लोन की ईएमआई पर और राहत नहीं, रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में नहीं किया बदलाव

रिजर्व बैंक के मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 5 से 7 अप्रैल तक हुई. आज इस बैठक के नतीजों का ऐलान किया गया. रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 4 फीसदी पर बरकरार रखा है.  रिजर्व बैंक ने 2021-22 के लिए जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को भी 10.5 फीसदी पर बरकरार रखा है.

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RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (फाइल फोटो) RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 07 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 10:24 AM IST
  • रिजर्व बैंक ने किया ऐलान
  • मौद्रिक नीति की समीक्षा की गई
  • ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिन की बैठक आज यानी बुधवार को खत्म हो गई. भारतीय रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. इसकी वजह से लोन की ईएमआई पर और राहत नहीं मिलेगी. रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 4 फीसदी पर बरकरार रखा है. 

आज सुबह 10 बजे रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस बैठक के नतीजों की घोषणा की. गौरतलब है कि  MPC की तीन दिन की बैठक 5 अप्रैल को शुरू हुई थी. रिजर्व बैंक ने इस वित्त वर्ष यानी 2021-22 के लिए जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को भी 10.5 फीसदी पर बरकरार रखा है.

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शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना का प्रसार बढ़ने के बावजूद इकोनॉमी में सुधार हो रहा है. हालांकि हाल में जिस तरह से मामले बढ़े हैं, उससे थोड़ी अन‍िश्चिचतता बढ़ी है. लेकिन भारत चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि फरवरी में खुदरा महंगाई 5 फीसदी की ऊंचाई पर रहने के बावजूद यह रिजर्व बैंक के सुविधाजनक सीमा के दायरे में है. 

रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो रेट को भी 3.35 फीसदी पर बरकरार रखा है. बैंक रेट भी 4.25 फीसदी पर यथावत है. रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को रिजर्व बैंक से उधार मिलता है, जबकि रिवर्स रेपो दर वह रेट होती है, जिस पर रिजर्व बैंक अपने पास बैंकों द्वारा पैसा जमा करने पर बैंकों को ब्याज देता है. 

ये है जीडीपी अनुमान 

कोरोना के बढ़ते मामलों के बावजूद रिजर्व बैंक ने इस वित्त वर्ष यानी 2021-22 के लिए जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को भी 10.5 फीसदी पर बरकरार रखा है. एमपीसी ने पिछले ऐलान में भी जीडीपी का यही अनुमान जारी किया था. 

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पिछली बार भी नहीं हुआ था बदलाव 

गौरतलब है कि इसके पहले आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 5 फरवरी को हुई द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया था और रेपो रेट 4% पर बरकरार रखा था.

महंगाई ऊंचाई पर 

हाल में महंगाई काफी बढ़ गई है. कोरोना की दूसरी लहर ने चिंता पैदा की है और इससे एक बार फिर इकोनॉमी के लिए जोख‍िम बढ़ा है. इस वजह से लोगों को इस बात का भी इंतजार था कि रिजर्व बैंक जीडीपी के अनुमान में क्या कोई बदलाव करता है? हालांकि खुदरा मुद्रास्फीति अभी रिजर्व बैंक के सुविधाजनक स्तर  4 फीसदी (2 फीसदी ऊपर या नीचे) से बहुत ज्यादा बाहर नहीं है. फिर भी जानकारों का कहना है कि रिजर्व बैंक अब ब्याज दर में बदलाव के लिए किसी सही मौके का इंतजार करेगा. 

 

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