भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर दी है, जिससे अब रेपो रेट घटकर 5.25 फीसदी पर आ चुका है. आरबीआई के रेपो रेट में कटौती के बाद बैंक लोगों के लिए लोन के ब्याज में भी कटौती कर सकते हैं, जिसके बाद आपके होम, ऑटो लोन की EMIs कम हो जाएगी. साथ ही अगर कोई नया व्यक्ति लोन लेने जाता है तो उसे कम ब्याज पर कर्ज मिल सकता है.
RBI की दो दिन तक चले मौद्रिक नीति की बैठक में सभी के सहमति से 25 बेसिस पॉइंट रेपो रेट कटौती किया गया है. इसके अलावा, आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कई ऐलान किए, जिसमें जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान पहले से बढ़ा दिया है. साथ ही महंगाई को लेकर भी अनुमान लगाया है.
GDP को लेकर बड़ा ऐलान
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) ग्रोथ अनुमान को संशोधित कर दिया है. भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) के फैसले का ऐलान करते हुए कहा कि 6.8% के पूर्व अनुमान की तुलना में 7.3% का नया अनुमान रखा गया है. मल्होत्रा ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन उम्मीदों से भी बेहतर रहा है. इस कारण आरबीआई ने ग्रोथ अनुमान बढ़ाया है.
जीडीपी को लेकर कितना रखा अनुमान
तीसरी तिमाही में GDP 7% और चौथी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.5% रखा गया है. अगले वित्तीय वर्ष 2026 के लिए पहली तिमाही में ग्रोथ 6.7% और दूसरी तिमाही में 6.8% का अनुमान रखा गया है. इन पॉजिटिव संकेतों के बाद भी आरबीआई का कहना है कि अनुमानों के रिस्क समान तौर से संतुलित हैं, जो स्थिर विकास नजरिए का संकेत देता है.
नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ
यह ग्रोथ रेट 2025-26 की दूसरी तिमाही में भारत की उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन के बाद आई है. जुलाई-सितंबर में अर्थव्यवस्था 8.2% की दर से बढ़ी, जो आरबीआई के पहले के 6.8% के अनुमान से अधिक है, जो पिछली छह तिमाहियों में सबसे तेज ग्रोथ है. दूसरी तिमाही में नॉमिनल जीडीपी भी 8.7% बढ़ा, जो पिछले वर्ष के 8.8% से थोड़ा कम है.
गौरतलब है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने रेपो दर में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की है, जिससे यह 5.5% से घटकर 5.25% हो गई है. यह समायोजन आरबीआई के तटस्थ नीतिगत रुख के अनुरूप है, जो स्थिर मुद्रास्फीति और धीमी वृद्धि के बीच सतर्कतापूर्ण रुख बनाए रखता है.
महंगाई का अनुमान
दूसरी तिमाही में कोर महंगाई में कमी आई है और कीमती धातुओं की कीमतों में नरमी के कारण इसके नियंत्रित रहने की उम्मीद है. RBI अब पूरे साल के लिए CPI इन्फ्लेशन का अनुमान 2% पर लगा रहा है, जो अक्टूबर में दिए गए अनुमान से कम है.
आजतक बिजनेस डेस्क