Unclaimed Money: बैंकों के पास पड़े ₹1.84 लाख करोड़ क्‍या आपके? बांट रही सरकार

भारतीय बैंकों और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास बिना दावे वाली 1.84 लाख करोड़ रुपये की संपत्तियां पड़ी हुई हैं. सरकार इसे बांटने के लिए अभियान चला रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी पूरी जानकारी शेयर की है.

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अनक्‍लेम मनी क्‍लेम करने के लिए शुरू हुआ अभियान. (Photo: File/ITG) अनक्‍लेम मनी क्‍लेम करने के लिए शुरू हुआ अभियान. (Photo: File/ITG)

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्‍ली,
  • 05 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 11:40 AM IST

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया है कि भारतीय बैंकों और नियामक संस्‍थाओं के पास 1.84 लाख करोड़ रुपये पड़े हैं, जिनका कोई दावेदार नहीं है. उन्‍होंने कहा कि ये पैसे पूरी तरह से सुरक्षित रखे गए हैं और अब ये अमाउंट दावेदारों या उनके परिवारों को दिए जाएंगे. गांधीनगर में तीन महीने के 'आपकी पूंजी, आपका अधिकार' अभियान की शुरुआत की गई, जिसके तहत दावेदारों को ये अमाउंट ट्रांसफर किए जाएंगे. 

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वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार निष्क्रिय जमा, बीमा राशि और अन्य पैसों को फिर से पाने में मदद के लिए जागरूकता, पहुंच और कार्रवाई पर फोकस है. सीतारमण ने जनता को इन संपत्तियों की सुरक्षा का आश्वासन दिया और दावों को आसान बनाने के लिए नए डिजिटल उपकरणों के बारे में बताया.  

सीतारमण ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारतीय नागरिकों द्वारा बचाया गया हर रुपया उन्हें या उनके परिवारों को वापस मिले और दावों के निपटारे तक सरकार संरक्षक की भूमिका निभाए. दावा न किए गए जमा, बीमा राशि, डिविडेंड, म्यूचुअल फंड और पेंशन की जांच की जा रही है. उन्‍होंने कहा कि ये केवल कागज पर लिखी गए अंक नहीं हैं, बल्कि आम परिवारों की मेहनत की कमाई हैं जो शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और वित्तीय सुरक्षा में सहायक हो सकती हैं. 

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कैसे मिलेगा ये अमाउंट? 
वित्तीय सेवा विभाग (DFS) के अनुसार, बिना दावे वाली राशि 1,84,000 करोड़ रुपये है. सीतारमण ने नागरिकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि यह पूरी तरह सुरक्षित है. अगर आपके पास भी अनक्‍लेम अमाउंट है तो आप उचित कागजात लेकर आएं और पैसा आपको दे दिया जाएगा. ये क्‍लेम नहीं किया गया पैसा संपत्ति के आधार पर बैंकों, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और निवेशक शिक्षा व संरक्षण कोष (IEPF) में वितरित किए गए हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि हमे इन पैसों के असली दावेदारों का पता लगाना होगा और उन्‍हें पैसा सौंपना होगा. 

3A मॉडल पर काम करेगा ये अभियान 
यह अभियान '3A' मॉडल- Awareness, Accessibility और Action पर बेस्‍ड है. Awareness नागरिकों को लावारिस संपत्तियों का पता लगाने के बारे में जानकारी देती है. Accessibility डिजिटल उपकरणों और अनक्‍लेम अमाउंट तक पहुंच पर फोकस है. Action समय पर दावे का सेटलमेंट पूरा करना है. अधिकारियों को जागरूकता फैलाने और उन लोगों तक पहुंचने का काम सौंपा गया है. 

डिजिटल तरीके से भी कर सकेंगे क्‍लेम 
सीतारमण ने नागरिकों से छोटी-छोटी जरूरतों को भी नजरअंदाज न करने का आग्रह किया है. क्‍लेम को आसान बनाने के लिए आरबीआई के UDGAM (अनक्लेम्ड डिपॉजि‍ट गेटवे टू एक्सेस इफॉर्मेशन) समेत आसान डिजिटल पोर्टलों का इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने सलाह दी है कि जैसे ही आप दावा करते हैं, आपको वह मिल जाता है. आरबीआई के इस पोर्टल पर भी जाकर आप अपना अनक्‍लेम अमाउंट ले सकते हैं. 

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