PHOTOS: 1400 करोड़ कॉस्‍ट, 30 हजार मीट्रिक टन स्‍टील... बम या भूकंप से भी नहीं हिलेगा, कुछ ऐसा है चिनाब ब्रिज

चिनाब ब्रिज (Chenab Bridge) एक स्टील और कंक्रीट से बना ब्रिज है, जो रियासी जिले के बक्कल और कौरी गांवों को जोड़ता है. ये ब्रिज चिनाव नदी के ऊपर बना है और इसकी खासयित ये नदी के तल से 359 मीटर (लगभग 1,178 फीट) ऊंचा है.

Advertisement
दुनिया का सबसे ऊंचा रेल ब्रिज दुनिया का सबसे ऊंचा रेल ब्रिज

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्‍ली,
  • 06 जून 2025,
  • अपडेटेड 4:29 PM IST

भारत के PM Narendra Modi ने चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज और देश के पहले केबल-स्टे अंजी ब्रिज का उद्घाटन कर दिया. इस पुल पर पहली बार वंदे भारत एक्‍सप्रेस ट्रेन (Vande Bharat Express) को भी हरी झंडी दिखाकर PM ने रवाना किया. ये पुल जम्‍मू-कश्‍मीर के रियासी जिले में चिनाब नदी पर बना है और उधमपुर-श्रीनगर के बीच रेल लिंक (USBRL) प्रोजेक्‍ट का हिस्‍सा है. आइए जानते हैं इस ब्रिज की कुछ खास बातें... 

Advertisement

एफिल टावर से काफी ऊंचा है ये ब्रिज 
चिनाब ब्रिज (Chenab Bridge) एक स्टील और कंक्रीट से बना ब्रिज है, जो रियासी जिले के बक्कल और कौरी गांवों को जोड़ता है. ये ब्रिज चिनाव नदी के ऊपर बना है और इसकी खासयित ये नदी के तल से 359 मीटर (लगभग 1,178 फीट) ऊंचा है. यानी यह पेरिस के मशहूर एफिल टॉवर से 35 मीटर और दिल्‍ली के कुतुब मीनार से करीब 5 गुना ऊंचा है. इसकी कुल लंबाई 1315 मीटर या करीब 4314 फीट है. यही कारण है कि ये दुनिया का सबसे ऊंचा ब्रिज है. 

30 हजार मीट्रिक टन ब्रिज का इस्‍तेमाल 
चिनाब ब्रिज को बनाने में करोड़ों की लागत आई है. साथ ही इसमें बहुत से बोल्‍ट, स्‍टील और कंक्रीट का इस्‍तेमाल हुआ है. जानकारी के मुताबिक, इस ब्रिज को बनाने में 28,660 से 30,000 मीट्रिक टन स्टील का इस्‍तेमाल किया गया है. इसके साथ ही 46,000 क्यूबिक मीटर कंक्रीट का भी यूज हुआ है. साथ ही 6 लाख से ज्‍यादा बोल्‍ट भी यूज किए गए हैं. इस पुल को बनाने में नदी के प्रवाह को नुकसान नहीं पहुंचाया गया है, नदी में कोई पिलर नहीं है, बल्कि इसे आर्च तकनीक से बनाया गया है. 

Advertisement

कितनी लागत में तैयार हुआ ये ब्रिज 
इस ब्रिज की लागत (Chenab Bridge Cost) की बात करें तो इसे तैयार करने में 1486 करोड़ रुपये (करीब 180 मिलियन) का यूज हुआ है. इस ब्रिज को बनाने की मंजूरी 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने दी थी. काम 2004 में ही शुरू हुआ था, लेकिन कई चुनौतियों की वजह से इसमें देरी होती रही. 2017 में बेस का काम पूरा हुआ, और अप्रैल 2021 में मुख्य आर्च का निर्माण पूरा हुआ. अगस्‍त 2022 तक ब्रिज पूरी तरह तैयार हुआ. 

बम और भूकंप का भी नहीं होगा असर 
चिनाब ब्रिज को 266 किमी प्रति घंटा की तेज हवाओं, रिक्टर स्केल पर 8 तीव्रता के भूकंप और 40 टन टीएनटी के बराबर विस्फोट सहने के लिए डिजाइन किया गया है. इसकी अनुमानित उम्र 120-125 साल है, जिसमें खास पेंट का इस्तेमाल हुआ है, जो इसे 20 साल तक जंग से बचाएगा. 

3 घंटे में पूरा होगा सफर 
ये ब्रिज जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में चिनाब नदी पर बना है, जो संगलदान और रियासी रेलवे स्टेशनों को जोड़ता है. ये उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक (USBRL) का हिस्सा है. ये ब्रिज कश्‍मीर घाटी को दिल्‍ली और देश के अन्‍य शहरों को जोड़ेगा. इससे कटरा से श्रीनगर का सफर वंदे भारत ट्रेन से सिर्फ 3 घंटे में पूरा होगा. 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement