनी बाजार के लिए उपयुक्त अधिक भारतीय उत्पादों का आयात करने के लिए भारतीय पक्ष के साथ काम करने के इच्छुक हैं.'

वहीं रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी की शुरुआत में भारत और चीन ने लगभग 5 साल बाद सीधी हवाई सेवाएं फिर से शुरू करने पर सहमति जताई थी, जिसका उद्देश्य व्यापार और आर्थिक मुद्दों पर मतभेदों को सुलझाना था. यह घटना भारत के टॉप राजनयिक विक्रम मिस्री और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच बीजिंग में बैठक में हुई. पिछले वित्त वर्ष में भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार (India-China Trade) 4 प्रतिशत बढ़कर 118.40 अरब डॉलर का रहा था.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement