Russia-Ukraine War : क्यों डॉक्टरी की पढ़ाई करने यूक्रेन जाते हैं इंडियन, ये हैं 5 बड़े कारण

Russia-Ukraine War के बीच भारत की सबसे बड़ी चिंता फंसे भारतीय छात्रों की सुरक्षित ‘घर वापसी’ है. भारत से हर साल बड़ी संख्या में छात्र डॉक्टरी की पढ़ाई करने यूक्रेन जाते हैं, इसके पीछे ये 5 बड़े कारण हैं.

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बड़ी संख्या में डॉक्टर बनने यूक्रेन जाते हैं भारतीय छात्र (Representative Photo : Getty) बड़ी संख्या में डॉक्टर बनने यूक्रेन जाते हैं भारतीय छात्र (Representative Photo : Getty)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 26 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 4:48 PM IST
  • भारत में MBBS सीटों की मारामारी
  • इंडिया लौटने पर मिलते हैं अच्छे मौके
  • मिलता है यूरोप में बसने का अवसर

Russia-Ukraine War के बीच भारत ने वहां फंसे अपने हजारों नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश वापस लाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं. इसमें बड़ी संख्या में भारतीय छात्र हैं. भारत से हर साल भारी संख्या में बच्चे डॉक्टरी की पढ़ाई करने यूक्रेन जाते हैं और वहां पढ़ने वाले विदेशी छात्रों के मामले में भारत शीर्ष देशों में से एक है. आखिर इतने सारे लोग इंडिया से यूक्रेन क्यों जाते हैं डॉक्टर बनने.

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भारत से सस्ती डॉक्टरी की पढ़ाई

यूक्रेन में डॉक्टरी की पढ़ाई (Medical Education in Ukraine) भारत से कई गुना सस्ती हैं. इंडिया में अगर सरकारी कॉलेजों को छोड़ दिया जाए तो एक प्राइवेट कॉलेज से MBBS की डिग्री लेने में एक स्टूडेंट का खर्च लगभग 1 करोड़ रुपये तक बैठता है. जबकि यूक्रेन में 6 साल की डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए ये खर्च करीब 22 से 25 लाख रुपये ही पढ़ता है.

दुनियाभर में डिग्री की वैल्यू

यूक्रेन से मिली डॉक्टरी की डिग्री की वैल्यू पूरी दुनिया में होती है. वहीं यहां पर स्टूडेंट्स को ग्लोबल एक्सपोजर भी मिलता है. Study in Ukraine वेबसाइट के मुताबिक यूक्रेन की मेडिकल डिग्री को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), यूरोपीय काउंसिल और अन्य वैश्विक संस्थाओं में मान्यता मिलती है. 

भारत में सीटों की मारामारी

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यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई पॉपुलर होने की एक और बड़ी वजह भारत में MBBS की सीटों के लिए होने वाली कड़ी प्रतिस्पर्धा है. देश में MBBS की करीब 88,000 सीटें हैं और इसमें भी सरकारी सीटों की संख्या लगभग आधी है.  जबकि इन सीटों पर एडमिशन के लिए 2021 में लगभग 16 लाख छात्रों ने NEET की परीक्षा दी. वहीं हर साल यूक्रेन में भारत से हजारों छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने जाते हैं. इसकी एक वजह वहां एडमिशन प्रोसेस काफी आसान होना भी है.

इंडिया लौटने पर मिलते हैं अच्छे मौके

यूक्रेन से की गई मेडिकल डिग्री को नेशनल मेडिकल कमीशन मान्यता देता है. ऐसे में मिडिल क्लास से संबंध रखने वाले छात्र यूक्रेन से सस्ते में मेडिकल डिग्री करके इंडिया लौट आते हैं. यहां आने के बाद उन्हें कुछ पेपर देकर डॉक्टरी की इंटर्नशिप और प्रैक्टिस का लाइसेंस मिल जाता है. साथ ही विदेशी डिग्री होने की वजह से नौकरी में भी बेहतर अवसर मिलते हैं.

मिलता है यूरोप में बसने का अवसर

यूक्रेन से मेडिकल की पढ़ाई करने के बाद छात्रों को यूरोप में ही नौकरी करने का मौका मिलता है. इतना ही नहीं नौकरी के साथ-साथ उनके पास यूरोप का स्थायी निवासी बनने का भी अवसर होता है.

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