महंगाई को लेकर RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की एक और चेतावनी... बैंकों को भी दिया खास संदेश

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने महंगाई की जोखिम को लेकर एक महीने के दौरान दूसरी बार चेतावनी दी है. वहीं बैंकों को ज्‍यादा लोन नहीं बांटने की भी सलाह दी है.

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आरबीआई गवर्नर ने महंगाई को लेकर एक महीने में दूसरी चेतावनी दी है. आरबीआई गवर्नर ने महंगाई को लेकर एक महीने में दूसरी चेतावनी दी है.

aajtak.in

  • नई दिल्‍ली ,
  • 22 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 6:31 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने महंगाई को लेकर एक बार फिर चेतावनी दी है. उन्‍होंने कहा कि महंगाई अभी भी आरबीआई के लक्ष्‍य से ऊपर है. ऐसे में महंगाई को लेकर हम सतर्क हैं और आगे भी इसपर फोकस रखेंगे. उन्‍होंने कहा कि खुदरा महंगाई (Retail Inflation) को लेकर कई कदम उठाए गए हैं. ग्रोथ की जगह महंगाई को कम करने पर ज्‍यादा ध्‍यान दिया गया है. मॉनिटरी पॉलिसी में महंगाई को लेकर ही चर्चा ज्‍यादा हुई है. हालांकि खाने की महंगाई (Food Inflation) अभी चिंता का विषय है, जो भारत के साथ ही अन्‍य देशों में भी एक समस्‍या बनी हुई है. 

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RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि हाल ही में कीमतों में नरमी के बावजूद भारत मौसम की घटनाओं और वैश्विक कारकों से खाद्द कीमतों के झटकों के प्रति संवेदनशील है. दास ने बैंकरों के एक सम्‍मेलन में बोलते हुए कहा कि महंगाई में भले ही कमी आई हो, लेकिन MPC को महंगाई को लेकर सतर्क रहना चाहिए. RBI गवर्नर की एक महीने के दौरान महंगाई के जोखिम को लेकर यह दूसरी चेतावनी है. इससे पहले 8 नवंबर को जापान में शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने चिंता जाहिर की थी. 

बढ़ सकती है अर्थव्‍यवस्‍था में मांग
मंगलवार को वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट में कहा गया कि वह विकास के बारे में आशावादी है, लेकिन महंगाई को लेकर सतर्क हैं. सरकार को उम्‍मीद है कि आने वाले समय में कीमतों में बड़ी गिरावट आ सकती है और एशिया के तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था (Economy) में मांग बढ़ सकती है. वहीं दास ने आगे कहा कि महंगाई लक्ष्‍य के साथ ही बैलेंसशीट मजबूत करने, बैंकिंग सिस्‍टम से जुड़े रिस्‍क पर पूरी नजर है. 

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बैंकों को क्‍यों नहीं देना चाहिए ज्‍यादा लोन 
बैंकों से जुड़े रिस्‍क पर बात करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि बैंक और NBFC को स्‍ट्रेस टेस्टिंग जारी रखनी चाहिए. एसेट लाइबिलिटी मैनेजमेंट मजबूत रखना होगा. कुछ लेनदारों ने लोन की अवधि भी बढ़ाई है. ऐसे में लाइ‍बिलिटी को बनाए रखने के लिए बैंकों को ज्‍यादा लोन नहीं बांटना चाहिए. 

क्‍या कहते हैं महंगाई के आंकड़े
गौरतलब है कि सितंबर की महंगाई के आंकड़े को देखें तो सब्जियों की कीमतों में नरमी के कारण भारत की खुदरा महंगाई (Retail Inflation) तीन महीने के निचले स्‍तर  5.02% पर आ चुकी है. हालांकि अभी भी ये 4 फीसदी के लक्ष्‍य से ज्‍यादा है. अक्टूबर में कंज्‍यूमर इंफ्लेशन टारगेट के करीब 4.87% पर पहुंच गई, जो चार महीने का निचला स्तर है. हालांकि खाद्य और पेय पदार्थों की महंगाई  पिछले महीने की तुलना में अक्टूबर में 6.24% पर अपरिवर्तित रही है. केंद्रीय बैंक ने पिछली चार बैठकों के दौरान नीति दर को अनचेंज रखा है. उम्‍मीद है कि 2023-24 में एवरेज इंफ्लेशन 5.4 फीसद रहेगी, जो पिछले वित्त वर्ष की महंगाई दर से कम है. 

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