भारत आने से पहले Elon Musk के प्‍लान पर तिलमिलाया चीन, बोला- तबाह हो जाएगा टेस्‍ला का कारोबार

ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के लिए टेस्ला को आमंत्रित करना मुश्किल होगा क्योंकि अमेरिकी कार निर्माता 'बेहद कम तैयारी और अपरिपक्व भारतीय बाजार' में काम नहीं कर सकता है.

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एलन मस्‍क और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एलन मस्‍क और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

aajtak.in

  • नई दिल्‍ली ,
  • 14 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 10:12 AM IST

एलन मस्‍क भारत में अपना कारोबार बढ़ाने के लिए टेस्‍ला की फैक्‍ट्री (Tesla Plant in India) लगाना चाहते हैं, जिसके मद्देनजर टेस्‍ला के मालिक भारत 22 अप्रैल से शुरू हो रहे सप्‍ताह के दौरान आ सकते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से मुलाकात कर सकते हैं. इस बीच, चीन को एलन मस्‍क (Elon Musk) का ये प्‍लान बिल्‍कुल पसंद नहीं आ रहा है. टेस्‍ला के भारत आने से पहले ही चीन बद्दुआएं देने लगा है. 

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अब चीन ने कहा कि भारत में टेस्‍ला का कारोबार बर्बाद हो जाएगा. ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के लिए टेस्ला को आमंत्रित करना मुश्किल होगा क्योंकि अमेरिकी कार निर्माता 'बेहद कम तैयारी और अपरिपक्व भारतीय बाजार' में काम नहीं कर सकता है. चीन ने कहा कि भारत में ईवी सुविधा में टेस्ला के आगामी निवेश से देश को लाभ होगा और ईवी उत्पादन बढ़ेगा, जो टेस्‍ला के लिए ज्‍यादा सही नहीं होगा. बता दें ग्‍लोबल टाइम्‍स चीनी सरकार का मुख्‍यपत्र माना जाता है. 

चीन को रास नहीं आ रहा एलन मस्‍क का प्‍लान 
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां तक ​​Tesla का सवाल है, यह मुख्य रूप से मध्य और उच्च-अंत क्षेत्रों और परिपक्व बाजारों पर ध्यान केंद्रित करता है, कोई नहीं जानता कि इसे भारत में सफलता मिलेगी या नहीं. जबकि भारत का EV बाजार बढ़ रहा है, इसका आकार छोटा है. कुछ आंकड़ों से पता चला है 2023 में भारत में बेचे गए कुल यात्री वाहनों में ईवी की हिस्सेदारी सिर्फ 2.3 प्रतिशत थी.

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चीन का यह भी कहना है कि भारत में कई चुनौतियां हैं. चीन कहता है कि भारत में बिजली की कमी है. साथ ही भारतीय मार्केट में मुनाफा कमाना बड़ा ही मुश्किल है. वहीं लिथियम-आयन बैटरी के लिए सीमित घरेलू उत्‍पादन है. 
 
चीन में टेस्‍ला का कारोबार 
टेस्ला ग्‍लोबल लेवल पर कैलिफोर्निया, चीन, टेक्सास और जर्मनी में चार इलेक्ट्रिक कार कारखाने संचालित कर रहा है. इसमें चीन में टेस्ला गीगा शंघाई में प्‍लांट लगाया गया है.  इस कारखाने ने हाल के वर्षों में लगातार आधे से अधिक टेस्ला इलेक्ट्रिक कारों का निर्माण किया है, जो टेस्ला के ग्‍लोबल पोड्यूस नेटवर्क में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका को निभाया है. 

क्‍यों खि‍स‍िया रहा चीन? 
गौरतलब है कि मस्क के लंबे समय से चले आ रहे अनुरोध को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने हाल ही में नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति को मंजूरी दी है. वहीं इससे पहले भारत कई ईवी वाहनों को भारत आने से रोक दिया था. वहीं अब टेस्‍ला के भारत आने की उम्‍मीद जताई जा रही है. ऐसे में चीन को भी डर सता रहा है कि कहीं वहां से टेस्‍ला और बाकी कंपनियां भारत शिफ्ट न हो जाएं. कुछ कंपनियां चीन में कारोबार बंद कर चुकी हैं और चीन एक मुश्किल दौर से गुजर रहा है. साथ ही चीन-भारत का संबंध सीमा विवाद को लेकर अच्‍छा नहीं रहा है. 

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