स्थानीय शेयर बाजार में बुधवार को लगातार दूसरे दिन गिरावट दर्ज की गई और बंबई शेयर बाजार का सूचकांक 321 अंक से अधिक नीचे आ गया. बजट पेश किये जाने से पहले सतर्कता के वातावरण तथा तेल कीमतों में गिरावट के बीच विदेशी संस्थागत निवेशक बाजार से धन निकालने में लगे हैं जिससे बाजार में गिरावट जारी है.
निवेशकों का सतर्क रूख
डेरिवेटिव्स खंड में निपटान का गुरुवार को आखिरी दिन है. इस कारण भी निवेशकों ने सतर्क रूख अपना रखा था. निवेशकों की गुरुवार को
पेश होने वाले रेल बजट और शुक्रवार को आने वाली वाषिर्क आर्थिक समीक्षा रपट का भी इंतजार है. 2016-17 का आम बजट सोमवार को
पेश किया जाएगा.
एशियाई शेयर बाजारों में गिरावट
वैश्विक स्तर पर एशियाई शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज की गई. कच्चे तेल में नरमी का असर बाजारों पर पड़ा. सउदी अरब ने कहा है कि
वह निकट भविष्य में तेल के उत्पादन में कटौती नहीं करेगा, इससे अत्यधिक आपूर्ति को लेकर चिंता बढ़ी है और फलत: कच्चे तेल के
दाम नीचे आये हैं.
कमजोर आर्थिक आंकड़ों से भी चिंता बढ़ी
यूरोपीय तथा अमेरिका के कमजोर आर्थिक आंकड़ों से भी चिंता बढ़ी है. तीस शेयरों वाला सूचकांक कमजोर खुला और 321.25 अंक या
1.37 प्रतिशत लुढ़ककर 23,088.93 अंक पर बंद हुआ जो दो सप्ताह का न्यूनतम स्तर है. सेंसेक्स में मंगलवार को 379 अंकों की गिरावट
आई थी.
निफ्टी में भी गिरावट का रूख
पचास शेयरों वाला नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 90.85 अंक या 1.28 प्रतिशत की गिरावट के साथ 7,018.70 अंक पर बंद हुआ.
सेंसेक्स के 23 शेयर नुकसान में रहे जिसमें भेल, एनटीपीसी, टाटा मोटर्स, एचडीएफसी तथा आईसीआईसीआई बैंक शामिल हैं. हालांकि
भारती एयरटेल, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एशियन पेंट्स, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एक्सिस बैंक, आरआईएल तथा इंफोसिस बढ़त में रहे.
तेल कीमतों में नरमी
वैश्विक स्तर पर एशिया एवं यूरोप के अधिकतर बाजारों में गिरावट का रूख रहा. तेल कीमतों में नरमी के बाद अमेरिकी बाजार में गिरावट
का असर दुनिया के अन्य बाजारों पर भी पड़ा.
संदीप कुमार सिंह