50% tariff के साथ धमकी... नहीं चलेगी ट्रंप की दादागीरी, जानिए कौन-कौन देश भारत के साथ

Donald Trump ने भारत पर पहले लगाए गए 25 फीसदी टैरिफ को बढ़ाकर अब 50 फीसदी कर दिया है और इसके पीछे रूस से तेल (Russian Oil) की खरीद को कारण बताया है, लेकिन भारत ने ट्रंप के इस कदम की निंदा करते हुए उचित कदम उठाने की तैयारी कर ली है.

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भारत ही नहीं ब्रिक्स में शामिल सभी देश ट्रंप को खटक रहे (File Photo) भारत ही नहीं ब्रिक्स में शामिल सभी देश ट्रंप को खटक रहे (File Photo)

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 07 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 8:35 AM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने भारत पर 25 फीसदी का एक्स्ट्रा टैरिफ लगाते हुए इसे बढ़ाकर कुल 50 फीसदी कर दिया है. बुधवार को एक कार्यकारी आदेश पर साइन करते हुए ट्रंप ने कहा कि रूसी तेल लगातार खरीदने की वजह से भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया है. अब भारत ट्रंप की सबसे ज्यादा मार झेलने वाले देशों में शामिल हो गया है. हालांकि, भारत ने इसे अनुचित और अन्यायपूर्ण बताते हुए अपने हितों की रक्षा के लिए उचित कदम उठाने की बात कही है. क्योंकि भारत ही नहीं बल्कि ब्राजील, रूस जैसे तमाम देश हैं, जो अब ट्रंप की इन टैरिफ धमकियों से डरने के मूड में नजर नहीं आए हैं. आइए जानते हैं इस टेंशन में भारत अब क्या करेगा और कौन-कौन से देश उसे साथ खड़े हो सकते हैं? 

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ट्रंप का वार... भारत का पलटवार
Trump ने बुधवार को ऐलान किया कि भारत अमेरिका की बात सुनने के बजाय लगातार रूसी तेल का आयात कर रहा है और ये US के लिए एक असामान्य और असाधारण खतरा है. ऐसा करते हुए भारत यूक्रेन के साथ युद्ध में रूस को आर्थिक मदद देने का काम कर रहा है. अमेरिका के इस कदम की भारत के विदेश मंत्रालय ने कड़ी निंदा की और कड़े शब्दों में कहा कि हालिया दिनों में अमेरिका ने रूस से भारत के तेल आयात को निशाना बनाया है. हमारा आयात बाजार कारकों पर आधारित है और 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है. भारत देश के हित में अब उचित कदम उठाएगा. 

भारत अकेला बिल्कुल भी नहीं, ब्रिक्स देश साथ 
अब बताते हैं कि क्या ट्रंप के निशाने पर आया भारत इस Tariff War में अकेला है, तो नहीं ट्रंप की नजर न केवल भारत, बल्कि पूरे BRICS संगठन पर टेड़ी बनी हुई है. जब अप्रैल महीने में Donald Trump ने रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का ऐलान किया था, तो उसके तुरंत बाद ही ब्रिक्स पर 10 फीसदी का एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने की धमकी दे दी थी. इस समूह में भारत भी संस्थापक सदस्य है और  इसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और साउथ अफ्रीका के अलावा ईरान, मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया और संयुक्त अरब अमीरात भी है. दरअसल, ट्रंप की बौखलाहट का बड़ा कारण ये BRICS ही है, क्योंकि इसमें शामिल रूस और चीन आपस में अपनी करेंसी में ट्रेड करते रहे हैं और अन्य देश भी डॉलर के बजाय ये कदम उठाने की तैयारी में हैं. 

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US Dollar पर बड़े देशों द्वारा निर्भरता कम करने की इस तैयारी से ट्रंप डरे हुए हैं, क्योंकि अमेरिका के प्रभुत्व के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है. जिसके चलते वे भारत समेत अन्य ब्रिक्स सदस्यों पर आंख टेड़ी किए हुए हैं. इससे पहले उन्होंने ब्राजील पर 50 फीसदी का टैरिफ लगाया, चीन के साथ ही टैरिफ को लेकर ट्रेड वॉर दुनिया ने देखा, तो अगर ट्रंप के निशाने पर ब्रिक्स में शामिल देश हैं, तो फिर भारत अकेला नहीं है वो इस समूल में शामिल अन्य देशों के साथ खड़े होकर अमेरिका का सामना कर सकता है.

ब्राजील के राष्ट्रपति के बयान से समझें
भारत के साथ रूस, ब्राजील समेत BRICS में शामिल तमाम देश एक साथ आ सकते हैं, क्योंकि इसमें शामिल कोई भी Trump की दादगीरी के आगे झुकने को तैयार नहीं है. इसका अंदाजा ब्राजील के राष्ट्रपति लुईज इनासियो लूला दा सिल्वा (Lula Di Silva) के उस बयान से लगाया जा सकता है, जब ट्रंप द्वारा 50 फीसदी टैरिफ बम फोड़ने के बाद उन्होंने ट्रंप के फोन वाले प्रस्ताव पर दिया था.

लूला ने दो टूक कह दिया था कि इस मामले में मैं अमेरिकी राष्ट्रपति को फोन नहीं करूंगा, मैं शी जिनपिंग को फोन करूंगा, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को फोन करूंगा और मैं पुतिन को फोन नहीं करूंगा. उन्होंने कहा कि अपने हितों की रक्षा के लिए ट्रंप के पास नहीं जाउंगा, बल्कि विश्व व्यापार संगठन (WTO) सहित सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करूंगा. भारत भी इस मुद्दे को डब्ल्यूटीओ में उठा सकता है. 

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