सरसों तेल-रिफाइंड ऑयल के दाम में एक बार फिर आई तेजी, जानें कब तक घटेंगे रेट

मोदी नैचुरल्स के ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर अक्षय मोदी ने बताया कि पिछले 7-10 दिन में सभी तरह के Edible Oil की कीमतों में तेजी आई है. उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर Palm Oil और Soyabean Oil में 18-20 रुपये प्रति लीटर की गिरावट आई है.

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Mustard Oil Mustard Oil

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 7:37 AM IST
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महंगे हुए सरसों तेल
  • मलेशिया में लेबर शॉर्टेज की वजह से असर

देश में शादी-विवाह का सीजन शुरू हो चुका है. कोविड-19 की वजह से भले ही इसकी धूम पहले के मुकाबले थोड़ा कम है लेकिन भारत में शादियों में कई तरह के पकवान ना बनें, ऐसा कैसा हो सकता है. हालांकि, इस सीजन की शुरुआत के साथ ही सरसों तेल और रिफाइंड (Mustard Oil and Refined Oil) सहित सभी तरह के Edible Oils के रेट में तेजी आ गई है. आइए जानते हैं कि इस तेजी की वजह क्या है और अगले कितने दिन में कीमतों में नरमी आएगी:

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8-10 रुपये महंगे हुए तेल

मोदी नैचुरल्स के ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर अक्षय मोदी ने बताया कि पिछले 7-10 दिन में सभी तरह के Edible Oil की कीमतों में तेजी आई है. उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर Palm Oil और Soyabean Oil में 18-20 रुपये प्रति लीटर की गिरावट आई है. इस वजह से सरसों तेल सहित सभी तेल के दाम में औसतन 8-10 रुपये की तेजी आई है. 

जानिए इस तेजी की वजह

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के प्रेसिडेंट अतुल चतुर्वेदी ने बताया कि रेट में मौजूदा तेजी की वजह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतों में आई उछाल है. उन्होंने कहा कि इंडोनेशिया की सरकार घरेलू स्तर पर पाम ऑयल के Consumption पर जोर दे रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक वहां की सरकार ने पाम ऑयल के एक्सपोर्ट की अधिकतम सीमा तय कर दी है. इससे रेट में अंतर आया है. चतुर्वेदी के मुताबिक इस समय ब्राजील और अर्जेंटीना में भी खाद्य तेलों के प्रोडक्शन पर असर पड़ा है. 

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अक्षय ने भी कीमतों में तेजी के पीछे घरेलू कारण होने से इनकार किया. उन्होंने बताया कि मलेशिया में लेबर शॉर्टेज की वजह से असर पड़ा है. उन्होंने बताया कि रूस और यूक्रेन से जुड़े डेवलपमेंट का असर भी Edible Oil Prices पर पड़ा है. 

कब तक कीमतों में आएगी नरमी

सरसों तेल और रिफाइंड के दाम में तेजी से कई घरों का बजट बिगड़ जाता है. ऐसे में इसके रेट को लेकर काफी अधिक चिंता देखी जाती है. अक्षय ने बताया कि अगले कुछ दिनों में सरसों तेल के रेट में कमी देखने को मिल सकती है क्योंकि घरेलू स्तर पर सरसों की 30-40 फीसदी ज्यादा पैदावार हुई है.

 

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