महिंद्रा समूह के प्रमुख और पद्म पुरस्कार से सम्मानित उद्योगपति आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) ट्विटर पर अक्सर अनोखे टैलेंट की वाहवाही करते नजर आते हैं और कई बार आइडिया पसंद आने पर उनकी मदद भी करते हैं. लेकिन इस बार उनकी नजर से एक बढ़िया आइडिया वाला स्टार्टअप चूक गया और उन्हें इस बात का मलाल भी है. लेकिन अब वो इसमें निवेश के लिए तैयार हैं...
आनंद महिंद्रा को भाया ‘थैली’ का आइडिया
आनंद महिंद्रा को जिस स्टार्टअप का आइडिया पसंद आया है उसका नाम है ‘थैली’ (Thaely). ये कंपनी कचरे में फेंकी जाने वाली प्लास्टिक की बोतलों और थैलियों से स्नीकर जूते बनाती है. इसके फाउंडर आशय भावे को ये आइडिया उनकी बिजनेस स्कूल की पढ़ाई के दौरान आया था और अब वो इससे प्रॉफिट कमा रहे हैं.
आनंद महिंदा को है मलाल
आनंद महिंद्रा ने ट्वीट (Anand Mahindra Tweet) किया कि ‘मुझे इस इंस्पायर करने वाले स्टार्टअप की जानकारी नहीं होने का मलाल है. ये वो स्टार्टअप है जिसकी हमें तारीफ करनी चाहिए ना कि सिर्फ यूनिकॉर्न की, मैं अब इस कंपनी का ये सामान (जूते) खरीदने जा रहा हूं. कोई मुझे बता सकता है कि इन्हें कैसे आसानी से खरीदा जा सकता है. और जब भी इस कंपनी के फाउंडर को पैसे जुटाने हों, मैं पूरी तरह तैयार हूं.’
12 प्लास्टिक बोतल से बनते हैं जूते
थैली अपने एक जोड़ी जूते को बनाने के लिए करीब 12 प्लास्टिक बोतल और कई सारी प्लास्टिक थैलियों का उपयोग करती है. इतना ही नहीं इसके सोल से लेकर फीते, और थैले तक को प्लास्टिक कचरे से रिसाइकिल करके बनाया जाता है. वहीं जिस गत्ते के डिब्बे में इसे पैक किया जाता है कंपनी उसमें पौधों के बीज भरकर भेजती है जिसे लोग गमले में लगाकर पौधे उगा सकते हैं.
पुराने जूते वापस करने पर मिलता है डिस्काउंट
ये कंपनी महज 110 डॉलर (यानी करीब 8200 रुपये) के ऑर्डर पर प्लास्टिक कचरे से बने जूतों को पूरी दुनिया में कोरियर कर सकती है. वहीं कंपनी इन जूतों को इस्तेमाल के बाद वापस करने पर लोगों को डिस्काउंट भी देती है और वापस आए जूतों को या तो री-फर्बिश और रीसाइकिल करती है या फिर उसे चैरिटी में दे देती है.
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