Russia Oil Deal: रूस से सस्‍ता तेल खरीदेंगे Mukesh Ambani, रिलायंस इंडस्‍ट्रीज ने की बड़ी डील

रूस की कंपनी से ये डील रिलायंस इंडस्‍ट्रीज के लिए सस्‍ते में तेल आयात करने में मदद करेगी. भारत की दिग्‍गज कंपनी रिलायंस इंडस्‍ट्रीज एक साल में 3 मिलियन बैरल तेल का आयात करेगी.

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Mukesh Ambani Mukesh Ambani

aajtak.in

  • नई दिल्‍ली ,
  • 29 मई 2024,
  • अपडेटेड 8:36 PM IST

मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्‍ट्रीज लिमिटेड ने रूस की रोसनेफ्ट (Rosneft) के साथ एक साल का करार किया है. इस डील के साथ मुकेश अंबानी की कंपनी रूबल में तेल की खरीद करेगी और कम से कम 3 मिलियन बैरल कच्‍चे तेल की खरीदारी होगी. रोसनेफ्ट से डील की वजह से रियायती दर पर रिलायंस इंडस्ट्रीज को तेल सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी. 

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रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की दिग्‍गज कंपनी रिलायंस इंडस्‍ट्रीज एक साल में 3 मिलियन बैरल तेल का आयात करेगी. संभावना जताई जा रही थी कि तेल उत्‍पादक देशों के समूह ओपेक+ (OPEC+) की तरफ से जून 2024 से आगे भी तेल सप्‍लाई में कटौती जारी रहेगी.  OPEC+ 2 जून 2024 को एक ऑनलाइन बैठक में उत्‍पादन में कटौती का ऐलान कर सकता है. 

रिलायंस रियायती दर पर खरीदेगी तेल 
इसी बीच,  रूस की कंपनी से ये डील रिलायंस इंडस्‍ट्रीज के लिए सस्‍ते में तेल आयात करने में मदद करेगी. यह डील ऐसे समय में किया गया है, जब‍ अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूसी तेल खरीद पर प्रतिबंध लगाया है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा यह डील पश्चिमी देशों में कारोबार को और सुविधाजनक बनाने के लिए किया है. रॉयटर्स के सूत्रों ने बताया कि यह डील 1 अप्रैल से प्रभावी है. 

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डील में क्‍या खास? 
रिलायंस रूस से यूराल कच्चे तेल के लगभग 10 लाख बैरल के दो कार्गो खरीदेगी और मध्य पूर्व दुबई बेंचमार्क के मुकाबले 3 डॉलर प्रति बैरल की छूट पर हर महीने चार और कार्गो खरीदने का विकल्प भी होगा. इसका मतलब है कि सस्‍ती दर पर रिलायंस रूस से तेल की खरीदारी करेगी. रूसी कंपनी ने रॉयटर्स को बताया कि भारत रोसनेफ्ट तेल कंपनी के लिए एक रणनीतिक साझेदार है. साथ ही यह भी कहा कि वह साझेदारों के साथ गोपनीय डील पर कोई टिप्‍पणी नहीं करती है.  

सल्‍फर वाले कच्‍चे तेल भी खरीदेगी कंपनी 
रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय कंपनियों के साथ सहयोग में उत्पादन, तेल रिफाइन और तेल एवं पेट्रोलियम उत्पादों के व्यापार के क्षेत्र में परियोजनाएं शामिल हैं. सूत्रों ने बताया कि रिफाइनर कंपनी प्रति माह कम सल्फर वाले कच्चे तेल की एक से दो खेप भी खरीदेगी. खासतौर पर रूस के प्रशांत क्षेत्र के बंदरगाह कोजमिनो से निर्यात किए जाने वाले ईएसपीओ ब्लेंड की, जो दुबई के भावों की तुलना में 1 डॉलर प्रति बैरल के प्रीमियम पर होगी. 

HDFC Bank की होगी बड़ी भूमिका 
सूत्रों ने बताया कि रिलायंस ने HDFC बैंक और रूस के Gazprom बैंक के माध्यम से रूस के रूबल का उपयोग करके तेल के लिए भुगतान करने पर सहमति व्यक्त की है. बता दें दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक और उपभोक्ता भारत अब समुद्री मार्ग से रूसी कच्चे तेल की खरीद में सबसे आगे है, क्योंकि रूस द्वारा 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद प्रतिबंधों के कारण पश्चिमी देशों ने खरीद बंद कर दी थी. भारत ने रूसी तेल के लिए रुपये, दिरहम और चीनी युआन में भुगतान भी किया. 

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गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में केंद्र सरकार ने कथित तौर पर सरकारी तेल रिफाइनर और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड से रूस के साथ लॉन्‍ग टर्म आपूर्ति समझौते पर संयुक्त रूप से बातचीत करने के लिए कहा था. सरकारी सूत्रों ने बताया कि सरकार चाहती थी कि सरकारी रिफाइनर रूस से अपनी कॉन्‍ट्रैक्‍ट आपूर्ति का कम से कम 33% एक निश्चित छूट पर लॉक करें ताकि देश की अर्थव्यवस्था को अस्थिर कीमतों से बचाने में मदद मिल सके.

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