Bank Locker Rules: लखनऊ में लॉकर में रखा सामान चोरी, क्या बैंक देगा ग्राहक को पूरा मुआवजा... जानिए RBI का नियम

RBI Bank Locker Rules: लखनऊ में इंडियन ओवरसीज बैंक में डकैती की घटना ने बैंकों में लॉकर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. इसे लेकर भारतीय रिजर्व बैंक ने कई नियम बनाए हैं, जिन्हें हर ग्राहक के लिए जानना जरूरी है.

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लखनऊ में बैंक डकैती के बाद लॉकर की सुरक्षा पर खड़े हुए सवाल लखनऊ में बैंक डकैती के बाद लॉकर की सुरक्षा पर खड़े हुए सवाल

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 8:35 PM IST

लखनऊ में Indian Overseas Bank की चिनहट ब्रांच में हुई डकैती ने सभी को हैरान किया है. डकैतों ने 42 लॉकर तोड़ दिए और उनमें रखे सामान ले उड़े. हालांकि, पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए दो डकैतों का एनकाउंटर कर दिया, जबकि तीन की गिरफ्तारी हो चुकी है, लेकिन लॉकर में रखा अपना सामान गंवाने वाले लोगों के रोते बिलखते वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. इस घटना से तमाम सुरक्षा व्यवस्थाओं के दावे करने वाले बैंकों में लॉकरों की सिक्योरिटी को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं. इसके साथ ही लोगों के जेहन में ये सवाल भी उठने लगे हैं कि इस तरह की घटना होने ग्राहकों के हित में क्या नियम बनाए गए हैं? लॉकर में रखे गहनों की गारंटी को लेकर क्या व्यवस्था है? 

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90 में से 42 लॉकर लूटे गए
पहले बता दें, इस घटना के बारे में, तो Indian Overseas Bank की चिनहट (मटियारी चौराहे स्थित) ब्रांच में 90 लॉकर थे, जिनमें से 42 को तोड़कर डकैत लूट ले गए थे. सोमवार 23 दिसंबर को तड़के बैंक की दीवार में 2.5 फीट का छेद काटकर ये डकैती डाली गई. पुलिस उपायुक्त (पूर्वी क्षेत्र) शशांक सिंह के मुताबिक, डकैती डालने वाले गिरोह में सात सदस्य थे, जिनमें से फिलहाल दो बदमाश एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं, जबकि तीन पकड़े गए हैं. 

वहीं दूसरी ओर बैंक की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि पर्याप्त सुरक्षा उपायों के बावजूद यह घटना घटी, लेकिन वह अपने ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. Bank ने आश्वासन देते हुए कहा है कि हम प्रभावित ग्राहकों की चिंताओं को दूर करने और आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए सक्रिय रूप से उनसे जुड़े हुए हैं. हमारे पास ऐसी घटनाओं के लिए बीमा कवरेज है और हमारे ग्राहकों और उनकी संपत्तियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. 

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घटना ने बैंक लॉकर की सुरक्षा पर उठाए सवाल
बैंक लॉकर (Bank Locker) में चीजें सुरक्षित रहेंगी, घर पर रखने में खतरा है. इसी सोच के साथ लोग लोग बैंक लॉकर में बेशकीमती चीजें, खासकर गहने रखते हैं. इस तरह की घटना और ग्राहकों के रोते-बिलखते वीडियो देखकर इनकी सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं कि क्या सही में बैंक लॉकर सुरक्षित है? ऐसे में आप के लिए बैंक लॉकर में सामान रखने से पहले इससे जुड़े नियमों को जान लेना जरूरी है. जैसे बैंक लॉकर में रखीं चीजों की क्या बैंक गारंटी लेता है? अगर बैंक में रखीं चीजें चोरी हो जाती हैं, तो फिर क्या होता है? 

RBI ने बनाए हैं लॉकर के ये नियम
रिजर्व बैंक ने अगस्त-2022 में सेफ डिपॉजिट लॉकर (Safe Deposit Locker) को लेकर नए नियम जारी किया है. इस नियम के तहत बैंकों को एक जनवरी 2023 तक मौजूदा लॉकर्स होल्डर्स के साथ एग्रीमेंट रिवाइज करना था. नए ग्राहकों पर ये नियम जनवरी 2022 से ही लागू हैं. इनमें सबसे बड़ी बात यह कि किसी ग्राहक को नुकसान होने की स्थिति में अब बैंक शर्तों का हवाला देकर मुकर नहीं सकेगा, बल्कि ग्राहक की पूरी भरपाई हो सकेगी.

जबावदेही से बच नहीं सकते बैंक 
RBI के संशोधित नियमों पर नजर डालें, तो बैंकों को यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि उनके द्वारा कराए गए लॉकर एग्रीमेंट में कोई अनुचित शर्त को तो शामिल नहीं किया गया है, जिससे ग्राहक को नुकसान होने पर बैंक आसानी से किनारा कर सके. आरबीआई ने दरअसल, ये इसलिए किया है क्योंकि कई बार देखने को मिलता है कि बैंक एग्रीमेंट की शर्तों का हवाला देते हुए अपनी जिम्मेदारियों से बचने का प्रयास करते हैं. 

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RBI Rule के मुताबिक बैंक की लापरवाही के चलते लॉकर में रखे सामान के किसी भी नुकसान के मामले में बैंक भुगतान करने के पात्र होंगे. बैंकों की जिम्मेदारी है कि वे परिसर की सुरक्षा के लिए सभी उपयुक्त कदम उठाएं, जिसमें लॉकर हैं. यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी बैंक की ही है कि नुकसान आग, चोरी/डकैती, इमारत का गिरना बैंक के परिसर में उसकी अपनी कमियों, लापरवाही और किसी चूक/कमीशन के कारण नहीं हो सके.

किन मामलों में लॉकर यूजर्स का नुकसान?
लॉकर को लेकर बनाए गए आरबीआई के नए नियम के मुताबिक, लॉकर से नुकसान के लिए पूरी तरह बैंक जिम्मेदार होंगे. यानी बैंक में आग, चोरी, डकैती, इमारत ढहना जैसे मामले में अगर लॉकर के ग्राहक को आर्थिक नुकसान पहुंचता है तो उसका वहन बैंक ही करेगा, क्योंकि ऐसे हादसों को बैंक रोक सकता है. हालांकि, वहीं भूकंप, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण लॉकर में रखी चीजों की क्षति या हानि के मामले में बैंक की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी, यानी पूरा नुकसान ग्राहक को उठाना पड़ेगा. 

ग्राहकों को मुआवजे को लेकर क्या शर्त
यहां मुआवजे को लेकर भी एक शर्त है. बैंकों की जिम्मेदारी लॉकर के वार्षिक किराये के 100 गुना तक ही होगी, इसलिए आपको लॉकर को लेकर सालाना किराये के 100 गुने से अधिक कीमत का सामान लॉकर में रखने से बचना चाहिए. उदाहरण के लिए लॉकर का सालाना किराया 1000 रुपये है, तो लॉकर में रखे सामान गायब होने पर मुआवजे के तौर पर किराये के 100 गुना यानी केवल 1 लाख रुपये ही ग्राहक को मिलेंगे.

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