इंडिगो का संकट (IndiGo Crisis) खत्म नहीं हो पा रहा है. देशभर के हवाई अड्डों पर IndiGo Flights पूरी तकह से सामान्य नहीं हो पाई हैं और इनमें देर, रिशेड्यूलिंग और कैंसिलेशन की समस्या जारी है. रविवार को भी इंडिगो एयरलाइन ने करीब 650 उड़ानों को रद्द किया, तो सोमवार को भी अपने यात्रियों को अलर्ट करते हुए इंडिगो की ओर से कहा गया कि उड़ानों में अभी भी रुकावट का सामना करना पड़ सकता है. रिपोर्ट्स की मानें, तो करीब 300 फ्लाइट्स कैंसिल की गई हैं. अब सवाल ये कि क्या एयरलाइन में ये संकट अचानक आया है, तो इसका जवाब कथित तौर पर इसके एक पूर्व कर्मचारी की चिठ्ठी देती है, जो इस समय सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इसमें कारण बताते हुए लिखा गया है कि ये सब रातोरात नहीं हुआ है.
पूर्व कर्मचारी का लेटर खोल रहा पोल!
इंडिगो एयरलाइंस में संकट के बीच कंपनी की ओर से बीते कुछ दिनों में प्रभावित हुए यात्रियों को रिफंड जारी करने की प्रक्रिया जारी है और अधिकारियों के अनुसार करीब 610 करोड़ रुपये रिफंड किए जा चुके हैं. एयरलाइन इस संकट के लिए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशंस (FDTL) रूल्स को कारण बता रही है. लेकिन Social Media पर इंडिगो के एक पूर्व कर्मचारी द्वारा शेयर किया गया लेटर कुछ और ही कहानी बयां कर रहा है और एयरलाइन में व्याप्त समस्याओं की पूरी पोल खोल रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक, खुद को IndiGo का पूर्व कर्मचारी बताने वाले इस शख्स ने अपने वायरल लेटर में 2006 में एयरलाइन के शुरुआती दिनों को याद करते हुए लिखा, उस समय टीमों को अपनी बनाई हुई चीजों पर गर्व था, लेकिन वह गर्व अहंकार में बदल गया और ग्रोथ लालच में बदल गई. एयरलाइन के शीर्ष प्रबंधन को संबोधित करते हुए लिखे गए इस पत्र में IndiGo Airlines में वर्षों से चल रहे आंतरिक पतन, अनियंत्रित अहंकार और कर्मचारी संकट को उजागर किया गया है.
'रातोरात नहीं हुआ, वर्षों से चल रहा'
लेटर में इस पूर्व कर्मचारी ने लिखा कि ये संकट रातोरात पैदा नहीं हुआ है, बल्कि ये तो वर्षों से चली आ रही अनदेखी का नतीजा है. बिगड़ती कार्य स्थितियों और डर की संस्कृति के कारण ऐसा हुआ है. एक बड़ा आरोप लगाते हुए शख्स ने इसमें लिखा कि एयरलाइन में ऐसे लोग जो ठीक से एक E-Mail भी नहीं लिख सकते थे, हाई लेवल पोस्ट तक पहुंचने लगे, क्योंकि ऐसे पदों ने ESOP और प्रभाव को ओपन कर दिया.
इंडिगो एयरलाइन का ये पूर्व कर्मचारी यहीं नहीं रुका, बल्कि अपने ओपन लेटर में आगे बड़ा आरोप लगाते हुए लिखा, 'पायलटों, इंजीनियरों और ग्राउंड स्टाफ़ समेत अन्य कर्मचारियों को कथित तौर पर बढ़ते नेतृत्व को सही ठहराने के लिए दबाया गया. असुरक्षित ड्यूटी टाइमिंग, थकान और ऑपरेशनल दबावों के बारे में चिंता जताने वाले पायलटों पर गुस्सा दिखाया गया, धमकाया गया या अपमानित किया गया.' पत्र में लिखा गया कि इन सबकी कोई जवाबदेही नहीं, सिर्फ़ डर रहा है. उन्होंने बताया कि हालात यहां तक बन गए कि 16,000 या 18,000 रुपये प्रति माह कमाने वाले ग्राउंड स्टाफ पर सबसे ज्यादा दबाव था, उन्हें विमानों के बीच तेजी से दौड़ना पड़ता था, कई कार्यों को एक साथ करना पड़ता था या कहें कि तीन लोगों के बराबर काम करना होता था.
IndiGo की नहीं आई कोई प्रतिक्रिया
लेटर में तर्क दिया गया है कि आज उड़ान में व्यवधान, देरी और कर्मचारियों की कमी का जो संकट देख रहे हैं, वह सालों के जारी तनाव का अंतिम परिणाम मात्र है. लेखक ने अपने पत्र के अंत में लिखा है, 'हम बरसों से टूटे हुए हैं, हमने व्यवस्था को टूटते देखा, नेतृत्व यूरोप से आता-जाता रहा और हम एक घंटे और आराम की दुआ करते रहे.' हालांकि, इस Viral Latter को लेकर अभी तक इंडिगो एयरलाइन की ओर से कोई प्रतिक्रिया शेयर नहीं की गई है.
आजतक बिजनेस डेस्क