आपने महंगे पेट्रोल-डीजल से बचने के लिए CNG कार खरीदी या दिन-ब-दिन रसोई गैस सिलेंडर के बढ़ते दाम से बचने के लिए घर में PNG कनेक्शन लिया हो, संभव है कि आने वाले दिनों में इस वजह से हो रही आपकी बचत को बट्टा लग जाए. इसकी वजह नेचुरल गैस की कीमतों में 40% की रिकॉर्ड तेजी आना है.
नेचुरल गैस की कीमतों में इस वृद्धि की वजह से आपका सिर्फ गाड़ी चलाना या खाना पकाना ही महंगा हो सकता है, ऐसा नहीं है. बल्कि नेचुरल गैस का उपयोग बिजली और उर्वरक (फर्टिलाइजर्स) के प्रोडक्शन में भी होता है. यानी घर के बिजली बिल से लेकर खेती-बाड़ी पर भी इस वृद्धि का असर पड़ सकता है.
क्या है नेचुरल गैस का प्राइस ?
जिस तरह पेट्रोल-डीजल को बनाने के लिए क्रूड ऑयल का उत्पादन तेल के कुंओं से होता है. उसी तरह गैस बेस्ड प्लांट चलाने से लेकर सीएनजी और पीएनजी बनाने के लिए नेचुरल गैस का उपयोग होता है. इन्हें भी ऑयल फील्ड से ही निकाला जाता है. देश में जो कुल गैस उत्पादन होता है, उसका करीब दो-तिहाई इन्हीं ऑयल फील्ड से आता है. इस गैस के लिए जिस दाम का भुगतान किया जाता है, उसे ही नेचुरल गैस का प्राइस कहा जाता है. इसी में 40% की वृद्धि हुई है.
पहले कितने-अब इतने दाम
पेट्रोलियम मंत्रालय के तहत आने वाले पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (PPAC) के आदेशानुसार मौजूदा समय में एक यूनिट नेचुरल गैस की कीमत 6.1 डॉलर (लगभग 500 रुपये प्रति यूनिट) है, जो बढ़कर 8.57 डॉलर (करीब 700 रुपये) प्रति यूनिट हो गई है. जैसे क्रूड ऑयल की यूनिट प्रति बैरल में मापी जाती है, उसी तरह नेचुरल गैस की यूनिट 'प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट' होती है.
रिलायंस की नेचुरल गैस और महंगी
इतना ही नहीं नए या मुश्किल तेल क्षेत्रों से निकाली जाने वाली नेचुरल गैस का रेट इससे भी अधिक है. ऐसी एक ऑयल फील्ड रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) और उसकी सहयोगी कंपनी बीपी (BP) के पास केजी बेसिन में D6 Block के रूप में है. इस ऑयलफील्ड से निकलने वाली नेचुरल गैस की कीमत अब 12.6 डॉलर (करीब 1025 रुपये) प्रति यूनिट हो गई है, जो पहले 9.92 डॉलर (करीब 807 रुपये) प्रति यूनिट थी.
नेचुरल गैस की ये कीमत सरकार के नियंत्रण वाली और फ्री-मार्केट वाली यानी दोनों ही ऑयल फील्ड में सबसे ऊंची कीमत है. अगर इसके दामों में बढ़ोत्तरी की बात की जाए तो ये अप्रैल 2019 के बाद से लगातार बढ़ रहे हैं. यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के दौरान नेचुरल गैस के दाम लगातार बढ़े हैं. हालांकि इसमें इंटरनेशनल मार्केट की कीमतों का भी असर पड़ा है.
aajtak.in