2025 खत्म होने वाला है ये साल रियल एस्टेट मार्केट के लिए काफी बदलाव भरा रहा है. खासतौर पर एनसीआर के लग्जरी हाउसिंग मार्केट में काफी तेजी देखी गई है, जो करीब 72 फीसदी तक रही. एनारॉक (ANAROCK) के अनुसार, पिछले कुछ सालों में भारतीय रियल एस्टेट बाजार में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की है, जो इसे देश का सबसे तेजी से बढ़ता रियल एस्टेट बाजार बनाती है.
आंकड़े साफ बताते हैं कि एनसीआर में घरों की कीमतों में बहुत तेज़ी से बढ़ोतरी हुई है, और इसमें सबसे आगे रहा है लग्ज़री सेगमेंट. साल 2022 से 2025 के बीच, बड़े और महंगे घरों की कीमतें लगभग 72% तक बढ़ गईं, जो कि सच में हैरान कर देने वाली और सबसे तेज बढ़ोतरी है.
यह वृद्धि देश के सभी दूसरे प्रमुख शहरों के मुकाबले सबसे अधिक है. मिड-रेंज और प्रीमियम हाउसिंग के दाम भी पीछे नहीं रहे, जिनमें इस अवधि के दौरान 54% की महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है. यहां तक कि किफायती आवास में भी 48% की मजबूत मूल्य वृद्धि देखी गई है.
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2026 रियल एस्टेट सेक्टर के लिए क्यों अहम?
2025 के बाद अब 2026 को एनसीआर के रियल एस्टेट मार्केट के लिए अहम माना जा रहा है. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की शुरुआत, मेट्रो के विस्तार और कई नए एक्सप्रेसवे के निर्माण से प्रॉपर्टी की कीमतें और तेजी से बढ़ेंगी. बेहतर कनेक्टिवटी की वजह से ये इलाका कारोबार और रहने वालों दोनों के लिए फायदे का सौदा बनता जा रहा है. यहां कई विदेशी कंपनियां भी आ रही हैं, जिससे किराये और लॉन्ग टर्म निवेश के लिए ये इलाका और बेहतर साबित हो सकता है.
एसकेए ग्रुप के डायरेक्टर, संजय शर्मा कहते हैं- नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जो जल्द शुरू होने वाला है, यहां की मेट्रो कनेक्टिविटी और एक्सप्रेसवे के निर्माण की वजह से लग्जरी हाउसिंग का मार्केट बदल गया है. अब खरीदार इस एरिया को बस घर नहीं, बल्कि एक स्मार्ट निवेश मानते हैं, जो फ्यूचर में तगड़ा रिटर्न देगा. यहां तक कि वेव सिटी गाजियाबाद जैसी जगहें भी लोगों को बहुत समझदारी वाला सौदा लग रही हैं.'
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यमुना एक्सप्रेसवे से क्या बदलाव?
यमुना एक्सप्रेसवे से लोगों को लॉन्ग टर्म फायदा देगा. यीडा की मास्टर प्लानिंग के तहत यहां इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, टूरिज्म, डेटा सेंटर्स और स्पोर्ट्स सिटी विकसित हो रही है. जिससे नोएडा एयरपोर्ट के पास जमीन की कीमते तेजी से बढ़ रही है. 2023 में 4,564 रुपये प्रति वर्ग फुट से बढ़कर 2025 में 8,923 रुपये प्रति वर्ग फुट तक पहुंच गई हैं. ये आंकड़ें बता रहे हैं कि यहां कितना बंपर मुनाफा मिल सकता है.
ओरिस ग्रुप के हेड सेल्स, विशाल सभरवाल कहते हैं- 'यमुना एक्सप्रेसवे कॉरिडोर इस समय परिवर्तन के एक ऐतिहासिक मोड़ पर खड़ा है, एक ऐसा चरण जो रियल एस्टेट सेक्टर के लिए गोल्डन टाइम होता है. यह वह समय है जब बड़े बुनियादी ढांचे का निर्माण, विश्व स्तरीय विकास परियोजनाएं, और आधुनिक जीवनशैली की बढ़ती उम्मीदें एक साथ मिल रही हैं.'
गुरुग्राम का मार्केट तेजी से आगे बढ़ रहा है
एसएस ग्रुप के एमडी और सीईओ अशोक सिंह जौनपुरिया का कहना है- 'गुरुग्राम का जो इलाका न्यू गुरुग्राम कहलाता है, अब वह तेजी से पूरी तरह से विकसित हो रहा है. इसका असर यह है कि यहां घर और दफ़्तर, दोनों की मांग बहुत बढ़ गई है. बड़ी-बड़ी कंपनियां, को-वर्किंग स्पेस वाले और बड़े ब्रांड्स तो यहां आ ही रहे हैं, साथ ही परिवार भी इसे पसंद कर रहे हैं, क्योंकि यहां रास्ते अच्छे हैं, सब कुछ प्लान से बना है और स्कूल-बाजार जैसी सुविधाएं सुधर रही हैं. इस दो तरफा मांग के चलते, न्यू गुरुग्राम का बाज़ार बहुत ऊपर जा रहा है और 2026 तक यहां निवेश पर अच्छा मुनाफा मिलने की पूरी उम्मीद है.'
द्वारका एक्सप्रेसवे ने बदली गुरुग्राम की तस्वीर
एमआरजी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर, रजत गोयल का कहना है - 'खरीदार अब ऐसी जगहें चाहते हैं, जो एयरपोर्ट और बड़े बिजनेस हब्स के पास हों, लेकिन साथ ही वहां भीड़ कम हो और जीवनशैली बेहतर हो.' गोयल के अनुसार, जैसे-जैसे इस क्षेत्र में प्रीमियम रिटेल और सामाजिक सुविधाएं बेहतर हो रही हैं, यह जगह सिर्फ कनेक्टिविटी से आगे बढ़कर बेहतर लाइफस्टाइल भी देने लगी है.
निवेशकों के लिए समीकरण एकदम स्पष्ट है. ऊंचे सेगमेंट में मांग लगातार बढ़ रही है, जबकि सप्लाई सीमित है. 2025-26 में कई बड़े प्रोजेक्ट पूरे होने वाले हैं, जिसकी वजह से इस इलाके में अगली बड़ी तेज़ी की नींव पहले ही पड़ चुकी है.
प्रॉपर्टी मास्टर के को-फाउंडर और एमडी, पारस राय कहते हैं- 'निवेशकों को पुराने एनसीआर के बजाय, अब इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरिडोर (जैसे द्वारका और यमुना एक्सप्रेसवे) पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि सड़कों, मेट्रो और एयरपोर्ट के आसपास ही असली वैल्यू और संगठित ग्रोथ बन रही है.
स्मिता चंद