Layoff Data: छंटनी की लहर से 2024 की शुरुआत, इस साल में अभी तक 32500 लोगों की गईं नौकरियां

इस साल की छंटनी को पिछले साल के मुकाबले छोटा और ज्यादा टारगेटेड बताया जा रहा है. Layoffs.fyi के मुताबिक छंटनी की मुख्य वजह आर्थिक सुस्ती है लेकिन कुछ कंपनियां आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को इसकी वजह बता रही हैं.

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आदित्य के. राणा

  • नई दिल्ली,
  • 07 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 11:54 AM IST

टेक उद्योग ने 2024 की शुरुआत नौकरी में छंटनी की एक और लहर के साथ की है. पिछले साल भी टेक सेक्टर में इसी तरह नौकरियों के जाने की खबरें सुर्खियों में छाई रही थीं. लेकिन नए साल में भी टेक कर्मचारियों को किसी तरह की राहत नहीं मिली है. कोविड-19 महामारी के बाद से टेक सेक्टर की की नौकरियों में कटौती पर नज़र रखने वाले स्टार्टअप Layoffs.fyi के मुताबिक 2024 में अभी तक 32 हजार 500 टेक कर्मचारियों ने अपनी नौकरी गंवा दी है. 2023 में सालभर में 2.4 लाख टेक कर्मचारियों की नौकरी छंटनी की लहर में चली गई थी.

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पेटीएम और फ्लिपकार्ट ने कर्मचारियों को निकाला

इस साल हुई छंटनी में देसी और विदेशी कंपनियों में काम करने वालों को नौकरी गंवानी पड़ी है. ग्लोबल कंपनियों में गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और UBS ने कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया है तो भारत में पेटीएम और फ्लिपकार्ट में लोगों की नौकरियां गई हैं. सबसे ताजा छंटनी स्नैप इंक में हुई है जिसने सोमवार को एलान किया है कि वो अपने कर्मचारियों की संख्या में करीब 10 फीसदी कमी करेगा. इसके असर से कंपनी में काम करने वाले लगभग 540 कर्मचारियों की नौकरी जाना तय है. इसके पहले फरवरी की शुरुआत में सॉफ्टवेयर कंपनी ओक्टा इंक ने कहा था कि वो लागत कम करने के लिए अपने 7 फीसदी कर्मचारियों को हटाएगी. इससे लगभग 400 कर्मचारियों की नौकरी जाने की आशंका जताई गई है. हालांकि इस लिस्ट में अमेजन, सेल्सफोर्स और मेटा प्लेटफ़ॉर्म जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं.

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महामारी में हुई ओवर हायरिंग का असर!

Layoffs.fyi के मुताबिक टेक कंपनियों में इस छंटनी की वजह महामारी के दौरान हुई जरुरत से ज्यादा हायरिंग है. लेकिन अब ऊंची ब्याज दरों के माहौल और तकनीकी मंदी के बीच कंपनियों राइट साइजिंग की नीति पर काम करते हुए कर्मचारियों की संख्या को कम करने में लग गई हैं. हाल के बरसों में छंटनी की दो मुख्य लहरें आने की बात Layoffs.fyi ने कही है जिसमें पहली लहर 2020 की पहली से दूसरी तिमाही तक कोविड की पहली लहर के दौरान आई थी जबकि 2022 की दूसरी तिमाही से दूसरी लहर आई है जो ऊंची ब्याज दरों की वजह से आई है. 

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस बना छंटनी की वजह!

इस साल की छंटनी को पिछले साल के मुकाबले छोटा और ज्यादा टारगेटेड बताया जा रहा है. Layoffs.fyi के मुताबिक छंटनी की मुख्य वजह आर्थिक सुस्ती है लेकिन कुछ कंपनियां आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को इसकी वजह बता रही हैं क्योंकि उनका फोकस AI टैलेंट को भर्ती करने पर है. टेक इंडस्ट्री में हायरिंग के ट्रेंड्स पर नजर रखने वाली CompTIA के मुताबिक दिसंबर में AI स्किल की जरुरत 2 हजार थी जो जनवरी में बढ़कर 17,479 हो गई है. 

फेड रिज़र्व के फैसले से रुकेगी छंटनी!

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ऐसे में ये देखना दिलचस्प है कि जहां कुछ उद्योगों में नौकरियां जा रही हैं वहीं कुछ कंपनियों में AI की वजह से हायिरंग हो भी रही है. CompTIA के मुताबिक जनवरी में AI से जुड़ी 33 हजार 727 एक्टिव जॉब पोस्टिंग्स थीं. ये 1 साल के दौरान महीने-दर-महीने में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी है. हालांकि अब उम्मीद जताई जा रही है कि छंटनी की ये लहर जल्द ही थम सकती है. लेकिन इस अनुमान के पुख्ता साबित होने के लिए सभी की नजर फेड रिज़र्व पर लगी हुई है. फेड की तरफ से इंटरेस्ट रेट घटाने के साथ ही स्थिरता आने की उम्मीद है. लेकिन अगली 2 तिमाहियों तक हालात बहुत बेहतर होने का भरोसा भी नहीं जताया जा रहा है.

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