बायर्स के लिए दशहरा और दिवाली का समय घर खरीदने के लिए बेहतर मौका होता है, क्योंकि इस दौरान तमाम डेवलपर लुभावनी स्कीम लेकर आते हैं. बैंक भी आकर्षक लोन ऑफर लेकर आते हैं और खरीदार शुभ मुहूर्त देखकर बुकिंग करते हैं.
इस बार लोगों की नजरें आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक पर टिकी हुई हैं, जो 29 सितंबर को हुई. बैठक में लिए गए फैसलों का ऐलान 1 अक्टूबर को होगा. अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार MPC रेपो रेट में 0.25% की कटौती कर सकती है, अगर यह कटौती होती है, तो इसका सीधा फायदा लोगों को मिलेगा. होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की ईएमआई कम हो जाएंगी.
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EMI में कमी से खरीदारों के लिए घर खरीदना अधिक किफायती हो जाएगा. इससे रियल एस्टेट सेक्टर में मांग में तेज़ी आने की उम्मीद है, जो आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगी. रियल एस्टेट सेक्टर में फेस्टिव सीजन हमेशा ही सबसे ज्यादा सेल का समय रहा है. लोग मानते हैं कि इस अवधि में लिया गया घर सुख-समृद्धि लेकर आता है. डेवलपर्स का भी मानना है कि अगर इस वक्त में ब्याज दर घटती है, तो यह ‘डबल बूस्टर’ की तरह काम करेगा.
एसकेए ग्रुप के डायरेक्टर संजय शर्मा कहते हैं- 'नवरात्र से दीवाली तक का वक्त घर की बुकिंग का सबसे अच्छा वक्त माना जाता है. अगर EMI में कमी आती है, तो खरीदारों का आत्मविश्वास और बढ़ेगा. खासकर वैसे लोगों को फायदा मिलेगा जो अभी तक घर खरीदने का इंतजार कर रहे थे'.
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ओकस ग्रुप के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर, प्रकाश मेहता कहते हैं -"अगर रेपो रेट कम होता है, तो कमर्शियल और रिटेल सेक्टर में निवेश करना और आसान हो जाएगा. EMI घटने से बायर्स और निवेशकों को फायदा होगा, जिससे नए प्रोजेक्ट्स और स्टोर्स की खरीदारी पर बोझ घटेगा."
होम एंड सोल की चेयरपर्सन, साक्षी कटियाल का कहना है- ' दिवाली में लोग बुकिंग के लिए ज्यादा आते हैं, ऐसे में अगर दिवाली के समय लोगों को पता चले कि उनकी EMI कम होगी, तो लोगों के लिए ये बड़ा दिवाली गिफ्ट होगा. इस बार सेल्स में डबल डिजिट ग्रोथ की संभावना है, खासकर यमुना एक्सप्रेसवे और ग्रेटर नोएडा वेस्ट जैसे इलाकों में डिमांड काफी बढ़ेगी.”
एम2के ग्रुप में मार्केटिंग, सेल्स और सीआरएम के वाइस प्रेसिडेंट, डॉ. विशेष रावत के अनुसार, रेपो रेट में कटौती का असर सीधे घर खरीदारों की क्रय शक्ति पर पड़ेगा. डॉ. रावत बताते हैं कि 'होम लोन की मासिक किस्तों में कमी आने से खरीदारों का मासिक वित्तीय बोझ घटेगा. इसका सीधा मतलब है कि उनकी घर खरीदने की क्षमतामें वृद्धि होगी.'
ऑरिस ग्रुप के सेल्स हेड विशाल सभरवाल का कहना है कि “ जो लोग पहली बार घर खरीदने का प्लान बनाते हैं वो सबसे पहले ये देखते हैं कि EMI कितनी आएगी. थोड़ी भी कटौती उनके लिए बड़ा अंतर पैदा करती है. अगर लोन सस्ता होता है तो बायर्स का भरोसा बढ़ता है और त्योहारों पर उनका मूड पॉजिटिव हो जाता है.'
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