पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव (India-Pakistan Tension) बढ़ चुका है. भारत ने पाकिस्तान पर एक के बाद एक ताबड़तोड़ एक्शन लिया है. भारत ने पहले सिंधु जल संधि को सस्पेंड किया, फिर सेनाओं को खुली छूट दी और अब पाकिस्तान के विमानों के लिए एयरस्पेस भी बंद (Indian Airspace Closed for PIA) कर दिया है. वहीं पाकिस्तान ने भी भारतीय विमानों के लिए पहले से ही अपना एयरस्पेस बंद कर रखा है.
पाकिस्तान कंगाली के कगार पर खड़ा है और अब भारत के एक्शन के बाद पाकिस्तान की हालत और खराब होने वाली है. पाकिस्तान का इंटरनेशनल एयरलाइन (PIA) मुश्किल दौर से गुजर रही है. पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) कई सालों से वित्तीय संकट में है, 2023 तक इसका कर्ज 785 बिलियन पाकिस्तानी रुपये तक पहुंच गया है और घाटा बढ़ता जा रहा है.
हालांकि, 2024 में उन्होंने 26.2 बिलियन पाकिस्तानी रुपये का मुनाफा दर्ज किया, लेकिन इस मुनाफे का ज्यादातर हिस्सा सरकार द्वारा PIA के 671 बिलियन पाकिस्तानी रुपये के कर्ज को उठाने से आया, जिससे यह कागज पर तो बेहतर दिख रहा है, लेकिन इसकी हालत बिल्कुल भी ठीक नहीं है. आलम ये है कि पाकिस्तान की एयलाइन PIA खत्म होने के कगार पर है. अब भारत सरकार के एयरस्पेस बंद करने के बाद इसपर असर गहरा हो सकता है.
पाकिस्तानी एयलाइंस पर भारत के एक्शन का कितना असर?
उड़ान-ट्रैकिंग डेटा से पता चलता है कि पाकिस्तानी फ्लाइट्स ने बुधवार रात को आधिकारिक प्रतिबंध की घोषणा से पहले ही भारतीय हवाई क्षेत्र से बचना शुरू कर दिया था. इंडिया टुडे की ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) टीम की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी एयरलाइन पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) द्वारा संचालित छह उड़ानों ने मंगलवार, 22 अप्रैल से मलेशिया की ओर अपना मार्ग बदलना शुरू कर दिया.
इस्लामाबाद और लाहौर हवाई अड्डों से कुआलालंपुर के लिए PIA की छह साप्ताहिक उड़ानें अब भारतीय हवाई क्षेत्र को बायपास करने के लिए चीन के रास्ते से होकर गुजर रही हैं. नया मार्ग काफी लंबा है, क्योंकि उड़ानें तिब्बती पठार से होकर गुजरती हैं, जिससे लगभग तीन घंटे का समय बढ़ जाता है.
पाकिस्तान सिर्फ PIA पर निर्भर
पाकिस्तानी ऑपरेटरों में, PIA एकमात्र वाहक है जो भारत से होकर गुजरने वाले रूट्स पर सर्विस पेश करता है. भारत के पास प्राइवेट एयरलाइंस हैं और यह कई मार्गों पर प्रतिदिन सैकड़ों फ्लाइट्स ऑपरेट करता है. लेकिन पाकिस्तान मुख्य रूप से अपनी सरकारी एयरलाइन, PIA पर निर्भर है. पाकिस्तान के पूर्व में स्थित जगहों पर जाने के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र से होकर फ्लाइट भरने की आवश्यकता होती है, जो कि ज्यादातर विदेशी एयलाइंस द्वारा संचालित होती हैं. इन एयरलाइंस पर भारतीय प्रतिबंध का कोई असर नहीं होगा.
तुलना करें या कोई तुलना नहीं?
डेटा और विशेषज्ञों के अनुसार, भारतीय आकाश में पाकिस्तानी एयरलाइन पर प्रतिबंध से उन्हें उतना नुकसान नहीं होगा जितना कि पाकिस्तान के प्रतिबंध से भारतीय ऑपरेटरों को नुकसान होगा. कारण सरल है, पाकिस्तानी पूर्व की ओर उतनी उड़ान नहीं भरते हैं, जितनी कि भारतीय पश्चिम की ओर यात्रा करते हैं.
दोनों देशों के विमानन उद्योगों में पैमाना और आकार एक और प्रमुख अंतर है. भारत का विमानन उद्योग दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा है, जो केवल संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन से पीछे है, जबकि पाकिस्तान वैश्विक स्तर पर 50वें स्थान पर है. वहीं पाकिस्ताान के कमर्शियल एयरलाइंस की अनुमानित फ्लाइट की कुल संख्या 53 है, जिसमें से 32 तो सिर्फ PIA करती है. वहीं प्रतिबंध से प्रभावित भारतीय एयलाइंस के पास हजार से ज्यादा विमानों का बेडा है.
मूर्खता वाले फैसले लेता है पाकिस्तान
एक पायलट ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि भारतीय प्रतिबंध से उड़ान के घंटे और ईंधन बढ़ेंगे और इसलिए PIA की प्रभावित उड़ानों के परिचालन लाभ में गिरावट आएगी, जो कर्ज में डूबी हुई, लेकिन ऐसा लगता है कि पाकिस्तान के पास लाभ कमाने की अवधारणा नहीं है. वे मूर्खतापूर्ण निर्णय लेते हैं और अपने लिए बड़ी समस्याएं पैदा करते हैं.
जहां तक भारतीय उड़ानों का सवाल है, हम इसके लिए तैयार हैं क्योंकि पाकिस्तान ने 2019 में अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया था भारत को अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने से कुछ भी नुकसान नहीं होगा, लेकिन पाकिस्तान को ओवरफ्लाइट चार्ज रेवेन्यू में करोड़ों का नुकसान होने की संभावना है.
पाकिस्तान पर बढ़ेगा आर्थिक दबाव
2019 के पुलवामा हमले के बाद सैन्य तनाव के दौरान भारतीय उड़ानों पर प्रतिबंध के पांच महीनों के दौरान पाकिस्तान को लगभग 250 करोड़ रुपये या पाकिस्तानी मुद्रा में 8.5 बिलियन का नुकसान हुआ. इन्फोमेरिक्स वैल्यूएशन एंड रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री डॉ. मनोरंजन शर्मा कहते हैं, 'यह उपाय 32 विमानों के मामूली बेड़े वाले छोटे आकार के PIA पर आर्थिक दबाव बढ़ाएगा.'
आजतक बिजनेस डेस्क