Bloodbath In Stock Market: अब क्‍या करें? शेयर बाजार में 'खूनी खेल', झटके में 14 लाख करोड़ साफ...

BSE सेंसेक्स आज 3939.68 अंक की गिरावट के साथ 71,425.01 अंक के इंट्रा-डे लो लेवल पर पहुंच गया था. निफ्टी भी 973.55 अंक लुढ़क कर 21930.90 पर पहुंच गया था. एनएसई का इंट्रा-डे लो लेवल 21,743.65 अंक रहा है.

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आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्‍ली ,
  • 07 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 6:21 PM IST

डोनाल्‍ड ट्रंप का टैरिफ (Trump Tariff) और अमेरिका के बाजार में तबाही (Global Stock Market Crash) के बाद भारतीय शेयर बाजार भी अब उसी चपेट में आ चुका है. सोमवार को भारतीय बाजार खुलते ही क्रैश (Indian Stock Market Crash) हो गया. सेंसेक्‍स 3000 अंक से ज्‍यादा और निफ्टी 1000 अंक से ज्‍यादा टूट गए. आलम, 20 लाख करोड़ रुपये की वैल्‍यूवेशन पलक झपकते ही साफ हो गए. अब निवेशकों के सामने सबसे बड़ा सवाल ये है कि अब क्‍या करना चाहिए?

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BSE सेंसेक्स सोमवार को 3939.68 अंक की गिरावट के साथ 71,425.01 अंक के इंट्रा-डे लो लेवल पर पहुंच गया था. निफ्टी भी 973.55 अंक लुढ़क कर 21930.90 पर पहुंच गया था. एनएसई का इंट्रा-डे लो लेवल 21,743.65 अंक रहा. हालांकि कारोबार के अंत में Sensex 2226 अंक टूटकर 71137 पर बंद हुआ. जबकि Nifty 742 अंक टूटकर 22162 पर बंद हुआ.  

20 लाख करोड़ साफ 
BSE मार्केट कैपिटलाइजेशन की बात करें तो शुक्रवार को यह 403 लाख करोड़ रुपये पर था, जो एक समय घटकर 383 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया था. यानी निवेशकों के 20 लाख करोड़ साफ हो चुके थे. हालांकि कारोबार खत्म होने पर निवेशकों को 14 लाख करोड़ का नुकसान हुआ. अब आइए जान लेते हैं आज के इस गिरावट की बड़ी वजह क्‍या-क्‍या रही हैं? 

किन-किन वजहों से गिरा बाजार? 

  1. ट्रंप का टैरिफ: सबसे बड़ी वजह अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप (Donald Trump Tariff) का टैरिफ रहा है. ट्रंप ने 2 अप्रैल को भारत-चीन समेत दुनिया कुछ अन्‍य देशों पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया था. ट्रंप के टैरिफ के ऐलान के कारण अमेरिकी बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली थी और अमेरिका में महंगाई बढ़ने के साथ ही मंदी आने की संभावना भी बढ़ गई. इससे भारतीय बाजार के भी सेंटिमेंट बिगड़े हैं और अब बाजार दबाव में है. 
  2. एशियाई बाजारों में हैवी बिकवाली: जापान का निक्‍केई आज करीब 8 फीसदी की गिरावट देखने को मिली. चीनी मार्केट में भी तबाही देखी गई है. हॉन्ग कॉन्ग इंडेक्स 9.4 प्रतिशत की गिरावट के साथ 20,703.30 अंक तक लुढ़क गया था. साउथ कोरिया का मार्केट 6 प्रतिशत से ज्‍यादा टूट चुका है. 
  3. FIIs की निकासी: ग्‍लोबल मार्केट से लेकर भारतीय बाजार तक विदेशी निवेशक पैसा निकालने में जुटे हुए हैं. सितंबर से ही एफआईआई लगातार भारतीय शेयर बाजार से पैसे निकाल रहे हैं. जिसका भी बुरा असर इंडियन स्टॉक मार्केट पर देखने को मिल रहा है. 
  4. रुपया कमजोर होना: 7 अप्रैल को रुपया 50 पैसे की गिरावट के साथ खुला. डॉलर के मुकाबले रुपया आज 85.7450 के स्तर पर खुला. पिछले सत्र में यह 85.2350 के स्तर पर बंद हुआ था. जिसका असर भारतीय बाजार पर दिख रहा है. इसी तरह क्रूड ऑयल (Crude Oil) के दाम में भी बड़ी गिरावट आई है. 

निवेशकों को अब क्‍या करना चाहिए? 
एक्‍सपर्ट्स कहते हैं कि अभी ये गिरावट और भी ज्‍यादा बढ़ सकती है. ऐसे में अभी किसी भी तरह की खरीदारी और फंसा सकती है. जबतक ट्रंप के टैरिफ का आंकलन और ग्‍लोबल स्‍तर पर मंदी, महंगाई जैसी चीजें स्‍पष्‍ट नहीं हो जाती, तबतक मार्केट में निवेशकों को ‘वेट एंड वाच’ के सिद्धांत पर चलना चाहिए. हालांकि जल्‍दबाजी में फंडामेंट तौर पर मजबूत स्‍टॉक को भी नहीं बेचना चाहिए. म्‍यूचुअल फंड SIP को भी नहीं रोकना चाहिए, क्‍योंकि यह लॉन्‍ग टर्म में मुनाफा करा सकता है. 

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कहां कर सकते हैं निवेश 
अगर आप निवेश ही करना चाहते हैं तो अभी बैंक एफडी, गोल्‍ड और सरकारी योजनाएं आपके लिए अच्‍छे विकल्‍प हो सकते हैं. जहां आपको लॉन्‍ग टर्म में अच्‍छे रिटर्न और ब्‍याज मिलने की संभावना ज्‍यादा होती है और रिस्‍क कम होता है. 

(नोट- आजतक किसी भी तरह के निवेश की सलाह नहीं देता है. किसी भी तरह के निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.) 

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