How India Saves: कोरोना के बाद क्या बदला? लग गई ये आदत... रिपोर्ट में खुलासा!

FD-RD की जगह अब म्यूचुअल फंड SIP तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं. रिपोर्ट के मुताबिक 62% लोग म्यूचुअल फंड SIP में निवेश कर रहे हैं जो 2022 के मुकाबले 5 परसेंटेज प्वाइंट्स ज्यादा है.

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Investment Change After Covid  (Photo: AI) Investment Change After Covid (Photo: AI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 19 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 6:54 PM IST

कोरोना महामारी ने लोगों के जीवन पर गहरा असर डाला है. इस मुश्किल दौर के बाद लोगों में भविष्य के लिए बचत करने की आदत तेजी से बढ़ी है. अब लोग अपने और अपने परिवार के बेहतर भविष्य के लिए बचत करने के साथ ही इमरजेंसी जरूरतों के लिए भी पैसा जोड़ रहे हैं. 

इस बदलते ट्रेंड को लेकर बैंक बाजार की ‘मनीमूड’ रिपोर्ट के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं, जिनके मुताबिक 61% लोग विपरीत परिस्थितियों में जरूरी खर्चों के लिए बचत कर रहे हैं जबकि 48% लोग बच्चों की परवरिश के लिए, 47% मुनाफे के लिए, 44% लाइफस्टाइल सुधारने के लिए, 42% घूमने पर और 27% लोग कौशल विकास के लिए पैसे जोड़ रहे हैं. 

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संकट के लिए बचत बनी प्राथमिकता! 
संकट के समय के लिए बचत करना अब लोगों की प्राथमिकता में शुमार हो गया है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 31% लोग रिटायरमेंट के लिए और 28% लोग लग्जरी प्रॉडक्ट्स पर खर्च के लिए बचत कर रहे हैं. इसके साथ ही, FD-RD की जगह अब म्यूचुअल फंड SIP तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं. रिपोर्ट के मुताबिक 62% लोग म्यूचुअल फंड SIP में निवेश कर रहे हैं जो 2022 के मुकाबले 5 परसेंटेज प्वाइंट्स ज्यादा है.

FD-RD में 2022 के 54% के मुकाबले 57% लोग निवेश कर रहे हैं. इस बीच एक दिलचस्प बात सामने ये भी आई है कि सीधे शेयर बाजार में और क्रिप्टोकरेंसी में निवेश घट रहा है. बैंक बाजार के मुताबिक शेयर बाजार में 2022 में 45% लोग निवेश करते थे, जो 2024 में घटकर 40% रह गए हैं. इसी तरह क्रिप्टोकरेंसी में 2022 के 32% से घटकर 2024 में 12%, PF-पोस्टल स्कीम में 45% से घटकर 41% और सोने में निवेश 2022 के 33% से घटकर अब 30% लोगों की पसंद बनकर रह गया है. 

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कोरोना के बाद बढ़ा लोगों का खर्च
बचत के साथ ही लोगों ने अब खर्च भी बढ़ा दिया है. रिपोर्ट में दिवाली के दौरान खर्चों का ग्राफ बढ़ने का दावा किया गया है. इस साल दिवाली के महीने में 2023 के 1.6 लाख करोड़ के मुकाबले 2 लाख करोड़ रुपये खर्च हुए हैं जिससे औसत खर्च 2023 के 16,734 से बढ़कर 18,878 पर पहुंच गया है.

इस रिपोर्ट में कहा गया है रिटायरमेंट प्लानिंग पर भी लोग खूब फोकस कर रहे हैं और रिपोर्ट बताती है कि 58% लोगों के पास रिटायरमेंट के लिए पर्याप्त फंड है, जबकि 42% के पास कोई योजना नहीं है. वहीं 6% लोग 25 लाख से ज्यादा का रिटायरमेंट फंड जमा करना चाहते हैं, 19% लोग 25 से 50 लाख की बचत को काफी मानते हैं और 10%लोग 2 से 5 करोड़ रुपये के फंड को सही मानते हैं. 

इस रिपोर्ट में एक दिलचस्प बात ये भी सामने आई है कि लोगों की रिटायरमेंट की उम्र में अब बड़ा बदलाव आ रहा है, जिसके मुताबिक 54% लोगों ने 51 से 60 साल को सही बताया जबकि 21% लोग 41 से 50 साल के बीच में रिटायर होना चाहते हैं. यानी कोरोना काल के बाद लोगों की निवेश, बचत और खर्च से जुड़ी सभी आदतों में काफी बदलाव आए हैं जो आगे चलकर और भी नया ट्रेंड दिखा सकते हैं.
 

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