नोटबंदी को लेकर कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है. चिदंबरम ने नोटबंदी को देश का सबसे बड़ा घोटाला बताया और कहा कि इससे केवल गरीब लोगों को तकलीफ हुई है और किसी अमीर को इससे कोई घाटा नहीं हुआ है. चिदंबरम ने कहा कि सरकार के इस अभियान का हाल वहीं हुआ कि खोदा पहाड़-निकली चुहिया. इस फैसले ने गरीब तबके की कमर तोड़ दी है.
'पूरा देश कैशलेस होना संभव नहीं'
चिदंबरम ने डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने की सरकार की कोशिशों पर भी हमला बोला और कहा कि पूरा देश कैशलेस होना संभव नहीं है. चिदंबरम ने कहा कि कैशलेस इंडिया बनाने का सपना दिखाया जा रहा है. क्या 3 फीसदी से एकदम 100 फीसदी तक लाना संभव है.
जीडीपी पर होगा असर
चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी के फैसले से व्यापार-उद्योगों को भारी नुकसान हुआ है. इसका असर लंबे वक्त में जीडीपी पर भी देखने को मिलेगा. चिदंबरम ने कहा कि आरबीआई द्वारा विकास के अनुमान में कमी से इसका संकेत भी मिलता है.
रोजी-रोटी पर संकट: चिदंबरम
चिदंबरम ने कहा कि अगर उन्हें नोटबंदी का फैसला लागू ही करना था तो एक साल का समय लेते हुए एक प्रकिया के तहत करते. इससे लोगों की रोजी-रोटी छिन गई और कारोबार को भी बुरी तरह नुकसान पहुंचा है.
किसी से सलाह कर लेते
चिदंबरम ने कहा कि इस फैसले ने अर्थव्यवस्था में भरोसा कम किया है. पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा कि कम से कम इस फैसले को लागू करने से पहले यशवंत सिन्हा से ही चर्चा कर लेते. वे तो उनके अपने नेता थे.
ग्रामीण इलाकों में स्थिति विस्फोटक
चिदंबरम ने कहा देश को प्राकृतिक आपदा से भी इतना नुकसान नहीं पहुंचता जितना इस फैसले से पहुंचा है. चिदंबर ने कहा कि खासकर ग्रामीण इलाकों में स्थिति विस्फोटक है. लोगों के पास खाने के पैसे नहीं है. लोग विरोध नहीं कर रहे हैं तो इसका मतलब ये नहीं है कि लोगों में रोष नहीं है.
संदीप कुमार सिंह