डॉलर के मुकाबले रुपया हर दिन गिरने का रिकॉर्ड बना रहा है. बुधवार को भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले गिरकर 90.14 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया. यह रुपया का ऑल टाइम लो लेवल है. रुपये में यह गिरावट ऐसे समय में आई है, जब भारत की GDP तेज रफ्तार से ग्रो कर रही है.
वहीं भारतीय रिजर्व बैंक की MPC बैठक भी शुरू हो चुकी है. ऐसे में रिजर्व बैंक द्वारा रुपया को लेकर बड़े कदम उठाये जा सकते हैं. वहीं यह भी कहा जा रहा है कि एमपीसी बैठक में रुपया में गिरावट के कारण रेपो रेट में कटौती हो सकती है. इस बीच, एक्सपर्ट ने अनुमान लगाया है कि आरबीआई क्या कदम उठा सकता है.
आरबीआई ले सकता है ये फैसला
हेलिओस कैपिटल के CEO दिनशॉ ईरानी ने बुधवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को शायद रुपये के 90 डॉलर प्रति डॉलर तक गिरने की उम्मीद नहीं थी, लेकिन उनका मानना है कि शुक्रवार 5 दिसंबर को केंद्रीय बैंक के नीतिगत फैसले पर इसका कोई असर पड़ने की संभावना नहीं है और आरबीआई 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर सकता है.
क्यों टूट रहा रुपया?
बिजनेस टुडे को दिए एक खास इंटरव्यू में ईरानी ने बताया कि पिछले साल जब बाकी सभी करेंसी डॉलर के मुकाबले गिर रही थीं, तब रुपया स्थिर था. उन्होंने कहा कि राजकोषीय और मौद्रिक सख्ती ने डॉलर के मुकाबले रुपये को काफी हद तक मजबूती दी है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इस बार वही चीजें हमें नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. ईरानी ने कहा कि हालिया व्यापार आंकड़े उत्साहजनक नहीं थे. टेक्नोलॉजी उत्पादन भी ज्यादा उत्साहजनक नहीं रहा है.
ईरानी ने कहा कि इन आंकड़ों ने थोड़ा असर डाला है. उन्होंने कहा कि रुपया में गिरावट की सबसे बड़ी वजह व्यापार समझौता है. मुझे नहीं पता कि यह कब होगा, लेकिन निश्चित रूप से पुतिन के रूस वापस लौटने से पहले नहीं होगा. इसलिए इस मोर्चे पर कुछ भी होने में अब करीब एक सप्ताह का समय बचा है.
रुपये में गिरावट से आरबीआई को नहीं कोई दिक्कत
शुक्रवार को आने वाली आरबीआई की नीतिगत समीक्षा के नतीजों पर ईरानी ने कहा कि MPC के सदस्य घरेलू आर्थिक आंकड़ों पर नजर रखेंगे. उन्होंने कहा कि आरबीआई सदस्यों के पास पर्याप्त समय है और उनके पास फैसला लेने के लिए पर्याप्त कारण हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि रुपया ही एकमात्र कारक नहीं है, जिसपर आरबीआई ध्यान देगा. वास्तवितक प्रभाव विनिमय दर है, जिसपर हम कुछ समय पहले तक नजर रख रहे थे, अभी भी ये बहुत ज्यादा है. ईरानी ने कहा कि रुपये में गिरावट से RBI को शायद कोई परेशानी नहीं है.
एक्सपर्ट ने कहा कि RBI राजकोष पर फोकस कर रहा है. मुझे नहीं लगता कि आरबीआई की ओर से ब्याज दरों में कटौती न करने का यही एकमात्र वजह है. आरबीआई मांग को बढ़ाना चाहता है और इसके लिए सिस्टम में पर्याप्त लिक्विडिटी मौजूद है. इसलिए अगर आरबीआई 25 बेसिस पॉइंट की कटौती करता है तो मुझे कोई ज्यादा आश्चर्य नहीं होगा.
आजतक बिजनेस डेस्क