50 साल की सबसे बड़ी गिरावट, बिखर गया US स्‍टॉक मार्केट... भारतीय शेयर बाजार में क्‍या होगा? 

रेट कट के फैसले के बाद अमेरिकी बाजारों में और तेज गिरावट आई है. कल रात अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक ने 0.25 फीसदी रेट कट का ऐलान किया है, जो लगातार तीसरी बार कटौती है. वहीं 50 साल में पहली बार अमेरिकी शेयर का प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स Dow Jones लगातार 10 दिन गिरा है.

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aajtak.in

  • नई दिल्‍ली ,
  • 19 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 12:04 PM IST

अमेरिकी बाजार धड़ाम हुआ है. कल रात दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के शेयर बाजारों में तेज गिरावट आई. 18 दिसंबर 2024 को अमेरिकी बाजार का प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स डाओ जोंस 1123 अंक टूटकर 42336.87 के स्तर पर क्‍लोज हुआ. नैसडैक जैसे इंडेक्‍स 600 अंक से ज्‍यादा टूटे. वहीं 50 साल में पहली बार अमेरिकी शेयर का प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स Dow Jones लगातार 10 दिन गिरा है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि साल 2025 में 4 की जगह सिर्फ 2 रेट कट की संभावना है, जिस कारण बाजार का मूड खराब हो गया है. 

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रेट कट के फैसले के बाद अमेरिकी बाजारों में और तेज गिरावट आई है. कल रात अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक ने 0.25 फीसदी रेट कट का ऐलान किया है, जो लगातार तीसरी बार कटौती है. इस कारण बाजार का मूड बिगड़ा है और ग्‍लोबल मार्केट में भारी गिरावट आई है. इन्‍हीं संकेत के कारण भारतीय बाजार भी दबाव में आ सकता है. खासकर आईटी कंपनियों के शेयरों पर दबाव दिख सकता है.

गिफ्टी निफ्टी क्‍या दे रहा संकेत? 
इधर, गिफ्ट निफ्टी को देखें तो यह 300 अंक नीचे था. हालांकि अभी ये ग्रीन जोन में है. एक्‍सपर्ट्स का मानना है कि आज स्थिरता देखने को मिल सकती है. आईटी शेयरों में हैवी गिरावट भी आ सकती है. वहीं एशियाई बाजार में यूएस मार्केट का असर दिखाई दे रहा है, जो संकेत दे रहा है कि भारतीय बाजार में भी इसका असर दिन के कारोबार के दौरान हो सकता है. 

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क्यों टूटा अमेरिकी बाजार
अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व की कॉमेंट्री का असर है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि  US फेड की कमेंट्री से बाजार डर गया है. बुधवार की कॉमेंट्री से साल 2025 में सिर्फ 2 बार कटौती के संकेत मिले है. वहीं, महंगाई पर अभी और सख्ती की जरूरत सेंट्रल बैंक ने कही है. 

आईटी शेयरों पर रहेगा दबाव 
बीते कुछ समय से आईटी शेयर भारी दबाव में हैं. ऐसे में अमेरिकी बैंक द्वारा रेट कटौती से यह दबाव और बढ़ सकता है. आईटी कंपनियों वाले इंडेक्स नैस्डैक में गिरावट का असर भारत की आईटी कंपनियों पर भी दिख सकता है. 

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