शेयर बाजार में लगातार गिरावट के बीच HDFC सिक्योरिटी के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ धीरज रेली का कहना है कि स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में निवेश बनाए रखना चाहिए, क्योंकि इन इंडेक्स में शानदार तेजी आने वाली है. बिजनेस टुडे से एक बातचीत में रेली ने कहा कि मार्केट मुनाफे के गुलाम होते हैं. इस कारण गिरावट के बीच भी हमने लार्ज कैप के शेयरों में निवेश की सलाह दी है. वहीं अब हमारा अनुमान है कि स्मॉल और मिडकैप इंडेक्स में तेजी आएगी और आपके पोर्टफोलियों के स्टॉक भी चल पडेंगे, क्योंकि रिटेल निवेशकों के पास सबसे ज्यादा स्मॉल और मिडकैप स्टॉक होते हैं.
रेली ने कहा कि पिछले एक साल से एचडीएफसी सिक्योरिटीज निवेशकों को लार्ज कैप शेयरों में निवेश करने की सलाह दे रही है, क्योंकि मिडकैप और स्मॉल कैप शेयरों का वैल्यूवेशन ज्यादा है और मुनाफे में ग्रोथ की तेजी भी कमजोर दिख रही है. हालांकि रेली का मानना है कि अगले 12 से 18 महीनों में मिड कैप और चुनिंदा स्मॉल कैप कंपनियों का प्रदर्शन शानदार रहने वाला है.
उन्होंने कहा कि हम मंदी के लास्ट स्टेप में हैं और यह मंदी खासतौर से वैल्यूवेशन और इनकम ग्रोथ की दिशा से प्रेरित है. रेली ने बताया कि एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने मिड कैप और स्मॉल कैप शेयरों पर अपना रुख तटस्थ से बदलकर आशावादी कर लिया है.
समय के साथ बदलाव होता रहता है
मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में आई गिरावट का जिक्र करते हुए रेली का कहना है कि बाजार अलग-अलग सिर्कल में इस तरह के उतार-चढ़ाव दिखाता है. रेली ने आगे कहा कि मार्केट में इस तरह के सर्किल आते रहते हैं, जहां इनकम में ग्रोथ कम होती है, कीमतों में गिरावट आती है और समय के साथ बदलाव होता रहता है.
फिर गिरा शेयर बाजार
बुधवार को सेंसेक्स 275 अंक गिरकर 84,391 पर और निफ्टी 82 अंक गिरकर 25,758 पर बंद हुआ. बीएसई स्मॉल कैप इंडेक्स 296 अंक गिरकर 50,305 पर और बीएसई मिडकैप इंडेक्स 497 अंक गिरकर 45,590 पर बंद हुआ. बीएसई मिडकैप इंडेक्स में एक महीने में 3.12% की गिरावट आई है और बीएसई स्मॉल कैप इंडेक्स में एक महीने में 5% की गिरावट दर्ज की गई है.
स्मॉल और मिडकैप में बड़ी गिरावट
गौरतलब है कि बीएसई मिडकैप पिछले एक साल के दौरान 5 फीसदी या 2377 अंक नीचे आ चुका है. बीएसई स्मॉलकैप में 12.72 फीसदी या 7300 अंक की गिरावट आई है. यह 7 सालों की बड़ी गिरावट मानी जा रही है. यह गिरावट विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली, ग्लोबल लेवल पर टेंशन और कंपनियों के खराब नतीजे के कारण आई है.
(नोट- किसी भी शेयर में खरीदारी से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.)
आजतक बिजनेस डेस्क