नोटबंदी-GST का खामियाजा भुगत रहा मुल्क, आर्थिक संकट पर मोदी सरकार खामोशः कांग्रेस

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि जो आज देश की आर्थिक स्थिति और परिस्थिति है, वैसी पिछले 70 साल में कभी नहीं देखने को मिली. देश में आर्थिक संकट की वजह नोटबंदी और जीएसटी हैं. सरकार देश के आर्थिक संकट से ध्यान भटकाने के लिए अघोषित आपातकाल लगा रखा है.

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कांग्रेस नेता मनीष तिवारी कांग्रेस नेता मनीष तिवारी

मौसमी सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 23 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 7:33 PM IST

  • कांग्रेस बोली- देश में आर्थिक संकट की वजह नोटबंदी और जीएसटी
  • मनीष तिवारी का तंज- क्या जवाहर नेहरू हैं आर्थिक संकट के लिए जिम्मेदार
देश की अर्थव्यवस्था पर नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार के बयान को लेकर कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार की जबरदस्त घेराबंदी की है. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि नीति आयोग के वाइस चेयरमैन ने भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर जो खुलासा किया है, उसके लिए उनको मुबारकबाद देनी चाहिए. उन्होंने मोदी सरकार में अर्थव्यवस्था की हालत पर सच बोला है.

कांग्रेस नेता ने बीजेपी और मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि जो आज देश की आर्थिक स्थिति और परिस्थिति है, वैसी पिछले 70 साल में कभी नहीं देखने को मिली. अब भारतीय जनता पार्टी के लोग इस आर्थिक हालात के लिए पंडित जवाहर लाल नेहरू को दोषी ठहराना चाहेंगे. हालांकि हकीकत यह है कि ये हालात न तो पंडित जवाहर लाल नेहरू के कारण हैं और न ही कांग्रेस पार्टी के कारण हैं. ये परिस्थिति पिछले पांच साल में मोदी सरकार ने खुद पैदा की है.

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मनीष तिवारी ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी की वजह से देश की आर्थिक स्थिति खराब हुई है. नोटबंदी और जीएसटी का खामियाजा आज भी यह मुल्क भुगत रहा है. मोदी सरकार के नोटबंदी और जीएसटी के फैसले ने देश की अर्थव्यवस्था की धज्जियां उड़ा दी. आज कोई भी उद्योग नहीं है, जो आर्थिक संकट से न जूझ रहा हो. फिर चाहे टैक्सटाइल इंडस्ट्री हो, ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री हो या इनरवियर इंडस्ट्री या फिर बिस्कुट बनाने वाली कंपनी हो.

उन्होंने कहा कि तीन करोड़ लोगों के ऊपर बेरोजगार होने की तलवार लटक रही है. शुक्रवार को बिस्कुट बनाने वाली पारले-जी ने 10 हजार लोगों को नौकरी से निकाल दिया. ये सारी कहानी सिर्फ रोजगार पर ही खत्म नहीं होती है. कांग्रेस नेता ने कहा कि जब बीजेपी विपक्ष में थी, तब रुपये के कमजोर होने पर हंगामा करती थी. हालांकि आज हालात यह हैं कि रुपया एशिया में सबसे कमजोर करेंसी है.

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कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि देश की आर्थिक हालत इतनी बदतर हो चुकी है, लेकिन प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री और वणिज्य मंत्री को यह भी नहीं पता है कि इन परिस्थितियों से कैसे निपटा जाए? इनकी तरफ से इस मुद्दे पर एक भी बयान तक नहीं आया है. उन्होंन कहा कि आज मोदी सरकार ने पूरे देश में अघोषित आपातकाल लगा रखा है. इसका मकसद देश में गहराते आर्थिक संकट से लोगों का ध्यान भटकाना है.

इसके अलावा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी अर्थव्यवस्था की हालत को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार को अब देश को साफ-साफ बताना चाहिए कि अर्थव्यवस्था की दुर्दशा ऐसी क्यों हो रही है? व्यापार टूट रहा है, उद्योग डगमगा रहे हैं, रुपया कमजोर होता जा रहा है, नौकरियां खत्म हो रही हैं. इससे हो रहे नुकसान की भरपाई कौन करेगा?

आपको बता दें कि शुक्रवार को नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने सरकार को निजी कंपनियों को भरोसे में लेने की सलाह दी थी. उन्होंने कहा था कि आज देश की पूरी वित्तीय प्रणाली जोखिम में है. किसी ने भी पिछले 70 साल में ऐसी स्थिति का सामना नहीं किया.

राजीव कुमार का कहना है कि नोटबंदी और जीएसटी के बाद यह कैश संकट बढ़ा है. आज कोई किसी पर भी भरोसा नहीं कर रहा है. प्राइवेट सेक्टर के भीतर कोई भी कर्ज देने को तैयार नहीं है, हर कोई नगदी दबाकर बैठा है. इसके साथ ही राजीव कुमार ने सरकार को लीक से हटकर कुछ कदम उठाने की सलाह दी.

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