फेसलेस टैक्स असेसमेंट: टैक्सपेयर्स को मिलेगी बड़ी राहत, खत्म होगा करप्शन!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईमानदार टैक्सपेयर्स के लिए एक नए खास प्लेटफॉर्म की शुरुआत की है. इस प्लेटफॉर्म का नाम 'ट्रांसपैरेंट टैक्सेशन: ऑनरिंग द ऑनेस्ट' दिया गया है.

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करप्शन की गुंजाइश कम करप्शन की गुंजाइश कम

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 12:48 PM IST

  • ईमानदार टैक्सपेयर्स को राहत, करप्शन की गुंजाइश नहीं
  • फेसलेस असेसमेंट इनकम टैक्स का बड़ा रिफॉर्म है

ईमानदार टैक्सपेयर्स के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई अहम ऐलान किए हैं. इसमें फेसलेस टैक्स असेसमेंट भी शामिल है. फेसलेस टैक्स असेसमेंट को टैक्सपेयर्स के लिए एक बड़ा कदम बताया जा रहा है. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.

क्या होता है फेसलेस टैक्स असेसमेंट

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अकसर टैक्सपेयर्स ये आरोप लगाते रहे हैं कि उन्हें इनकम टैक्स विभाग के अफसरों के उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है. लेकिन फेसलेस टैक्स असेसमेंट में अब ये शिकायत नहीं रहेगी. दरअसल, यह इलेक्ट्रॉनिक मोड में होता है. इनमें टैक्सपेयर किसी टैक्स अधिकारी के आमने-सामने होने की या किसी इनकम टैक्स ऑफिस जाने की जरूरत नहीं होती.

ये पढ़ें— Faceless Income Tax Assessment कैसे करेगा काम, करदाताओं को क्या होगा फायदा?

उन्हें इनकम टैक्स स्क्रूटनी असेसमेंट नोटिस के लिए भागदौड़ करने की भी जरूरत नहीं होती और न ही किसी टैक्स प्रोफेशनल या एकाउंटेंट के पास जाने की. वह अपने घर बैठे बिना किसी टैक्स अधिकारी से मिले इनकम टैक्स पोर्टल पर ई-फाइल असेसमेंट रिप्लाई कर सकता है.

कम होगा करप्शन!

अकसर विवादित या स्क्रूटनी वाले मामलों में असेसमेंट प्रक्रिया के दौरान टैक्सपेयर्स को टैक्स अधिकारियों का चक्कर लगाना पड़ता था. यह एक तरह से भ्रष्टाचार का मौका देता था. इसमें रिश्वत लेकर मामले निपटाने का मौका बना रहता था. लेकिन फेसलेस असेसमेंट यह रास्ता बंद हो जाएगा.

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किसी को नहीं होगा मालूम

पहले शहर का ही आयकर विभाग छानबीन करता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. अब किसी भी राज्य या शहर का अधिकारी कहीं की भी जांच कर सकता है. ये भी तय नहीं होगा कि कौन से अधिकारी के पास किसका टैक्स असेसमेंट जा रहा है. इससे आयकर अधिकारियों और टैक्सपेयर्स के बीच किसी भी तरह के सांठगांठ की भी गुंजाइश नहीं रहेगी. आपको बता दें कि सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2017 में फेसलेस टैक्स असेसमेंट की बात कही थी.

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